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झज्‍जर में छुछकवास बाईपास के लिए 40 लाख रूपये प्रति एकड़ के भाव से होगी जमीन की रजिस्ट्री

बाईपास के लिए लोक निर्माण विभाग किसानों से सीधे जमीन खरीदेगा। जिसका रास्ता सोमवार सायं सीएम मनोहर लाल डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के साथ उपायुक्त कैप्टन शक्ति सिंह व दो ग्रामीणों के साथ मौजूद रहे गांव के निवर्तमान सरपंच महेंद्र यादव के साथ हुई मीटिंग के बाद तय हो गया।

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 28 Jun 2022 12:07 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2022 12:07 PM (IST)
झज्‍जर में छुछकवास बाईपास के लिए 40 लाख रूपये प्रति एकड़ के भाव से होगी जमीन की रजिस्ट्री
झज्‍जर में दशकों से चली आ रही थी मांग, सीधी खरीदी जाएगी किसानों से जमीन, जाम से मिलेगी मुक्ति

अमित पोपली, झज्जर : छुछकवास क्षेत्र से होकर गुजरने वाले बाईपास के लिए लोक निर्माण विभाग किसानों से सीधे जमीन खरीदेगा। जिसका रास्ता सोमवार सायं सीएम मनोहर लाल, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के साथ उपायुक्त कैप्टन शक्ति सिंह व दो ग्रामीणों के साथ मौजूद रहे गांव के निवर्तमान सरपंच महेंद्र यादव के साथ हुई मीटिंग के बाद तय हो गया है। 40 लाख रूपये प्रति एकड़ के भाव से जमीन की रजिस्ट्री होगी। विभागीय स्तर पर नोटिफिकेशन जारी हो जाने के बाद जमीनी स्तर पर प्रक्रिया शुरु कर दी जाएगी। जिसकी पुष्टि उपायुक्त कैप्टन शक्ति सिंह द्वारा भी की गई है। बता दें कि इसके लिए चिह्नित की गई भूमि ई-भूमि पोर्टल पर डाली गई है। किसानों से विभाग ई-भूमि पोर्टल के माध्यम से नियमानुसार भूमि खरीदी जाएगी।

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90 फीसद किसान जता चुके अपनी सहमति

बता दें कि प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद मारौत से मातनहेल रोड को जोड़ने वाले करीब छह किलोमीटर लंबे इस बाईपास का निर्माण कार्य जमीन खरीद की प्रक्रिया पूरी होते ही लोक निर्माण विभाग की तरफ से शुरू किया जाएगा। बाईपास के लिए भूमि देने के लिए करीब 90 फीसद लोग अपनी सहमति भी जता चुके हैं। भूमि मालिकों को ई-पोर्टल पर कागजात अपलोड करने के बाद विभाग के नाम रजिस्ट्री करवानी होगी। दरअसल, बाईपास निर्माण के लिए सरकार की तरफ से जून 2019 में करीब 25 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दी जा चुकी है।

लोगों को मिलेगी लंबे जाम से राहत

छुछकवास में बाईपास का निर्माण होने के बाद लोगों को यहां अक्सर लगने वाले लंबे जाम से राहत मिलेगी। छुछकवास चौक पर ट्राली उद्योग की दुकानें अधिक होने के कारण और दिर-रात हजारों की संख्या में वाहन गुजरने के कारण अधिकांश समय जाम लगा रहता है। दिल्ली, गुरुग्राम क्षेत्र को जाने वाले, रोहतक- झज्जर, राजस्थान आदि को जाने वाले वाहन यहां से ही गुजरते हैं। जबकि, झाड़ली क्षेत्र में औद्योगिक इकाईयां स्थापित हो जाने के बाद भी यहां से वाहनों का आवागमन पहले से काफी ज्यादा बढ़ गया है। बता दें कि बाईपास के निर्माण के लिए करीब 26.8 एकड़ जमीन की आवश्यकता है, जिसमें गांव मारोत के किसानों की 5.9 व गांव छुछकवास के किसानों की 22.9 एकड़ भूमि शामिल है।

हाई परचेज कमेटी द्वारा दी गई स्वीकृति से जगी बाईपास निर्माण की उम्मीद

देखा जाए तो छुछकवास चौक पर अधिकांश समय वाहनों के अत्यधिक आवागमन के कारण जाम की स्थिति बनी रहती है। वाहन चालकों को काफी समय तक यहां पर जाम में फंसे रहने पर मजबूर होना पड़ता है। करीब पिछले दो दशक से इस बाईपास के निर्माण की मांग चली आ रही है। ई-भूमि खरीद पोर्टल पर भी बाईपास के निर्माण के लिए भूमि को आनलाइन किया गया था। काफी समय से जमीन के लिए सहमति नहीं बन पा रही थी। जिससे यह मामला अटका हुआ था। अब हाई परचेज कमेटी द्वारा दी गई स्वीकृति के बाद बाईपास के निर्माण की उम्मीद जगी है।

----सोमवार सायं हुई मीटिंग में स्वीकृति दी गई है। जमीन का रेट तय हो गया है। नोटिफिकेशन जारी हो जाने के बाद जमीनी स्तर पर कार्य शुरु कर दिया जाएगा।

कैप्टन शक्ति सिंह, उपायुक्त

----क्षेत्र के दो किसानों के साथ मीटिंग में शामिल थे। 40 लाख रूपये प्रति एकड़ का रेट रजिस्ट्री के लिए तय हुआ है। सीएम, डिप्टी सीएम सहित कमेटी में शामिल सभी का आभार।

महेंद्र यादव, निवर्तमान सरपंच, छुछकवास


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