क्वारंटाइन व्यक्ति बोला- पत्नी और अमेरिका में रह रहे बहू-बेटे से वीडियो कॉल कर काट रहा हूं वक्त
क्वारंटाइन किए गए लोग 14 दिन तक अपने परिजनों से तो दूर हो ही गए हैं वहीं अपने कार्यों से भी दूर हो गए हैं। ऐसे में वो कैसे एक कमरे में अपनी दिनचर्या गुजार रहे हैं।
हिसार, जेएनएन। हिसार जिले में कोरोना पॉजिटिव महिला का मामला मिलने के बाद उसके संपर्क में आए अन्य लोगों को भी क्वारंटाइन किया गया है। क्वारंटाइन किए गए लोग 14 दिन तक अपने परिजनों से तो दूर हो ही गए हैं, वहीं अपने कार्यों से भी दूर हो गए हैं। ऐसे में वो कैसे एक कमरे में अपनी दिनचर्या गुजार रहे हैं।
दैनिक जागरण संवाददाता ने शहर में क्वारंटाइन किए गए कुछ लोगों से उनके अनुभव के बारे में जाना। जिनमें क्वारंटाइन किए गए व्यक्तियों ने अपने क्वारंटाइन के समय के दौरान हो रहे अपने अनुभवों के बारे में बातें साझा की। आइये जानते हैं इन लोगों से हुई बातचीत के मुख्य अंश।
पत्नी से वीडियो कॉल और फोन कर पूछ रहा हूं कुशलक्षेम
जिले में मिली पहली कोरोना पॉजिटिव महिला के पति को भी क्वारंटाइन किया गया है। संकट की इस घड़ी में पति को अपनी पत्नी से अलग रहना पड़ रहा है। महिला के पति ने बताया कि उसकी पत्नी को अग्रोहा मेडिकल में दाखिल किया गया है। वहां पर उसका उपचार किया जा रहा है। वहीं उसे शहर के एक शिक्षण संस्थान में क्वारंटाइन किया गया है। यह कोरोना ऐसी बीमारी है कि संकट की इस घड़ी में मैं अपनी पत्नी के पास नहीं रह सकता। लेकिन उसे फोन करके उसकी कुशलक्षेम के बारे में पूछता रहता हूं।
वीडियो कॉल के जरिये भी उससे बात कर उसे ढांढस बंधा रहा हूं प्रतिदिन फोन पर ही बात कर रहा है। पत्नी का दूसरा टेस्ट निगेटिव आया है, इससे मन को तसल्ली हुई है। अमेरिका में रह रहे बेटे-बहू से भी वीडियो कॉल के जरिये बात हो जाती है। किताबें पढ़कर भी समय बीता रहा हूं। संकट की इस घड़ी में वक्त का तो पता नहीं कैसे गुजर रहा है। एंटरटेनमेंट के लिए तो यहां टीवी है और किताबें भी हैं। लेकिन अभी इस हालत में नहीं हूं कि एंटरटेनमेंट कर पाऊं। क्वारंटाइन में यहां बाकि लोग भी हैं, जिनसे दूर से ही बात हो जाती है तो मन हल्का हो जाता है।
घरवाले भी चिंतित हैं
वहीं उपरोक्त व्यक्ति के साथ ही 14 दिन तक क्वारंटाइन में किए गए एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि वह पिछले तीन दिन से क्वारंटाइन में है। हालांकि उसमें किसी तरह के लक्षण नहीं है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की ओर से उसे एहतियात के तौर पर क्वारंनटाइन किया गया है। घरवालों से फोन पर बात हो जाती है। घरवाले चिंतित तो हैं। लेकिन इस मुश्किल घड़ी में और कुछ किया भी नहीं जा सकता। क्योंकि कोरोना नजदीक रहने से फैल रहा है तो इसके लिए अलग रहना भी जरूरी है। इसी में हम सबकी भलाई है।