आपदा जोखिम को कम किया जाना अति आवश्यक : प्रो. टंकेश्वर कुमार
विकास को गति देने के लिए आवश्यक है कि आपदा जोखिम को कम किया जाए। उन्होंने आपदा प्रबंधन को समय की मांग बताया तथा कहा कि इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत जैसे विभिन्नताओं के देश में तो यह और भी अधिक आवश्यक है। प्रो. सूर्य प्रकाश ने महामारी जलवायु परिवर्तन तथा आपदा जोखिम न्यूनीकारण विषय पर संबोधन दिया।
जागरण संवाददाता, हिसार : आपदा अक्सर एक बड़े संकट के रूप में सामने आती है। आपदा जोखिम को कम किया जाना अति आवश्यक है। प्राकृतिक आपदाओं का पर्यावरण असंतुलन से भी सीधा संबंध है। हमें पर्यावरण संतुलन की ओर भी ध्यान देना चाहिए। यह बातें गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कही।
वह विश्वविद्यालय के पर्यावरण एवं अभियांत्रिक विभाग की तरफ से अंतरराष्ट्रीय 'आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस' के उपलक्ष्य पर आयोजित एक वेबिनार को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। कुलसचिव डा. अवनीश वर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। वेबिनार के मुख्यवक्ता भारत सरकार के गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय प्रबंधन आपदा संस्थान के जियो मैट्रोलोजिकल रिस्क मैनेजमेंट डिविजन के अध्यक्ष प्रो. सूर्य प्रकाश थे। अध्यक्षता विभाग के अधिष्ठाता एवं अध्यक्ष प्रो. प्रवीण शर्मा ने की।
डा. अवनीश वर्मा ने कहा है कि विकास को गति देने के लिए आवश्यक है कि आपदा जोखिम को कम किया जाए। उन्होंने आपदा प्रबंधन को समय की मांग बताया तथा कहा कि इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत जैसे विभिन्नताओं के देश में तो यह और भी अधिक आवश्यक है। प्रो. सूर्य प्रकाश ने 'महामारी, जलवायु परिवर्तन तथा आपदा जोखिम न्यूनीकारण' विषय पर संबोधन दिया। प्रो. प्रवीण शर्मा ने विभाग की गतिविधियों के बारे में बताया। वेबिनार के संयोजक प्रो. आर. बास्कर ने वेबिनार के बारे में विस्तृत जानकारी दी।