Ramayana देख फिर से लौटा 90 के दशक का माहौल, रहने लगा शो का इंतजार
लोगों ने परिवार के साथ टीवी सीरियल रामायण और महाभारत देखना शुरू किया। घर में रहकर मनाेरंजन करने का एक नया माध्यम मिला है। जानें किस समय आते हैं शो कौन से चैनल पर देखें।
रोहतक, जेएनएन। 14 अप्रैल तक के लॉकडाउन को लेकर सभी सतर्क हैं। सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से रामायण और महाभारत को फिर से शुरू करने की मांग उठी थी। अब लोग सोशल मीडिया पर चर्चा कर रहे हैं कि फिर से 1990 वाला दशक वापस लौट आया है। दूरदर्शन टीवी पर 33 साल पहले आई रामायण अब फिर शुरू होने से पहले वाला माहौल दिखने लगा है। इतना ही नहीं डीडी भारती पर शुरू हुई महाभारत के शो का भी लोग बेसब्री से इंतजार करने लगे हैं। दूरदर्शन पर रामायण का शो सुबह नौ बजे तो रात को नौ बजे आता है। वहीं डीडी भारत पर महाभारत का शो दोपहर को 12 बजे तो रात को 7 बजे आता है। शनिवार की तरह ही रविवार को भी लोगों ने शो देखा।
हिसार में अशोक शर्मा ने बताया कि पूरे परिवार ने एक साथ बैठ रामायण देखी, ऐसी अच्छी अनुभति कभी कभार ही होती है। रामायण देखकर यह समझ आ रहा है कि समाज कैसे होना चाहिए। बेटा, भाई, पत्नी, माता, पिता व अन्य की क्या जिम्मेदारी होती है। यही कारण है कि रामायण इतनी लोकप्रिय हुई।
रोहतक के माल गोदाम रोड निवासी एवं पालिका बाजार के दुकानदार मनीष नारंग व उनकी पत्नी मीनाक्षी नारंग ने बताया कि घर में रहकर सभी कार्य कर रहे हैं। इनका कहना है कि धारावाहिक रामायण को देखा तो अन्य परिजनों को पुराने दिन याद आ गए। हालांकि 70 वर्षीय इनकी मां वीना नारंग का कहना है कि भगवान फिर से ऐसे दिन न दिखाए। यह बात सही है कि पहले जब रामायण टीवी पर आती थी तब लोग सभी कार्य पहले ही निपटा लेते थे।
इन्होंने यह भी बताया है कि इस समय घर से बाहर न निकलने की मजबूरी है। लेकिन उस दौरान लोग इस सीरियल को देखने के लिए खुद एक स्थान पर इकट्ठे होते थे। इनका यह भी कहना है मैंने तो रामायण देखते हुए भगवान से यही दुआ की कि इस कोरोना वायरस से छुटकारा मिले। वहीं, बच्चे राघव नारंग व कार्तिका भी खुश हैं कि अब परिवार के साथ रहने का मौका मिल रहा है।
रिटायर प्रिंसिपल ने खुद बनाया नाश्ता
सेक्टर-1 की रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव एडवोकेट केके खीरवाट कहते हैं कि पार्कों में क्या घर के बाहर तक टहलने नहीं जा रहे हैं। यही वजह है कि घर में खुद को अलग-अलग कार्यों में खुद को व्यस्त करने की कोशिश कर रहे हैं। केके खीरवाट आइटीआइ से रिटायर ङ्क्षप्रसिपल हैं। उन्होंने बताया है कि शनिवार को सुबह अपने हाथों से ब्रेड पकोड़ा बनाए। इसके अलावा किताबों को अलमारी में सहेजकर और साफ करके रखने का भी कार्य कर रहे हैं।