Move to Jagran APP

प्रॉपर्टी बिल फॉर्मेट की फाइल अटकी, कैसे जमा होगा 22 करोड़ टैक्स

नगर निगम में कर्मचारियों की सैलरी नहीं मिली है। कर्मचारियों ने बुधवार को बैठक कर आगामी रणनीति को लेकर कदम उठाने का निर्णय लिया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 08:20 AM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 12:58 PM (IST)
प्रॉपर्टी बिल फॉर्मेट की फाइल अटकी, कैसे जमा होगा 22 करोड़ टैक्स
प्रॉपर्टी बिल फॉर्मेट की फाइल अटकी, कैसे जमा होगा 22 करोड़ टैक्स

जेएनएन, हिसार : नगर निगम में कर्मचारियों की सैलरी नहीं मिली है। कर्मचारियों ने बुधवार को बैठक कर आगामी रणनीति को लेकर कदम उठाने का निर्णय लिया है। कर्मचारियों की सैलरी नहीं मिल पाने का सबसे बड़ा कारण है अधिकारियों की लापरवाही। नगर निगम को साल 2018-19 में 22 करोड़ रुपया प्रॉपर्टी टैक्स से वसूल करना है। जनता प्रॉपर्टी टैक्स भरे इसको लेकर जीआइएस कंपनी को ठेका दिया गया था कि वह प्रॉपर्टी संबंधी समस्या का निदान कर बिल बांटेगी। कंपनी ने मई में बिल तैयार कर बांटने की योजना बनाई थी। मगर, अधिकारियों ने प्रॉपर्टी टैक्स में हुई गलतियां को ठीक करने की बात कह रोक दिया था।

loksabha election banner

सितंबर माह तक प्रॉपर्टी टैक्स संबंधी डाटा अपडेट हो गया। लेकिन बिल बांटने की प्रक्रिया को शुरू नहीं किया गया। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार कंपनी ने विशेष फॉर्मेट बिल बांटने को लेकर तैयार किया था। इस फॉर्मेट को सभी से पास होने बाद अकाउंट विभाग के आलाधिकारी को भेजा गया था। जहां से आज तक फाइल वापस नहीं आई है। यही वजह है कि आज बिल बनाने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है।

..

बॉक्स :::

तीन साल तक की मिलेगी डिटेल एजेंसी की ओर से नया प्रॉपर्टी टैक्स बिल फॉर्मेट तैयार किया गया है। इस फॉर्मेट के अनुसार तीन साल की बिल डिटेल बिल में दी जाएगी। बिल में एरियर संबंधी जानकारी भी दी जाएगी। बिल भरा गया है या नहीं भरा गया है। वह भी दर्शाया जाएगा। फायरटैक्स, कॉमर्शियल या रिहायशी, प्लाट साइज सहित सभी प्रकार की डिटेल दी जाएगी। जिससे जनता को प्रॉपर्टी टैक्स बिल संबंधी अधिकतर शंकाएं दूर हो जाएगी।

..

बॉक्स :::

दो महीने का दिया था वक्त - अधिकारियों के अनुसार जीआइएस कंपनी को दो महीने का वक्त डाटा ठीक करवाकर बिल बांटने को लेकर दिया गया था। पहले दो माह डाटा ठीक करवाने में ही गुजर गए। उसके बाद कंपनी को दो माह अतिरिक्त का समय दिया गया। जिसमें डेढ़ माह से ज्यादा का वक्त गुजर गया है। अभी तक कंपनी को बिल फॉर्मेट फाइनल कर नहीं सौंपा गया। जितनी देरी नगर निगम प्रशासन कंपनी को बिल फॉर्मेट पास कर सौंपने में करेगा। उतनी ही परेशान 22 करोड़ रुपये प्रॉपर्टी टैक्स को वसूलने में निगम को उठानी पड़ेगी।

..

बॉक्स :::

सैलरी देने में आ रही दिक्कत - नगर निगम में प्रॉपर्टी टैक्स का पैसा समय पर नहीं आने के कारण कर्मचारियों की सैलरी संबंधी परेशानी खड़ी होती है। कभी नगर सुधार मंडल के पैसे की ब्याज राशि तो कभी अन्य मदों से कर्मचारियों की सैलरी दी जाती है। सैलरी को लेकर सबसे ज्यादा परेशानी सफाई कर्मचारी व अनुबंध के आधार पर लगे कर्मचारियों को उठानी पड़ती है। एक तारीख को सैलरी देने की घोषणा करने के बावजूद दूसरे माह की 15 तारीख बीत जाने के बाद ही सैलरी मिलती है। जबकि काम के समय का कोई निर्धारण नहीं है।

..

कोट्स :::

- प्रॉपर्टी टैक्स बिल संबंधी समस्या को हल किया जाएगा। जल्द ही बिल बंटवाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, ताकि निगम के खजाने में लोग पैसा जमा करवाना शुरू करें।

- जयवीर ¨सह यादव, ज्वाइंट कमिश्नर, नगर निगम।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.