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राजकुमार सैनी ने मुगलों से की चौटाला परिवार की तुलना, बोले- अपनों को भी कैद करते थे

लोकतंत्र सुरक्षा मंच के अध्यक्ष राजकुमार सैनी ने सिरसा में पत्रकार वार्ता के दौरान इनेलो पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि स्‍वार्थ साधने के लिए छिड़ा है विवाद

By manoj kumarEdited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 02:08 PM (IST)Updated: Tue, 06 Nov 2018 11:26 AM (IST)
राजकुमार सैनी ने मुगलों से की चौटाला परिवार की तुलना, बोले- अपनों को भी कैद करते थे
राजकुमार सैनी ने मुगलों से की चौटाला परिवार की तुलना, बोले- अपनों को भी कैद करते थे

जेएनएन, सिरसा : लोकतंत्र सुरक्षा मंच के अध्यक्ष राजकुमार सैनी ने कहा कि देश में राजनीति करने वाले लोग समाजहित में नहीं परिवारहित में लगे हुए है। राजनीति परिवारहित में सिमट कर रह गई है। मानो बाकी लोग उनके पीछे भागने के लिए रह गए  है। वे आज सिरसा में पीडब्लयूडी रेस्ट हाऊस में पत्रकारों से रूबरू हो रहे थे।

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पत्रकारों से रूबरू होते हुए राज कुमार सैनी ने कहा कि प्रजातंत्र की मूल धारणा को पीछे छोड़ दिया है। सभी राजनैतिक दल परिवारवाद व जातिवाद की लपेट में आ चुके है। इससे ऊपर उठकर सोचना होगा। जनसंख्या के अनुपात के आधार पर आरक्षण मिलना चाहिए। एक परिवार एक रोजगार मिले। उन्होंने कहा कि हरियाणा छोटा सा राज्य है यहां पांच मुख्यमंत्रियों ने अपने चेहतों को 50 से 55 फीसद नौकरियां दी। बाकी को यूज किया और अब भाइचारे के नाम पर ठग रहे हैं। हरियाणा में दो बार 1990 में तथा 2016 में दंगों का तांडव हो चुका है। आबादी नियंत्रण के लिए हम दो हमारे दो का बिल पास होना चाहिए।

इनेलो परिवार में चल रहे घटनाक्रम पर राजकुमार सैनी ने कहा कि मामला पारिवारिक है। मुगलों के राज में परिवार के लोगों को कैद करके आगे बढ़ते थे। स्वार्थों की पूर्ति व प्रचंड राजनीति भूख के लिए ऐसा किया जा रहा है। जो अपने परिवार को बर्दाश्त नहीं कर सकते वे दूसरों को कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं। दुष्यंत चौटाला से गठबंधन पर कहा कि जिन्होंने हमारा हित छीन रखा है, उनसे कोई वास्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में एक पार्टी होनी चाहिए, जनता जिसे चाहेगी चुन कर भेज देगी।

उन्होंने कहा कि वे किसी से गठबंधन नहीं करेंगे। सोचूंगा कि राजनीति किस और चलानी है। हमने लोगों के लिए तीन बार राजनीति छोड़ी। उन्होंने कहा कि सांसद जनता ने बनाया है। भाजपा ने सिर्फ टिकट दी थी। स्मृति इरानी जैसे मंत्री बने बैठे है। भाजपा की ओर से एक बार पत्र मिला, जिसके जबाव में लिख चुका हूं कि भाजपा की नीतियों का विरोध करता हूं।


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