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लॉकडाउन में अटक गया 5000 साल पुरानी सभ्यता के राखीगढ़ी म्यूजियम का काम

इंटरनेशनल म्यूजियम-डे पर विशेष हिसार जिले के राखी गढ़ी गांव में हड़प्पाकालीन सभ्यता ने विश्व को संदेश दिया था कि आर्य भारत के मूल निवासी थे। मानव सभ्यता की शुरुआत भी यहीं से हुई

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 18 May 2020 02:07 PM (IST)Updated: Mon, 18 May 2020 02:07 PM (IST)
लॉकडाउन में अटक गया 5000 साल पुरानी सभ्यता के राखीगढ़ी म्यूजियम का काम
लॉकडाउन में अटक गया 5000 साल पुरानी सभ्यता के राखीगढ़ी म्यूजियम का काम

हिसार, जेएनएन। नारनौंद के राखी गढ़ी गांव विश्व के मानचित्र पर अपनी एक अलग जगह बनाए हुए है। गांव में हड़प्पाकालीन सभ्यता मिलने के बाद केंद्र सरकार द्वारा इसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के म्यूजियम का निर्माण करवाया जा रहा है। लेकिन कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन में इसका निर्माण अधर में लटक गया है। राखी गढ़ी की साइट को आइकोनिक साइट के रूप में विकसित करने के लिए केंद्र सरकार भी बजट की घोषणा कर चुकी है।

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हिसार जिले के राखी गढ़ी गांव में हड़प्पाकालीन सभ्यता ने विश्व को संदेश दिया था कि आर्य भारत के मूल निवासी थे। मानव सभ्यता की शुरुआत भी यहीं से हुई थी। देश के चुनिंदा पर्यटक स्थलों में अब राखी गढ़ी की गिनती की जा रही है। अंतरराष्ट्रीय स्तर के बनने वाले इस म्यूजियम से प्रदेश के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही गांव व आस-पास के क्षेत्र को भी उसी स्तर पर विकसित किया जाना है। इस म्यूजियम में राखी गढ़ी से मिले कंकाल, पुराने समय के आभूषण भी रखे जाएंगे।

राखीगढ़ी की साइट का 1963 में पता चला

राखीगढ़ी में करीब 5000 साल की प्राचीन सभ्यता के अवशेष मिले हैं। हड़प्पाकालीन सभ्यता को लेकर यह क्षेत्र अब विश्व में प्रसिद्ध है। खुदाई में मिले नर कंकालों के डीएनए की रिपोर्ट से पता चल चुका है कि आर्य यहीं के मूल निवासी थे। वह बाहर से आकर ङ्क्षहदुस्तान में नहीं बसे थे। शोध के परिणाम आने के बाद केंद्र सरकार का ध्यान इस और गया और इसको विकसित करने का निर्णय लिया। नारनौंद की राखीगढ़ी साइट का 1963 में पता चला था और 1997 में इसकी खुदाई शुरू हुई। इस सभ्यता का पता चलने के बाद टीलों की खुदाई गई। कुछ गांव के हिस्से को भी खाली करवा गया।

राखीगढ़ी एक नजर में

- हड़प्पाकाल की सबसे बड़ी व पुरानी साइट है जोकि 550 हेक्टेयर में फैली हुई है।

- इस साइट पर 9 टिल्ले हैं, जिनमें से तीन टिल्लों की खुदाई हो चुकी है।

- खुदाई के दौरान मकान, सोने के मनके, मिट्टी की चूडिय़ां, मिट्टी के बर्तन, पत्थर के मनके सहित काफी रोचक चीजें निकल चुकी हैं।

- 2015 में टिल्ले नंबर 7 पर हुई खुदाई में मानव नर कंकाल व प्रतीकात्मक कंकाल मिले थे।

- अब सरकार राखीगढ़ी में 25 करोड़ रुपये की लागत से एक म्यूजियम का निर्माण कर रही है जोकि बनकर लगभग तैयार होने वाला है।

- म्यूजियम आधुनिक तरीके से बनाया जा रहा है। इसमें रेस्ट हाउस, हॉस्टल और एक कैफे का निर्माण भी किया जा रहा है।


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