गंभीर व दुर्घटनाग्रस्त मरीजों को पहले की अपेक्षा पांच मिनट पहले मिलेगा इलाज
सिविल अस्पताल की इमरजेंसी के सामने की गेट की व्यवस्था। गंभीर मरीजों को लाने वाली एंबुलेंस सीधे रुकेगी इमरजेंसी के सामने।
जेएनएन, हिसार : दुर्घटनाग्रस्त और गंभीर मरीजों को समय रहते उपचार मिल जाए तो उनकी जान जोखिम में जाने से बचाई जा सकती है। सिविल अस्पताल में इसी बात को ध्यान में रखते हुए इमरजेंसी में लाए जाने वाले मरीजों को अब 4 से 5 मिनट पहले उपचार मिल सकेगा। सिविल अस्पताल के मुख्य गेट के साथ अब इमरजेंसी के बिल्कुल सामने गेट की व्यवस्था की गई है। इससे इमरजेंसी में लाए जाने वाले गंभीर मरीजों की एंबुलेंस सीधे इमरजेंसी के सामने रुकेगी। जिससे गंभीर मरीज को जल्द इलाज मुहैया हो पाएगा। जबकि पहले सिविल अस्पताल के मुख्य गेट पर एंबुलेंस लाए जाने के बाद स्ट्रेचर लाने और स्ट्रेचर पर लेटे मरीज को डाक्टरों के केबिन के बाहर लगी भीड़ को चीरते हुए इमरजेंसी में लाया जाता था। इसी पूरी प्रक्रिया में 4 से 5 मिनट का समय लग जाता था। जिससे गंभीर मरीजों को इलाज मिलने में देरी हो जाती थी। वहीं इमरजेंसी के बाहर गैलरी में दोनों तरफ दरवाजे भी लगाए गए है, ताकि इमरजेंसी के सामने भीड़ एकत्रित न हो।
इमरजेंसी में प्रतिदिन आते हैं करीब 20 मामले
सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में प्रतिदिन करीब 20 मामले आते हैं, जिनमें 4 से 5 पांच मामले झगड़े के। 4 से 5 मामले एक्सिडेंट के और अन्य मामले विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त गंभीर मरीजों के आते हैं।
इमरजेंसी के सामने की है शेड की व्यवस्था
सिविल अस्पताल के इमरजेंसी के गेट के सामने शेड की व्यवस्था भी की गई है। वहीं इमरजेंसी के सामने ही बरसाती पानी की निकासी के लिए बरसाती नाला भी बनाया गया है। जिससे बरसात के दिनों में पानी एकत्रित होने की समस्या भी नहीं रहेगी। स्वास्थ्य विभाग के लिए हर वर्ष बरसात के समय एकत्रित होने वाला बरसाती पानी चिंता का विषय बना हुआ था। क्योंकि थोड़ी सी बरसात में ही यहां पर डेढ़ से दो फीट पानी एकत्रित हो जाता था। इसके कारण मरीजों सहित डाक्टरों को भी आने-जाने में समस्या का सामना करना पड़ता था। लेकिन बरसाती नाला बनने से इस समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।
मरीजों की सुविधा के लिए इमरजेंसी के सामने गेट की व्यवस्था की गई है। इससे गंभीर मरीजों को जल्द इलाज मिल पाएगा और उन्हें भीड़ का सामना भी नहीं करना पड़ेगा।
- डा. रत्नाभारती, पीएमओ, सिविल अस्पताल, हिसार।