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हिसार में पैकिंग में बिकेगा आर्गेनिक चारा खाने वाले खरगोश, भेड़-बकरी का मीट

केंद्रीय भेड़ प्रजनन फार्म में बनेगा स्लाटर हाउस पैकिंग सिस्टम प्लांट भी लगेगा। पशुओं को खिलाई जाएंगी आर्गेनिक चीजें ताकि किसी प्रकार की बीमारी की संभावना न रहे

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 01:35 PM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 01:35 PM (IST)
हिसार में पैकिंग में बिकेगा आर्गेनिक चारा खाने वाले खरगोश, भेड़-बकरी का मीट
हिसार में पैकिंग में बिकेगा आर्गेनिक चारा खाने वाले खरगोश, भेड़-बकरी का मीट

हिसार [अमित धवन] नॉनवेज खाने वाले शौकीनों को अब पैकिंग में भी मीट मिलेगा। वह भी खरगोश, बकरियों और भेड़ का। हिसार स्थित केंद्रीय भेड़ प्रजनन फार्म ने करीब 400 एकड़ में स्लाटर हाउस और मीट पैक करने के लिए पैकिंग प्लांट लगाने की योजना बनाई है। सेंट्रल वर्क्‍स पब्लिक डिपार्टमेंट (सीडब्ल्यूपीडी) को प्रोजेक्ट बनाने के लिए फाइल भेज दी गई है। यह करीब 40 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट है।

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अभी तक आमतौर पर खुले में मीट बिकता है। लोग मुर्गें के अलावा बकरों का मीट खाना पसंद करते हैं। केंद्रीय भेड़ प्रजनन फार्म अब खरगोश, भेड़ व बकरी तीनों जानवरों का मीट बेचेगा।  इन तीनों पशुओं का पालन फार्म में ही किया जाएगा। उनको आर्गेनिक चीजें खिलाई जाएंगी ताकि किसी प्रकार की बीमारी न लगे। मीट खराब न हो इसको लेकर केमिकल से सुरक्षित रखा जाएगा।

25 खरगोश पहुंचे, बाकी जानवर लाने की तैयारी

केंद्रीय भेड़ प्रजनन फार्म में जानवर लाने का सिलसिला शुरू हो गया है। पहली कड़ी में 25 खरगोश लाए गए हैं। इनको पाला जा रहा है। इसके अलावा बकरियों और भेड़ों को भी लाया जाएगा। उनको इसी प्लांट में पाला जाएगा। इसमें अलग-अलग नस्लों को भी लाने की योजना है।

फार्म में अंडे बेचने का काम शुरू

भेड़ प्रजनन फार्म में मुर्गी पालन भी किया जा रहा है। अंडे बेचने का काम शुरू कर दिया गया है। अंडों को बेचने के लिए काउंटर बनाया गया है ताकि आम आदमी भी इन्हें ले सकें। किसानों को भी मुर्गी पालन की  ट्रेङ्क्षनग दी जा रही है।

----मीट पैक कर बेचने की योजना है। खरगोश, बकरी, भेड़ का मीट बेचा जाएगा। स्लाटर हाउस, पैङ्क्षकग प्लांट लगाने की योजना के लिए फाइल भेज दी गई है। करीब 400 एकड़ में 40 करोड़ की लागत से प्रोजेक्ट लगाया जाएगा।

-डा. एके मल्होत्रा, निदेशक प्रभारी, केंद्रीय भेड़ प्रजनन फार्म, हिसार।

--------खरगोश में 20 फीसद प्रोटीन होता है। सफेद मीट की कैटेगिरी में इसे रखा गया है। फाइव स्टार होटलों में इसकी मांग है। कोलस्ट्रॉल लेवल कम होने के कारण इसकी मांग ज्यादा रहती है। एक खरगोश 56 से 90 दिन में बड़ा हो जाता है और इसका वजन 800 से 1200 ग्राम तक होता हैं। इसके अलावा बकरियों और भेड़ में 18 फीसद प्रोटीन होता है और कोलस्ट्रॉल लेवल ज्यादा होता हैं।

- डा. अशोक मलिक, वैज्ञानिक, लाइव स्टॉक प्रोडक्ट टेक्नोलॉजी एवं एपीआरओ, लुवास हिसार।


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