जान जोखिम में डाल सेवा कर रहे महायोद्धाओं पर बरसा रहे फूल, आइए आप भी डालें आहुति
लॉकडाउन के बावजूद शहर की सड़कों पर अलसुबह हाथ में झाड़ू लेकर सफाईकर्मी निकल जाते हैं। इनकी कोई छुट्टी भी नहीं होती। ये सम्मान के हकदार हैं। आइए जागरण की मुहिम के साथ जुड़े
हिसार, जेएनएन। कुछ सुखद आवाजों से शटडाउन का सन्नाटा रोजाना टूटता है। वह आपकी डोरबेल बजाता है, दरवाजा खटखटाता है, आवाज लगाता है और आपके घर से कचरा उठा ले जाता है। गली में झाड़ू निकलने की सरसराती आवाज आज भी सुनाई देती है। आज भी कचरे से भरी गाड़ियां चलती हुई दिखाई देती है।
कोरोना महामारी से डरे-सहमे हम लोग घरों में बैठे हैं और वो हमें खतरे से बचाने के लिए प्रतिदिन जान जोखिम में डालकर अपना फर्ज बखूबी निभाते हैं। इन कर्मयोगियों को महायोद्धा की संज्ञा से नवाजा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। महाकवि कालिदास ने भी कहा है-मनुष्य जब असाधारण कार्य करता है, वह यश का कारण बनता है।
आइए, ऐसे सफाई के महायोद्धाओं को सलाम करें। ऐसा ही कुछ लोग कर भी रहे हैं। मंगलवार को ही झज्जर, भिवानी और अन्य कुछ जिलों में इन कर्मयोद्धाओं को लोगों ने रुपयों और फूल मालाएं पहनाकर स्वागत किया। इनके लिए तालियां भी बजाई। दैनिक जागरण की पहल पर भिवानी नगर परिषद चेयरमैन व शहर के लोगों ने सफाई कर्मचारियों को फूलों की माला पहनाकर वह फूल बरसा कर किया सम्मानित किया। चेयरमैन रणसिंह यादव ने 11000 रुपये की नगद राशि देकर सम्मानित किया।
झज्जर में भी सफाई के महायोद्धाओं का नोटों की माला पहनाकर सम्मानित किया गया। पार्षद हेमंत भगाना ने व शहर की महिलाओं ने भी ऐसी महायोद्धाओं का सम्मान किया।
हिसार में नगर निगम वार्ड नंबर 6 के पूर्व पार्षद मान सिंह चौहान के समर्थकों द्वारा बनाए गए संगठन ग्रुप के सदस्यों द्वारा कोरोना महामारी के बावजूद वार्ड में अपनी सेवाएं दे रहे सफाई व सीवरेज कर्मचारियों का स्वागत व सम्मान किया गया। ग्रुप मान सिंह चौहान के सदस्यों ने उनको तिलक लगा कर, फूल बरसा कर व नोटों की मालाएं पहना कर सम्मानित किया।
वहीं अगर हम इसे महज इनका काम समझकर उनके बेमिसाल जज्बें को नजरअंदाज कर देंगे तो यकीनन यह नाइंसाफी हाेगी। अपने घर, अड़ोस-पड़ोस और गली से लेकर जहां भी नजर दौड़ाएंगे, ये महायोद्धा दिख जाएंगे। इनके भी परिवार हैं, इनके मन में भी वैश्विक आपदा की इस घड़ी में अपनों को बचाने की फिक्र है लेकिन, समाज के प्रति समर्पण की पराकाष्ठा ही तो है कि हर रोज तमाम खतरों से जूझते हुए ये सड़कों पर निकल आते हैं।
संक्रमण की विभीषिका के बीच अपने प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष योगदान से हम सबको बचाने की भरसक कोशिश कर रहे हैं। जरा सोचिए कि अगर ये न होते तो क्या होता ? जनता कर्फ्यू से लेकर लॉकडाउन की मौजूदा अवधि तक करीब दो सप्ताह हो रहे हैं। इस बीच एक दिन भी सफाई ठप रहती तो कितना हाहाकार मच जाता? घर से बाहर तक गंदगी के ढेर लग जाते ? बीमारी कितना गंभीर रूप ले लेती ? लेकिन ये महायोद्धा अपने फर्ज से एक क्षण को नहीं डिगे।
कोरोना महामारी की महाचुनौती से निपटने में अगुवा बने इन सच्चे सेनानियों को दिल से सम्मान करना चाहिए। तो हम सब मिलकर आज, अभी और इसी पल संकल्प लें कि सफाई के इन महानायकों के सम्मान से पूरे शहर, पूरे प्रदेश, पूरे देश और अंतत: पूरे विश्व को गुंजायमान कर देंगे। दैनिक जागरण ने तय किया है कि इन महायोद्धाओं के सम्मान में आपके साथ कदमताल करेगा।
क्या कर सकते हैं हम ?
-- जब ये दिखें तो इन्हें घर-आंगन में खिले फूल दें ताकि इनके मन की बगिया भी आपके स्नेह से महक उठे।
-- इन्हें घर में रखे फल या रसोई में पकाए गए ताजा पकवान भी दे सकते हैं ताकि इन्हें पारिवारिक अपनत्व महसूस हो।
-- इनकी सराहना में कुछ शब्द कहें, शारीरक दूरी का ध्यान रखते हुए सेल्फी खींचें और सोशल मीडिया से प्रचारित करें।
-- इन्हें घर में रखा कोई उपहार भेंट कर दें। बच्चों के लिए कोई उपयोगी वस्तु दे सकते हैं, इससे ये खूब प्रोत्साहित होंगे।
-- इनके आने से पूर्व दरवाजे पर ही स्वागत, अभिनंदन में पूरा परिवार खड़ा होकर सरप्राइज देंगे तो ये खुश हो जाएंगे।
ये रखना होगा ख्याल
सफाई के इन महायोद्धा आपके और हमारे ही नहीं बल्कि, उन घर-परिवारों से लेकर उन अस्पतालों में सफाई करते हैं, जहां संक्रमण का भारी खतरा है। इनके आसपास क्वारांटाइन या आइसोलेट मरीज भी होते हैं। ऐसे में आप और हम इनका सम्मान करते हुए एहतियाती कदमोंं का अवश्य ख्याल रखें। मौजदा
परिस्थितियों में इन्हें शारीरिक दूरी के बारे में बताएं और समझाएं। इन्हेंं सैनिटाइजर, साबुन और मास्क दें ताकि ये खुद सुरक्षित रहें और हमें भी रखें।