रोहतक में कलंकित होते रिश्ते, अपनों के खून से अपने ही रंग रहे हाथ
पिछले कुछ माह में ऐसे हत्याकांड अधिक हुए जिसमें अपने ही कातिल हत्यारे बन गए। कहीं पति ने पत्नी को मारा तो कहीं पिता बेटी का हत्यारा बन गया। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ केसों के बारे में जिसमें अपनों के खून से ही अपनों के हाथ रंगे गए।
रोहतक, जेएनएन। माता-पिता, पति-पत्नी और भाई-बहन। यह कुछ ऐसे रिश्ते हैं, जो एक-दूसरे की भावनाओं को समझते हैं। एक-दूसरे को सम्मान करते हैं। शायद ही इस धरती पर इनसे मजबूत कोई रिश्ता हो, लेकिन पिछले कुछ माह में जो आपराधिक मामले सामने आए हैं उसने इन रिश्तों पर भी प्रश्न चिह्न लगा दिया है। जिस बेटे का पालन-पोषण कर उसे इतना बड़ा किया, वही बेटा माता-पिता का हत्यारा बन गया। तो दूसरी तरफ सात फेरों के साथ सात जन्मों की कसमें खाने वाला पति भी पीछे नहीं रहा और पत्नी को ही मौत की नींद सुला दी। बेटी को लक्ष्मी का रूप माना जाता है, लेकिन उसे भी मौत के घाट उतार दिया गया। इस मासूम की हत्या का आरोप और किसी पर नहीं, बल्कि उसके पिता पर ही है। आइए बताते हैं ऐसे ही कुछ केसों के बारे में जिसमें अपनों के खून से ही अपनों के हाथ रंगे गए।
सांघी में पत्नी और 10 साल की बेटी की हत्या
सांघी गांव निवासी संदीप अपने परिवार के साथ राजेंद्रा कालोनी में रहता था। 23 फरवरी की शाम उसने अपनी पत्नी सुनील और 10 वर्षीय बेटी भावना की हत्या कर दी और वहां से फरार हो गया। 24 फरवरी को सुबह दोनों के शव मिले, जिसके बाद हत्याकांड का पता चला। हत्या के पीछे की कोई ठोस वजह भी नहीं थे। दंपती के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर झगड़ा होता था। इसलिए हत्याकांड को अंजाम दे दिया गया।
कन्हेली गांव में चाचा ने भतीजी और उसके प्रेमी को मारा
दिसंबर 2020 में कन्हेली गांव की रहने वाली पूजा और बखेता गांव निवासी रोहित की एमडीयू के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पूजा और रोहित शादी करना चाहते थे। पूजा के चाचा कुलदीप ने रोहित के स्वजनों को फोन कर बुलाया कि कोर्ट मैरिज करा देंगे। इसके बाद यूनिवर्सिटी के सामने बुलाकर ताबड़तोड़ गोलिया बरसा दी थी। इसमें रोहित का भाई भी गोली लगने से घायल हो गया था।
जेब खर्च न मिलने पर माता-पिता की जान ले ली
पाकस्मा गांव निवासी रिटायर्ड फौजी ब्रह्मजीत और उसकी पत्नी सुमित्रा अपने बेटे पवन के साथ रहते थे। मई 2020 में पवन ने रात के समय दोनों की हत्या की और फिर दोनों के शव ट्रैक्टर में डालकर करीब तीन किलोमीटर दूर सड़क किनारे फेंक दिए थे। आरोपित ने जेब खर्च के लिए रुपये नहीं मिलने पर वारदात को अंजाम दिया था।
चाल चलन पर शक था, पत्नी को उतारा मौत के घाट
मई 2020 में भैणी महाराजपुर गांव में ग्राम पंचायत सदस्य सत्यवान ने अपनी पत्नी अनिता की चाकू से हत्या कर दी थी। इसे बाद खुद ही थाने में जाकर सरेंडर कर दिया था। आरोपित ने पूछताछ में पत्नी के चाल-चलन को ठीक नहीं बताया था। जिस कारण उसे मौत के घाट उतार दिया था।
पड़ोसी से किया प्रेम विवाह, तो धारदार हथियारों से काट डाला
फरमाणा गांव की रहने वाली युवती की जून 2020 में हत्या कर दी थी। युवती ने अपने पड़ोसी के साथ प्रेम विवाह किया था, जिससे स्वजन नाराज थे। उन्होंने धोखे से युवती और युवक को घर बुलाया, लेकिन रास्ते में ही धारदार हथियार से वार कर उनकी हत्या कर दी थी। यह मामला भी काफी सुर्खियों में रहा था।