हिसार में आज से धान की खरीद शुरू, मंडियों में दिन-रात पहरा देगी पुलिस
हिसार में प्रशासन ने धान खरीद के लिए आठ केंद्र बनाए हैं। इसमें बरवाला बांस हांसी लोहारी राघो नारनौंद उकलाना बालसमंद दौलतपुर शामिल हैं। इन सभी जगहों पर पुलिस की तैनात की गई है। पुलिस के उच्चाधिकारी भी मंडियों में राउंड लगा रहे हैं।
बरवाला/हिसार, जेएनएन। प्रदेश की कई मंडियों में किसानों के हंगामे के चलते जिले के सभी मंडियों में प्रशासन ने एहतियात के तौर पर पुलिस तैनात कर दी है। हर मंडी में 10 से 15 जवान तैनात कर दिए हैं। हिसार में प्रशासन ने धान खरीद के लिए आठ केंद्र बनाए हैं। इसमें बरवाला, बांस, हांसी, लोहारी राघो, नारनौंद, उकलाना, बालसमंद, दौलतपुर शामिल हैं। इन सभी जगहों पर पुलिस की तैनात की गई है। पुलिस के उच्चाधिकारी भी मंडियों में राउंड लगा रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ बरवाला अनाज मंडी में पीआर धान की सरकारी खरीद एमएसपी पर शुरू हो गई है। बुधवार को फूड सप्लाई ने दो किसानों की लगभग 100 क्विंटल पीआर धान की खरीद की। हालांकि कई और धान की ढेरियां भी बिकने के लिए मंडी में पड़ी हैं। बरवाला अनाज मंडी में एक अक्टूबर से बाजरा की सरकारी खरीद भी हैफेड द्वारा एमएसपी पर शुरू की जाएगी। परंतु नरमा-कपास की सरकारी खरीद के लिए अभी किसानों को 10 अक्टूबर तक इंतजार करना पड़ेगा।
बरवाला अनाज मंडी में नरमा-कपास की सरकारी खरीद कॉटन कारपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा की जानी है। इसके लिए कॉटन कॉरपोरेशन इंडिया ने टेंडर निकाल दिए हैं। इन्हें 5 तारीख को खोला जाना है। इसके बाद ही नरमा की खरीद लगभग 10 तारीख के बाद ही शुरू हो पाएगी। उद्योग व्यापार मंडल हरियाणा के प्रदेश सचिव सौरभ मित्तल ने हरियाणा सरकार से मांग की है कि किसानों की फसलों की खरीद एमएसपी पर सुनिश्चित की जाए और इन फसलों की खरीद सभी मंडियों में आढ़तियों के माध्यम से ही की जानी चाहिए।
फसलों को एमएसपी पर बेचने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया से एक बार फिर गुजरना पड़ेगा
किसानों को अपनी फसलों को एमएसपी पर बेचने के लिए कुछ ऑनलाइन प्रक्रिया से एक बार फिर गुजरना पड़ेगा। मार्केट कमेटी सचिव रामकुमार लोहान ने बताया कि जो किसान अपनी पीआर धान और बाजरा की फसलों को बेचने के लिए मेरी फसल मेरा ब्योरा के तहत रजिस्टर्ड हो चुके हैं। उन्हें एक बार फिर फसल डॉट हरियाणा जीओवी डॉट इन पर जाकर अपनी कुछ जानकारी पोर्टल पर देनी होंगी। इसमें किसान को यह ऑप्शन मिलेंगे कि वह अपनी फसल की पेमेंट डायरेक्ट चाहते हैं या आढ़ती के माध्यम से चाहते हैं। किसान को अपनी फसल की अनुमानित उपज भरने के साथ-साथ बेचने के समय के लिए अनुमानित सप्ताह भी चुनना होगा कि वह इस सप्ताह में अपनी फसल बेच सकता है या मंडी में ला सकता है।
यह सभी ऑप्शन भरने और सेव करने के बाद किसान के पास एसएमएस आएगा। उसी एसएमएस में गेट पास की आइडी भी होगी। उसी किसान को अनाज मंडी में अपनी फसल के साथ एंट्री मिलेगी। जिन किसानों ने मेरी फसल मेरा ब्योरा के तहत अपनी फसलों को बेचने के लिए रजिस्टर्ड करा रखा है। उन्हें एक बार फिर ऑनलाइन अपने उपरोक्त सभी ऑप्शन भरने होंगे। इसके बाद ही उनके पास एसएमएस आएगा। अगर उन्होंने उपरोक्त ऑप्शन भरकर उन्हें सेव नहीं किया तो उनके पास मैसेज नहीं आएगा। अगर कोई बगैर मैसेज के मंडी में अपनी फसल लेकर आता है तो उसकी खरीद नहीं की जाएगी।
मार्केट कमेटी सचिव रामकुमार लोहान ने बताया कि कोविड-19 के चलते शारीरिक दूरी का पालन करने के उद्देश्य से यह मैसेज सिस्टम शुरू किया गया है और इसीलिए सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस भी तैनात की गई है।
-----हमने जिले में मंडियों में ऐहतियातन पुलिस की तैनात की है। 10 से 15 जवान हर मंडी में लगाए हैं ताकि किसानों को फसल बेचने के दौरान किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना आए।
- बलवान ङ्क्षसह राणा, एसपी, हिसार