शिवांगी के साहस को संजीवनी दे गया नमो का सलाम, अब 1.5 करोड़ खर्च कर हासिल करेगी ये मुकाम
छोटी उम्र में बड़ा काम करने वाली हिसार की बेटी के साहस के चर्चे अब सब ओर हो रहे हैं। महज 16 की उम्र में हिसार की बेटी शिवागी पाठक ने माउंट एवरेस्ट फतह कर देश में नाम रोशन किया है।
जेएनएन, हिसार :
छोटी उम्र में बड़ा काम करने वाली हिसार की बेटी के साहस के चर्चे अब सब ओर हो रहे हैं। महज 16 की उम्र में हिसार की बेटी शिवागी पाठक ने माउंट एवरेस्ट फतह कर देश में नाम रोशन किया है। उसके इस जज्बे को प्रधानमंत्री ने मन की बात में सलाम किया है और इस बेटी की सफलता पर उसे बधाई दी है। इससे प्रोत्साहित हो बेटी ने अब सेवन समिट को फतेह का एलान किया है। प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्त्रम में शिवागी का जिक्त्र करते हुए कहा कि इस बेटी ने नेपाल की तरफ से माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली सबसे छोटी महिला का रिकॉर्ड अपने नाम किया है। प्रधानमंत्री के प्रोत्साहन से जहा परिवार गौरवान्वित महसूस कर रहा है। वहीं शिवागी ने यहीं तक न थमने और अपना सफर जारी रखने का एलान किया है। प्रधानमंत्री के शब्दों से वह प्रोत्साहित है और जल्द नए लक्ष्य की राह पकड़ लेगी। शिवागी की मा आरती पाठक ने कहा कि तमाम चुनौतियों के बावजूद परिवार ने बेटी को आगे बढ़ाया। बेटी के सपने बड़े हैं और उसमें उन लक्ष्यों को पूरा करने की भी क्षमता है। उसके पिता ने परिवार व अपने व्यापारिक मित्रों से कर्ज लेकर भी बेटी के सपने को पूरा करने का प्रयास किया। अब प्रधानमंत्री जी ने मेरी बेटी का प्रोत्साहन दिया है। वह देश का मान बढ़ा रही है। उम्मीद करते हैं कि शिवागी के सपने को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री जी भी कुछ करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी समय दें तो बेटी अपने भविष्य की योजनाओं से पूर्व उनसे आशीष लेने अवश्य जाएंगी।
ं पिता राजेश पाठक ने कहा कि बेटी का सपना पूरा करने के लिए वह जो कर सकते थे किया। बेटी के सपने बड़े हैं और पूरा करने का जज्बा भी है। अब वह सब बेटियों के लिए आदर्श बन चुकी है। प्रधानमंत्री ने बेटी का हौसला बढ़ाया, इससे अधिक गौरव की बात क्या हो सकती है।
अब सेवन समिट का लक्ष्य
प्रधानमंत्री की हौसला अफजाई से प्रोत्साहित हिसार की बेटी ने सेवन समिट पर फतेह का एलान किया है। दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में शिवागी ने कहा कि प्रधानमंत्री के शब्दों ने उसमें नई ऊर्जा भर दी है। वह कुछ भी कर अब नए लक्ष्य के बारे में योजना बना रही है। जल्द अपने प्रशिक्षकों से बात कर योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए तैयारी शुरू कर देगी। उसका लक्ष्य है कि वह 18 साल की उम्र से पहले यह लक्ष्य हासिल कर लें। उसकी चिंता बस यह है कि इस पर खर्च बहुत अधिक आएगा और उसके परिवार की क्षमता से अधिक है। पिता पहले ही मेरे सपने को पूरा करने के लिए बाजार से काफी कर्ज उठा चुके हैं। पर इन चुनौतियों के बावजूद वह नाउम्मीद नहीं हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि वह जल्द कोई रास्ता निकल आएगी। क्या है सेवन समिट
सेवन समिट दुनिया के सातों महाद्वीप की सात सबसे ऊंची चोटिया हैं। इन सबको फतह करना अपने आप में बड़ी चुनौती है। यह लक्ष्य सबसे पहले 1985 में रिचर्ड बास ने हासिल किया था। वर्तमान में इस पर करीब 1.5 करोड़ से अधिक खर्च आता है। हिसार की ही पर्वातारोही अनीता कुंडू इस लक्ष्य को पाने की ओर अग्रसर हैं। एवरेस्ट विजेता का सम्मान
शिवागी का हरियाणा स्वि¨मग पुल एवं स्पोर्ट्स एकेडमी में रविवार को सम्मान किया गया। संचालक सत्यपाल गोदारा ने कहा कि बेटी ने हिसार ही नहीं पूरे देश का मान बढ़ाया है। रविवार को विद्युत नगर स्वि¨मग पुल में यंगेस्ट एवरेस्टर शिवागी पाठक को सम्मानित किया गया। वह तीन वर्ष पूर्व यहा से तैराकी सीख चुकी है। समारोह के दौरान वयोवृद्ध रामचंद्र, स्नेहलता गोदारा, शिवकुमार गोदारा, डा. हरीश, डा. राजीव बागड़, देवेंद्र, आनंद, योगाचार्य पूनम बामल एवं प्रदीप बामल समेत बच्चे और अभिभावक उपस्थित थे।