3:40 बजे रेडक्रॉस दफ्तर में रेड का बना प्लान, 20 मिनट में पहुंची डीसी मगर सब मिला ठीक
जागरण संवाददाता हिसार काफी लंबे समय से उच्चाधिकारियों ने निरीक्षण की प्रक्रिया को लगभग
जागरण संवाददाता, हिसार: काफी लंबे समय से उच्चाधिकारियों ने निरीक्षण की प्रक्रिया को लगभग कम ही कर दिया है। मगर डीसी डा. प्रियंका सोनी अब एक्शन मोड में नजर आ रही हैं। बुधवार को दोपहर 3:40 बजे डीसी ने रेडक्रॉस दफ्तर में निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की हकीकत जानने को रेड की योजना बनाई, बिना किसी को सूचना दिए 20 मिनट में यानि 4 बजे वह अपनी गाड़ी से रेडक्रॉस दफ्तर पहुंच गईं। सचिव के कक्ष में गईं और देखा सचिव नहीं थे, पूछा तो पता चला कि चंडीगढ़ काम से गए हैं। डीसी के आते ही दफ्तर में कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। डीसी ने हाजिरी रजिस्टर और कर्मचारियों की उपस्थिति का मिलान किया। खास बात है कि अधिकारियों को भी नहीं पता था कि डीसी रेडक्रॉस में निरीक्षण के लिए जा रही हैं। हालांकि पूरे निरीक्षण में स्थितियों में काफी सुधार मिला। इस अवसर पर जिला प्रशिक्षण अधिकारी सुरेंद्र श्योराण, लेखाकार राहुल शर्मा, सहायक पूनम शर्मा, जगदीश चंद सहित अन्य सभी कर्मचारी मौजूद पाए गए।
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दिव्यांगों के उपकरणों की ली जानकारी
रेडक्रॉस भवन पहुंचकर उपायुक्त ने सबसे पहले दिव्यांग प्रतिष्ठापन केंद्र में प्रोस्थेटिक व आर्थेटिक कक्षों का निरीक्षण किया। यहां तैनात सुरेश कुमार ने उपायुक्त को दिव्यांगजनों के लिए तैयार किए जाने वाले सहायक उपकरणों के बारे में जानकारी दी। उपायुक्त ने इनमें प्रयोग होने वाले कच्चे माल सहित तमाम पहलुओं के संबंध में जानकारी ली। इसके अलावा उपायुक्त ने एड्स कंट्रोल सोसाइटी द्वारा संचालित टार्गेटिड इंटर्वेंशन प्रोजेक्ट के कार्यालय का निरीक्षण किया। यहां उन्होंने प्रोजेक्ट मैनेजर बिदिया गौतम से इस प्रोजेक्ट में कार्यरत कर्मचारियों व कार्यों के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने फर्स्ट एड कार्यालय व प्राथमिक सहायता प्रशिक्षण कक्ष का भी निरीक्षण किया। उन्होंने ड्राइविग लाइसेंस के लिए प्राथमिक चिकित्सा का सर्टिफिकेट कोर्स कर रहे प्रशिक्षुकों से भी सीधा संवाद किया। उपायुक्त ने बताया कि हम सबकी पहली कोशिश यही होनी चाहिए कि हमारी वजह से कोई दुर्घटना न होने पाए। दुर्घटना की स्थिति में जान जाने और इसे बचाने के बीच का समय बहुत कम होता है। यदि मौके पर थोड़ी चुस्ती व सावधानी बरती जाए तो घायल की जान बचाई जा सकती है।
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इन सुविधाओं का भी जाना हाल
उपायुक्त ने फिजियोथेरेपी सेंटर व कंप्यूटर सेंटर का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कर्मचारियों की हाजिरी की जांच की और एंबुलेंस, रक्तदान गतिविधियों, आंचल मानसिक विकास केंद्र, ब्लाइंड स्कूल, शीघ्र हस्तक्षेप योजना, बेघर व्यक्तियों के लिए चलाए जा रहे आश्रय स्थलों, अस्थायी नारी निकेतन, विभिन्न पाठ्यक्रमों, ई-विद्या वाहिनी, वरिष्ठ नागरिकों के लिए चलाई जा रही योजना व अल्ट्रासाउंड सेंटर आदि की गतिविधियों के बारे में भी समुचित जानकारी ली।