जाट आरक्षण आंदोलन की तैयारी शुरू, गांव-गांव जाकर लेंगे राय, सोनीपत में 22 फरवरी को होगा ऐलान
गांवों के लोगों से बातचीत कर तय की जाएगी आंदोलन करने की रूपरेखा। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की हुई बैठक। गांवों में लोगों से बातचीत के लिए कमेटियां गठित
हिसार, जेएनएन। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने आरक्षण आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है। सोमवार से राजली गांव से इसकी शुरूआत होगी। आरक्षण आंदोलन की तैयारी के लिए बनाई गई कमेटियां गांव-गांव जाकर लोगों से बातचीत करेंगी और आम आदमी से राय लेंगी। 22 फरवरी को सोनीपत के लाठजोली गांव में एक रैली होगी और आंदोलन की रूपरेखा बनाकर घोषणा की जाएगी। इसको लेकर शनिवार को जाट धर्मशाला में बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता सूबेदार हरि सिंह सरसाना ने की। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र पूनिया और जिला अध्यक्ष बलवान सुंडा भी मौजूद थे।
संघर्ष समिति ने पिछले दिनों रतिया बैठक की। उसके बाद शनिवार को जाट धर्मशाला हिसार में बैठक हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि सरकार ने पिछले दिनों ओबीसी में दिए गए आरक्षण को खत्म कर दिया था। अब वे बीसी बी में आरक्षण देने की मांग उठा रहे हैं। साथ ही पिछले आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए मुकदमों को खारिज करने के साथ जिन लोगों की मौत हुई, उनके परिवार को नौकरी देने की मांग की गई।
संघर्ष समिति के प्रदेश प्रवक्ता रामभगत मलिक ने कहा कि सरकार के खिलाफ आंदोलन को किस रूप में चलाया जाए इसको लेकर गांव-गांव जाकर आम आदमी से विचार-विमर्श किया जाएगा। उनसे बातचीत कर आगे की रणनीति बनाई जाएगी। उसके बाद रैली कर घोषणा की जाएगी। ऐसे में सरकार भी इस घोषणा को लेकर हरकत में जरूर आएगी। क्योंकि 2016 में जाट आंदोलन के कारण प्रदेश में भारी नुकसान हुआ था और कई लोगों की जान भी चली गई थी। इस बार ऐसा कुछ न हो इसके लिए सरकार पहले ही मुस्तैदी दिखा सकती है।
बता दें कि जाट आंदोलन के दौरान हिंसा में संलिप्त होने को लेकर कई लोगों को पुलिस ने हिरासत में लेकर मामले दर्ज किए थे। इसके बाद कुछ को अदालत ने बरी भी किया तो अभी भी बहुत से लोग जेल में है। जाट समाज इनकी रिहाई को लेकर प्रयासरत है। वहीं पूर्व प्रदेश वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु की कोठी फूंकने के मामले में भी सुलह के प्रयास चल रहे हैं।