डेरे पर हनीप्रीत के एकाधिकार की बात कितनी सच, राम रहीम के परिवार के विदेश जाने का क्या है कारण
राम रहीम का परिवार विदेश शिफ्ट क्यों हो रहा है। राम रहीम की दो बेटियां पहले ही विदेश जा चुकी थी तो 26 सितंबर को बेटा भी विदेश चला गया है। हालांकि पत्नी और मां अभी यही हैं और उनके यहीं रहने की बात भी कही गई है।
आनलाइन डेस्क, हिसार। राम रहीम के हनीप्रीत बेहद करीब है। राम रहीम हनीप्रीत को रूहानी बेटी बना चुका है तो समाज में इस रिश्ते को लेकर तरह तरह की प्रतिकियाएं आती रहती हैं, लेकिन राम रहीम ने इसे हमेशा अफवाहें ही करार दिया है। हाल में ही जब दो बेटियों के बाद राम रहीम का बेटा भी विदेश पहुंचा तो हनीप्रीत के डेरे पर एकाधिकार होने की बात सामने आईं। मगर अब डेरा प्रशासन ने इस बात को खारिज करते हुए कहा कि राम रहीम ही डेरे के प्रमुख हैं। मगर यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ।
सवाल यह उठ रहा है कि आखिर राम रहीम का परिवार विदेश शिफ्ट क्यों हो रहा है। राम रहीम की दो बेटियां पहले ही विदेश जा चुकी थी तो 26 सितंबर को बेटा भी विदेश चला गया है। हालांकि पत्नी और मां अभी यही हैं और उनके यहीं रहने की बात भी कही गई है। परिवार के विदेश जाने की बात को जब हनीप्रीत से तकरार बताया गया तो इस पर भी राम रहीम की ओर से प्रतिक्रिया दी गई की परिवार के सदस्य उनसे आज्ञा लेने के बाद ही विदेश गए हैं।
हनीप्रीत का असली नाम प्रियंका तनेजा
राम रहीम की उम्र 54 साल है और हनीप्रीत की 41 साल। हालांकि डेरा प्रबंधन हनीप्रीत के एकाधिकार को नकारता आया है। हनीप्रीत का असली नाम प्रियंका तनेजा है और फतेहाबाद की रहने वाली है। उसकी शादी डेरा अनुयायी विश्वास गुप्ता के साथ हुई थी, परंतु विवादों के बाद विश्वास ने हनीप्रीत से तलाक ले लिया था।
राम रहीम की दो बेटियां व बेटा जा चुका विदेश, पत्नी और मां सिरसा में
राम रहीम की दोनों बेटियां अमरप्रीत व चरणप्रीत कौर और बेटा जसमीत परिवार समेत लंदन जाकर बस गए हैं। हालांकि डेराप्रमुख की मां नसीब कौर और पत्नी हरजीत कौर इंडिया में ही रहेंगी। राम रहीम की दोनों बेटियां अमरप्रीत और चरणप्रीत पहले ही लंदन चली गई थीं। 26 सितंबर को बेटा जसमीत भी परिवार के साथ लंदन चला गया।
चंदा जुटाने काे लेकर परिवार ने जारी किया था पत्र
कुछ समय पहले राम रहीम के परिवार ने एक पत्र भी अनुयायियों को जारी किया था। इसमें कहा गया था कि परमार्थ (डेरा सच्चा सौदा में जुटाया जाने वाला चंदा) के लिए उनके नाम पर पैसा इकट्ठा किया जा रहा है। परिवार ने पत्र में आग्रह किया था कि अगर कोई भी परिवार के नाम पर चंदा जुटा रहा हो तो इसकी जानकारी परिवार को दी जाए। राम रहीम को वर्ष 2016 में सजा होने के बाद उनके परिवार ने पहली बार अपने अनुयायियों को ऐसा पत्र जारी किया था। परिवार के अनुसार, उनके नाम का दुरुपयोग रुकना चाहिए।
राम रहीम बागपत डेरे से हनीप्रीत के साथ आया था लाइव
राम रहीम और हनीप्रीत का साथ शुरू से ही बना हुआ है। 2016 में डेरा प्रमुख को साध्वी यौन शोषण केस में उम्रकैद की सजा होने के समय हनीप्रीत ही उसके साथ थी। पंचकूला हिंसा मामले में हनीप्रीत जेल भी गई। पिछले दिनों जब पैरोल मिलने के बाद राम रहीम बागपत के आश्रम पहुंचा और वहां से प्रेमियों के समक्ष लाइव हुआ तब हनीप्रीत उसके साथ थी। राम रहीम ने कहा कि मुझे और हनीप्रीत को लेकर लोगों ने पता नहीं क्या-क्या बात की मगर हमारा रिश्ता पिता-बेटी का है।
जेल से भेजे पत्र से सामने आया था मतभेद
राम रहीम ने 9वीं चिट्ठी में मतभेद की चर्चाओं के बीच पहली बार डेरा प्रमुख ने पारिवारिक सदस्यों और हनीप्रीत का जिक्र किया। इससे पारिवारिक रिश्तों में तल्खियों की बात पर विराम लगाने का प्रयास हुआ। इसमें कहा गया था कि उसका परिवार अब विदेश में सेटल होने जा रहा है। विपासना इंसा की जगह पीआर नैन को नया चेयरपर्सन बनाया जाता है। डेरा मैनेजमेंट में भी कुछ बदलाव की बात चिट्ठी में थी।
दुष्कर्म और हत्या मामले में 2017 से काट रहा है सजा
राम रहीम 2017 से साध्वी यौन शोषण के साथ पत्रकार छत्रपति और रणजीत हत्याकांड में सजा काट रहा है। राम रहीम को इसी साल पंजाब चुनाव से ठीक पहले 7 फरवरी को 21 दिन की फरलो मिली थी। इसी दौरान बदलावों की पूरी पटकथा लिखी गई थी। इसके बाद 27 जून को राम रहीम को 30 दिन की पैरोल मिली थी और वह उत्तर प्रदेश के बागपत आश्रम में रुका था। वहां उसके साथ हनीप्रीत भी थी।