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रामकुमार गौतम बोले- मन तो मेरा भी सीएम बनने का था, मगर मेरा दाव नहीं लगा

विधायक रामकुमार गौतम हिसार में पीटीआई टीचरों को धरने पर समर्थन देने पहुंचे थे। उन्‍होंने दुष्‍यंत चौटाला को फिर से खोपर कह दिया। कहा पार्टी में न के बराबर हं। मनोहर अच्‍छे आदमी हैं

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 10 Aug 2020 08:29 PM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2020 08:36 PM (IST)
रामकुमार गौतम बोले- मन तो मेरा भी सीएम बनने का था, मगर मेरा दाव नहीं लगा
रामकुमार गौतम बोले- मन तो मेरा भी सीएम बनने का था, मगर मेरा दाव नहीं लगा

हिसार, जेएनएन। हमेशा विवादों में रहने वाले नारनौंद से जेजेपी विधायक रामकुमार गौतम के सोमवार को हिसार में फिर से बोल बिगड़ गए। पीटीआई अध्‍यापकों के धरने पर समर्थन देने पहुंचे रामकुमार गौतम ने न केवल दुष्‍यंत चौटाला बल्कि सीएम मनोहर लाल को भी घेरा। रामकुमार गौतम ने कहा कि मैं सरकार में नहीं हूं। मैं गलती से एमएलए बन गया। हरियाणा का नाश करवाना था और मैं विधायक बन गया। मैं मनोहर लाल के खिलाफ नहीं हूं। मनोहर लाल अच्‍छे आदमी हैं। भ्रष्‍टाचार हर जगह है। मगर बहुत से ऐसे मसले हैं जो पसंद नहीं आते। विरोध करने का मन करता है। मगर बस नहीं चलता। मैनें मनोहर लाल से पीटीआई शिक्षकों के लिए कई बार बात की। मैं जो कहता हूं वो मन से कहता हूं।

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पीटीआई को हटाने के सवाल पर कहा कि जो लोग ताकत में हैं वो एक बार सोचें की अगर उनकी नौकरी चली जाती तो क्‍या होता। दस साल से काम कर रहे हैं। कई बार होशियार बच्‍चे भी रह जाते हैं। सरकार को सोचना चाहिए कि ऐसा क्‍यों होता है। सरकार तो किसी भी ले सकती है।

सरकार बदलने पर कर्मचारियों को हटाने के सवाल पर उन्‍होंने कहा कि मन तो मेरा भी था मुख्‍यमंत्री बनने का, मगर मेरा दाव नहीं लगा। जो मुख्‍यमंत्री बनता है वो सोचता है कि बाकी तो पागल हैं। सरकारें क्‍या करती हैं, इसका जवाब तो सरकार ही देगी। मैं सरकार नहीं हूं। सरकार क्‍या करेगी इसका जवाब मनोहर लाल ही देंगे। बरौदा उपचुनाव में जेजेपी की रणनीति को लेकर पूछे गए सवाल पर रामकुमार गौतम ने कहा कि मुझे क्‍या पता कि पार्टी क्‍या करेगी। दुष्‍यंत चौटाला पर निशाना साधते हुए कहा कि उस खोपर से जाकर पूछो। क्‍या करेंगे। उन्‍होंने कानूनी रूप से मैं पार्टी में हूं। मगर पार्टी में न के बराबर हूं। जेजेपी से नाराजगी के सवाल पर कहा कि सारी बात आज ही मत पूछो।

विधायक गौतम ने कहा कि सरकार को सोचना चाहिए कि अब ये शिक्षक कहां जाएंगे। अगर इनका फैसला एक साल में ही आ जाता तो कोई बात नहीं थी, मगर अब ताे दस साल बीत गए हैं। मेरे हाथ में कुछ नहीं है मगर इनके हक की लड़ाई मैं आखिरी सांस तक लड़ता रहूंगा।

बता दें कि हाईकोर्ट के आदेश पर 1983 पीटीआई को हटाया गया है। बीते 56 दिनों से प्रदेशभर में पीटीआई धरने पर हैं। पीटीआई के धरने पर दादा गौतम बातचीत करने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान उन्‍होंने पत्रकारों के सवालों के बेबाकी से जवाब दिए। दुष्‍यंत चौटाला और रामकुमार गौतम के बीच विधानसभा चुनाव के कुछ समय बाद से ही तकरार चली आ रही है। विधायक गौतम जहां भी जाते हैं दुष्‍यंत को लेकर कुछ न कुछ जरूर विवादित बोलते हैं। अजय चौटाला के तेवर कड़े करने के बाद इस पर कुछ समय के लिए ठहराव रहा, मगर अब फिर से उन्‍होंने दुष्‍यंत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और फिर से खोपर कह दिया।


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