मुस्लिम समुदाय उदयपुर घटना के विरोध में सड़कों पर उतरे लोग, हत्या को बताया क्रूरता
भिवानी में मुस्लिम समुदाय के लोगों उदयपुर में हुई दर्जी की हत्या के विरोध रोष प्रदर्शन किया। मस्जिद कमेटी प्रधान जोरावर अली ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के सम्मानित न्यायधीश सूर्यकान्त ने कोर्ट की तरफ से एक याचिका में निर्णय सुनाते हुए स्पष्ट रूप से बता दिया है।
भिवानी, जागरण संवाददाता। उदयपुर में हुई दर्जी की हत्या पर मुस्लिम समुदाय भी खफा हैं। उसने इस हत्या को क्रूरता करार दिया है। साथ ही इसे समाज के लिए काफी खतरनाक बताया है। मुस्लिम समुदाय ने शनिवार को मस्जिद कमेटी प्रधान जोरावर अली की अध्यक्षता में बैठक कर राज्य सरकार से पीड़ित परिवार की सुरक्षा व न्याय देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ने की मांग की। साथ ही हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा देने की बात कही। प्रधान ने कहा कि उनको यह कहते हुए बहुत दुख: हो रहा है कि पिछले काफी दिनों से कुछ निहित राजनीतिक स्वार्थ वशीभूत ताकतों द्वारा समाज में साम्प्रदायिक जहर घोलने की मुहिम चला रखी है।
कहा, कोई भी धर्म हमें हिंसा नहीं सिखाता
प्रधान ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के सम्मानित न्यायधीश सूर्यकान्त ने कोर्ट की तरफ से एक याचिका में निर्णय सुनाते हुए स्पष्ट रूप से बता दिया है। हमारा कोई भी धर्म किसी दूसरे धर्म के मानने वालों से घृणा, हिंसा करना, उपद्रव करना नहीं सिखाता है। वह आपसी भाईचारे, प्रेम, इन्सान से इन्सान को प्यार करना ही सिखाता है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को धर्म, जाति, भाषा, लिंग व क्षेत्र के आधार पर नफरत करके नुकसान पहुंचाता है, घृणा करता है। उसका कोई धर्म या जाति नहीं होती, वह पूरे समाज का दुश्मन है। आजकल धर्म और राजनीति का गठजोड़ चल रहा है, उसी के परिणाम हमारे सामने आ रहे हैं, देश का बंटवारा भी ऐसी घृणा के चलते हुआ था।
देश के बाहर गहरी साजिश चल रही : प्रधान जोरावर
प्रधान जोरावर ने कहा कि जाने अनजाने देश व देश के बाहर गहरी साजिश चल रही है कि देश का सामाजिक माहौल बिगाड़कर अराजकता पैदा की जाए। धर्म जाति पर लोगों में नफरत पैदा हो और देश में 1947 वाले हालात पैदा किए जाएं। उन्होंने कहा कि हमें सावधान रहना होगा। आवेश में आकर हमारे ही नागरिकों व सम्पति का नुकसान करने से पूर्ण परहेज करना हैं, अंहिसात्मक तरीके से किसी दूसरे नागरिक की भावनाओं को ठेस पहुंचाए बगैर अपनी बात रखनी है। सभी जगह शांन्ति बनाए रखनी है, निहित स्वार्थी व असामाजिक तत्वों के बहकावे में नहीं आना है।