पशु डेयरी प्लॉटों के लिए आज होंगे रेट फाइनल
ऐसे में अब शहरवासियों के लिए खुशी की खबर है कि डेयरी शिफ्टिंग प्रोजेक्ट सिरे चढ़ने जा रहा है। पशु डेयरी जल्द शहर से बाहर होने की स्थिति बन गई है। बैठक में मेयर गौतम सरदाना से लेकर उपायुक्त निगम कमिश्नर तहसीलदार डीआरओ डीटीपी मौजूद होंगे।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र-पिहोवा
जिला प्रशासन ने दो दिन पहले ही चौदस और अमावस्या के दिन कुरुक्षेत्र व पिहोवा के तीर्थों पर श्रद्धालुओं के एकत्रित होने पर रोक लगा दी थी। पिहोवा में बाजार तक को बंद रखा गया, लेकिन श्रद्धालु प्रशासन के रोके न रुके। कुरुक्षेत्र में सन्निहित सरोवर व पिहोवा में श्रद्धालु पिडदान करने के लिए जैसे-तैसे पहुंच ही गए। हालांकि सन्निहित सरोवर पर श्रद्धालुओं की संख्या बहुत कम रही। मगर पिहोवा में तो कई जगह पिडदान कराने आए श्रद्धालुओं की नाकों पर पुलिस कर्मचारियों के साथ तीखी नोक-झोंक भी हो गई। पिहोवा में सरस्वती तीर्थ को सील कर दिया गया तो श्रद्धालुओं ने सड़कों पर बैठकर पिडदान कराए। पिहोवा नपा ने बिना मास्क, अवैध पार्किंग करने वाले 22 लोगों के चालान भी किए। मगर दूर दराज क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालु पिडदान कराकर ही वापस लौटे। प्रशासन की नाक तले श्रद्धालु सड़कों पर करवाते रहे पूजा
पिहोवा एसडीएम सोनू कुमार ने बढ़ती कोरोना महामारी को देखते हुए 16 व 17 सितंबर को पिहोवा शहर को बंद कर दिया था। सरस्वती तीर्थ के प्रवेश द्वारों को भी सील कर दिया गया। जहां पुलिस तैनात रही। शहर में जगह-जगह नाके भी लगाए गए। मगर श्रद्धालु किसी के रोके न रुके। अपने निजी वाहनों से आए श्रद्धालुओं को नाकों पर रोका गया मगर वे फिर भी नहीं माने और पूजा कराने के लिए भी पुलिस कर्मचारियों से बहस करते रहे। चंडीगढ़, पंजाब व दिल्ली से आए ओमप्रकाश, सत्या देवी, रजनी, संजीव, विनोद, राजू, सुरेश ने बताया कि वे 150 से 200 किलोमीटर दूर से आए हैं। उन्हें यहां आकर पता चला कि पूजा पाठ बिल्कुल बंद है। श्रद्धालु की मजबूरी को देखते हुए खुद को तीर्थ पुरोहित कहने वाले लोगों ने बाजार में बंद पड़ी दुकानों के आगे ही पूजा करवाई।
नपा सचिव ने काटे 22 चालान
अमावस्या के चलते बाजार में नगरपालिका सचिव अंकुश पराशर की टीम भी एक्टिव रही। सचिव अंकुश पराशर ने बताया कि अमावस्या के दौरान दुकानें खोलने पर, सड़कों पर वाहनों की अवैध पार्किंग, बिना मास्क के घूमने वालों को बख्शा नहीं गया। ऐसे 22 लोगों के चालान किए गए।
गया जी के बाद पिहोवा तीर्थ पर पिडदान कराने का महत्व
तीर्थ पुरोहितों के मुताबिक गयाजी के बाद पिहोवा तीर्थ पर पिडदान कराने का महत्व है। पितृ पक्ष की अमावस्या को सबसे बड़ी अमावस्या माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि पितृ पक्ष की अमावस्या के बाद पितर अपने धाम को लौट जाते हैं। उन्हें याद करके इस दिन पूजा पाठ कराई जाती है और उन्हें जल, भोजन व दूसरा सामान अर्पित किया जाता है। तीर्थों पर श्रद्धालु स्नान करते हैं। इसदिन कुरुक्षेत्र और पिहोवा के तीर्थों पर पिडदान कराने का महत्व माना जाता है। इस दिन हजारों की तादाद में श्रद्धालु कुरुक्षेत्र और पिहोवा तीर्थ पर पहुंचकर पिडदान कराते हैं। सन्निहित सरोवर पर एक बार आई पुलिस
ब्रह्मसरोवर पर तो श्रद्धालुओं को स्नान-दान नहीं करने दिया गया। मगर सन्निहित सरोवर पर एक बार जब ज्यादा श्रद्धालु पहुंचने की सूचना मिली तो पुलिस मौके पर पहुंच गई। मगर यहां कम ही श्रद्धालुओं को देखकर शारीरिक दूरी बरतने की हिदायत देकर वापस लौट गई। इसके बाद दिन भर इक्का-दुक्का श्रद्धालु पूजन कराने के लिए पहुंचे। तीर्थ पुरोहितों ने भी पुलिस का सहयोग किया। श्रद्धालुओं को मुंह पर मास्क लगाए रखने की बात मनवाने के बाद ही पितरों का तर्पण कराया। श्रद्धालुओं ने बड़ी ही सावधानी के साथ सरोवर में स्नान व दान किया। हालांकि ब्रह्मसरोवर पर कम ही श्रद्धालु पहुंचे। न के बराबर ही आए श्रद्धालु : प्रधान
श्रीब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा के प्रधान पंडित पवन शर्मा पौनी ने बताया कि शुक्रवार को न के बराबर ही श्रद्धालु सरोवर पर पिडदान कराने के लिए पहुंचे। एक बार पुलिस ने भी मौके का निरीक्षण किया था तो कम संख्या होने की वजह से श्रद्धालुओं को शारीरिक दूरी के साथ पूजा करने की हिदायत देकर चली गई। इसके बाद तीर्थ पुरोहितों ने भी श्रद्धालुओं को मुंह पर मास्क रखने और शारीरिक दूरी के साथ ही पूजा पाठ कराई। पितृ पक्ष की अमावस्या पर हजारों की तादाद में श्रद्धालु आते थे, जो इस बार न के बराबर ही आए।