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पीएम मोदी की रैली में ड्यूटी पर आए हेड कांस्टेबल की पीट-पीटकर हत्‍या Hisar news

गुरुग्राम के बजखेड़ा गांव का निवासी और फरीदाबाद के बुपानी थाने में तैनात मृतक प्रदीप रात को माजरा गांव में रूका हुआ था। सुबह उसकी लाश मिली।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 08 Sep 2019 11:22 AM (IST)Updated: Mon, 09 Sep 2019 08:23 AM (IST)
पीएम मोदी की रैली में ड्यूटी पर आए हेड कांस्टेबल की पीट-पीटकर हत्‍या Hisar news
पीएम मोदी की रैली में ड्यूटी पर आए हेड कांस्टेबल की पीट-पीटकर हत्‍या Hisar news

रोहतक/हिसार, जेएनएन। फरीदाबाद से प्रधानमंत्री की रैली में वीआइपी ड्यूटी पर आए हेड कांस्टेबल की माजरा गांव के एक फ्लैट में ईंट मारकर हत्या कर दी गई। हत्याकांड को इतने जघन्य तरीके से अंजाम दिया गया था कि कांच की बोतल से भी शरीर पर कई  जगह वार किया गया। जांच में सामने आया कि हेड कांस्टेबल की दूसरे कमरे में रुके युवकों के साथ कहासुनी हुई थी। इसके बाद हत्याकांड को अंजाम दिया गया। आइएमटी थाना पुलिस ने एक नामजद समेत कई अज्ञात आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

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मूलरूप से गुरुग्राम के बजखेड़ा गांव निवासी प्रदीप कुमार हरियाणा पुलिस में हेड कांस्टेबल के पद पर कार्यरत था, जिसकी तैनाती फिलहाल फरीदाबाद के बुपानी थाने में थी। प्रदीप की वीआइपी ड्यूटी प्रधानमंत्री की विजय संकल्प रैली में लगाई थी। इसके लिए वह शनिवार को रोहतक आया था। रात में वह माजरा गांव में बाहरी छोर पर बने फ्लैट में रुका था। रात में उसका साथी बोहर गांव निवासी विकास भी उसके कमरे पर गया था, उसकी ड्यूटी भी प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में थी। देर रात वह अपने घर आ गया और हेड कांस्टेबल कमरे में अकेला था। रविवार सुबह करीब नौ बजे दोबारा विकास वहां पहुंचा, तब प्रदीप का खून से लथपथ शव कमरे में पड़ा था। इसके बाद आइएमटी थाना पुलिस मौके पर पहुंची।

एफएसएल इंचार्ज डा. सरोज मलिक दहिया ने भी मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की। हेड कांस्टेबल के सिर पर ईंट से वार किया गया था, जबकि शरीर पर भी कांच की बोतल के कई निशान थे। सूचना मिलने पर हेड कांस्टेबल के भाई रणदीप और कंवल ङ्क्षसह भी मौके पर पहुंचे। आइएमटी थाना प्रभारी प्रमोद गौतम का कहना है कि भाई की शिकायत पर कलानौर के बसाना गांव निवासी दीपक समेत कई अज्ञात पर केस दर्ज किया गया है। दीपक के साथ देर रात प्रदीप की कहासुनी हो गई थी। उधर, पुलिस ने देर रात इस मामले में कई आरोपितों को हिरासत में लिया है।

रात में की थी जन्मदिन की पार्टी
पुलिस के अनुसार हेड कांस्टेबल प्रदीप का शनिवार को जन्मदिन था। उसने रात में अपने साथी के साथ जन्मदिन की पार्टी भी की थी। अब पहेली ये बनी है कि आखिर प्रदीप की हत्‍या किसने की।

हत्याकांड से कुछ घंटे पहले हेड कांस्टेबल ने किया था परिजनों को फोन
मैं रोहतक पहुंच गया हूं। कल सुबह से मेरी वीआइपी ड्यूटी है। मेरी पड़ोसी कमरे में रहने वालों के साथ कहासुनी हो गई थी। फिलहाल मैं ठीक हूं। यह बात शनिवार देर रात हेड कांस्टेबल प्रदीप ने अपने परिजनों को फोन पर बताई थी। इसके बाद परिजनों की हेड कांस्टेबल से बात नहीं हुई। रविवार सुबह उन्हें हेड कांस्टेबल की हत्या की सूचना मिली। जिसके बाद परिजन रोहतक पहुंचे।

दरअसल, कुछ समय पहले फरीदाबाद में ही बोहर गांव के रहने वाले हेड कांस्टेबल विकास की ड्यूटी थी। जहां पर विकास और प्रदीप के बीच अच्छी दोस्ती हो गई थी। इसके बाद विकास का तबादला झज्जर जिले में हो गया और प्रदीप वहीं पर तैनात रहा। रविवार को दोनों की वीआइपी ड्यूटी प्रधानमंत्री की रैली में लगाई गई थी। रोहतक पहुंचने पर रात के समय प्रदीप माजरा गांव में बने फ्लैट में रुका था। वहां पर विकास भी उसके साथ देर रात तक रहा। दोनों ने एक साथ खाना खाया और फिर विकास वहां से अपने घर चला गया। सुबह होने पर विकास जब कमरे पर दोबारा पहुंचा, तभी हत्याकांड का पता चला। पुलिस के अनुसार, रात के समय प्रदीप ने अपने परिजनों से फोन पर बात की थी। जिसमें उसने कहासुनी का जिक्र किया था। उधर, हत्याकांड के बाद से ही पड़ोस वाले कमरे में रहने वाला आरोपित दीपक भी वहां से फरार है। पुलिस आरोपित की तलाश में जुटी है।

20 कदम दूर पर गली में मिले खून के छींटे
हेड कांस्टेबल और हत्यारों के बीच हाथापाई भी हुई थी। जहां कांच के टुकड़े और अन्य सामान भी बिखरा हुआ पड़ा मिला। वहीं कमरे से 20 कदम की दूरी पर गली के पास खून के छींटे भी पड़े मिले। घटनास्थल के हालात देखकर लग रहा है कि खुद को बचाने के लिए हेड कांस्टेबल ने हत्यारों का डटकर मुकाबला किया होगा। पुलिस का मानना है कि गली में पड़े खून के छींटे हत्यारों के हो सकते हैं। वहीं उसकी वर्दी भी कमरे में ही रखी हुई थी।

यह खड़े हो रहे सवाल, पहेली बनी हत्‍या की वजह
जिस कमरे में प्रदीप रुका हुआ था उसके पास छत पर जाने के लिए सीढिय़ां है और सामने खाली जगह पड़ी है। कमरे के हालात देखकर लग रहा है कि हाथापाई के दौरान काफी शोर-शराबा भी हुआ होगा, लेकिन जिस समय पुलिस ने वहां पर रहने वाले अन्य लोगों से जानकारी लेनी चाही तो सभी ने मना कर दिया। सवाल यह है कि शोर-शराबा होने के बाद भी उन्हें पता कैसे नहीं चला। मृतक के भाई कंवल ङ्क्षसह का कहना है कि प्रदीप काफी तंदरूस्त था, जो एक व्यक्ति के काबू में नहीं आ सकता। इसका मतलब साफ है कि आरोपितों की संख्या तीन या चार थी। फिलहाल पुलिस सभी की तलाश में जुटी हुई है।


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