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31 मार्च तक है ब्याज में छूट, 30 हजार प्रॉपर्टी टैक्स के बिल बांटे जाने अभी भी बाकी

100 फीसद ब्याज में छूट का लाभ देने की डेडलाइन 31 मार्च है लेकिन हालात ये हैं कि नगर निगम के नागरिक सेवा केंद्र में करीब 30 हजार बिल आज भी बिना बंटे पड़े हुए हैं।

By manoj kumarEdited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 03:59 PM (IST)Updated: Tue, 26 Mar 2019 04:00 PM (IST)
31 मार्च तक है ब्याज में छूट, 30 हजार प्रॉपर्टी टैक्स के बिल बांटे जाने अभी भी बाकी
31 मार्च तक है ब्याज में छूट, 30 हजार प्रॉपर्टी टैक्स के बिल बांटे जाने अभी भी बाकी

हिसार, जेएनएन। शहर में प्रॉपर्टी टैक्स के बिल (नोटिस) बांटने में नगर निगम प्रशासन के प्रबंध नाकाफी साबित हुए। सरकार की ओर से 100 फीसद ब्याज में छूट का लाभ देने की डेडलाइन 31 मार्च है, लेकिन हालात ये हैं कि नगर निगम के नागरिक सेवा केंद्र में करीब 30 हजार बिल आज भी बिना बंटे पड़े हुए हैं। जिनको बांटना तो दूर उन्हें सहीं से वार्डवाइज करने के लिए निगम का ही स्टाफ कार्य कर रहा है। ऐसे में निजी कंपनी ने क्या किया यह एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गया है।

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उधर निगम पार्षद निगम अफसरों पर सीधे भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं। सबसे बुजुर्ग पार्षद उमेद खन्ना ने कहा कि बिल बांटने, उनकी गलतियों को ठीक करने इत्यादि नगर अफसरों के भ्रष्टाचार का एक बड़ा स्कैंडल है। जिसमें सब मिले हुए हैं। पता नहीं सरकार उन भ्रष्ट लोगों को क्यों बचा रही है। उनके खिलाफ संज्ञान लेने की जरुरत है।

डेढ़ करोड़ खर्च के बावजूद नहीं हुए बिल ठीक, एक बार फिर 30 हजार में घालमेल

पार्षदों ने कहा कि अब तक डेढ़ करोड़ से ज्यादा प्रोपर्टी टैक्स के बिलों के संबंध में निगम जनता का पैसा निजी कंपनियों को दे चुकी है। लेकिन समाधान आज तक नहीं हुआ। साल 2011-12 व 2012-13 में प्रोपर्टी सर्वे एक निजी कंपनी ने किया वह सही नहीं था। रिकॉर्ड में बड़े स्तर पर खामियां मिली। बावजूद इसके कंपनी को करीब एक करोड़ रुपये का भुगतान किया। साल 2014-15 व 2015-16 के लिए एक दूसरी कंपनी को करीब 50 लाख रुपये का टेंडर दिया। जिसे शहर में प्रॉपर्टी बिल बांटने और गलतियां ठीक करने का जिम्मा सौंपा गया। कंपनी ने तो ठीक करने की बजाए पांच हजार बैलेंस सीट शून्य कर निगम को करोड़ा का चुना लगा दिया। मामला हाउस में उठा तो अफसरों ने रिकॉर्ड दुरुस्त करने की बात कही थी जो आज तक नहीं हुआ।

ठेका कंपनी को, छंटनी कर रहे निगम कर्मचारी

निगम प्रशासन ने बिल बांटने का टेंडर निजी कंपनी को सौंपा हुआ है। लेकिन हालात ये है कि निगम में रखे गए करीबन 30 हजार बिलों की छंटनी निगम स्टाफ कर रहा है। नागरिक सेवा केंद्र में रखे इन बिलों में कौन से बिल किस वार्ड के है उन्हें अलग अलग करने के लिये निगम स्टाफ से कार्य करवाया जा रहा है।

नागरिक सेवा केंद्र में रखे बिलों में अधिकांश इन वार्डों से है

वार्ड-12, 2, 1, 11, 10, 9, 18, 14, 17, 19 और वार्ड-5

. शहर में कुल प्रॉपर्टी - 1.36 लाख

. नागरिक सेवा केंद्र रखे बिल - करीबन 30 हजार

पार्षद बोले, कंपनी को हुई पेमेंट तो हाउस की बैठक में मांगेंगे जवाब

पार्षद नरेंद्र शर्मा, महेंद्र जुनेजा, उमेद खन्ना ने कहा कि सर्वे व बिल बांटने के नाम पर निगम अफसर जनता केे पैसे का अपनी मनमर्जी से दुरुपयोग कर रहे हैं। बिल ठीक हो नहीं रहे और बांटने व अन्य कार्यों के नाम पर कंपनियों को लाखों रुपये दिये जा रहे हैं। उमेद खन्ना ने कहा कि यह एक बड़ा स्कैंडल है। इसमें कर्मचारियों के साथ आला अफसर जुड़े हुए हैं। इसलिए गृहकर शाखा में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। उमेद खन्ना ने कहा कि यदि किसी प्रॉपर्टी के बारे में हम बता भी दे तो भी वे उसे सहीं करने की बजाए पार्षदों का भी अपमान कर रहे है। अफसरों से हाउस की बैठक में बिल के संबंध में जवाब मांगेंगे।

कुछ लोग बिल नहीं ले रहे, तो कई प्लांट खाली है उनके मालिक नहीं मिल रहे

बिल बांटने का कार्य हो रहा है। लेकिन करीब 30-40 हजार बिल ऐसे है जो निगम में रखे गए हैं। क्योंकि कई लोगों ने बिल लेने से इनकार कर दिया जबकि अधिकांश वे हैं जो खाली प्लाट हैं उनके मालिक नहीं मिल पाए। इस कारण ये बिल रखे गए हैं। बिलों को नागरिक सेवा केंद्र में रखवाया गया है। कोई बिल लेकर छूट के दौरान भुगतान करना चाहता है। तो उसे बिल मुहैया करवाया जाएगा। वे नागरिक सेवा केंद्र से बिल ले सकते हैं।

- हरदीप सिंह, ईओ, नगर निगम हिसार।


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