बदलते मौसम में बीमार पड़ रहे लोग, न बरतें लापरवाही, इन बातों का रखें ख्याल
पीजीआइ व सिविल अस्पतालों में आने वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी। मौसम बदलने के कारण बच्चों को निमोनिया खांसी आदि की सबसे अधिक शिकायत। उपाय कर करें बचाव
रोहतक/हिसार, जेएनएन। आधा फरवरी माह बीतने को है और दिन में तेज धूप के साथ गर्मी व सुबह-शाम ठंड पडऩे के कारण लोग बीमार पड़ रहे हैं। दिन के वक्त धूप निकलने के चलते लोग तेजी से करवट बदलते मौसम के प्रति लापरवाही बरत रहे हैं। ऐसे में अस्पतालों में मौसमी और संक्रामक बीमारियों से पीडि़त मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। सिविल अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञों के पास इन दिनों 50 फीसद बच्चे निमोनिया, बुखार, खांसी से पीडि़त हैं।
आजकल सुबह-शाम का तापमान कम और दिन के वक्त धूप निकलने के चलते तापमान में बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। पिछले एक सप्ताह में मौसम में बदलाव के रुख के कारण बीमारियों का ग्राफ भी बढ़ा है। मौसमी और संक्रामक बीमारियों की भरमार के बीच अस्पतालों की ओपीडी पर सुबह होते ही मरीजों की लंबी लाइनें लग रही हैं। सोमवार को पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (पीजीआइएमएस), सिविल अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की लंबी लाइनें लगी हुई थी।
पीजीआइ के मेडिसिन विभाग और सिविल अस्पताल में मेडिसिन के चिकित्सकों के पास सबसे अधिक मरीज बुखार, जुकाम व खांसी से पीडि़त थे। बच्चों में खांसी, जुकाम, वायरल और बुखार के साथ एलर्जी की समस्या के चलते अभिभावक बड़ी संख्या में बच्चों को लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। वहीं नवजात बच्चों में निमोनिया की बीमारी के चलते पीडि़त बच्चों की संख्या बढ़ी है। बाकि जिलों में भी इसी तरह के हालात देखने को मिल रहे हैं।
बीमारी से बचने के लिए यह सावधानी बरतें
पीजीआइ के मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डा. वीके कत्याल के अनुसार मौसमी बीमारियों से बचने के लिए आवश्यक है कि लोग गर्म पानी पिएं, दमा के मरीज धूल, धुंआ से दूर रहें, घरों से बाहर जाते समय मास्क का प्रयोग करें, बच्चों और बुजुर्गों को सुबह-शाम के साथ ही दिन में भी गर्म कपड़े पहनाएं, किसी भी बुखार, खांसी से ग्रस्त मरीज के संपर्क में अन्य लोग न आएं, खांसते व छींकते समय मुंह पर रुमाल अवश्य रखें। बताया कि यह सामान्य वायरल है, इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। विशेषज्ञ चिकित्सक से दवाई लें, जिससे कि वायरल चार से पांच दिनों में ठीक हो सके।
---ओपीडी में करीब 50 फीसद बच्चे बुखार, खांसी, जुकाम व निमोनिया समेत मौसमी बीमारियों से ग्रस्त आ रहे हैं। बच्चों को इन बीमारियों से बचाने के लिए आवश्यक है कि परिजन उनका खास ध्यान रखें और गर्म कपड़े अवश्य पहनाएं। साथ ही बच्चे को कोई भी समस्या होने पर घर ही उसका उपचार न करें और विशेषज्ञ चिकित्सक से ही दवाई दिलाएं।
- डा. जसवीर परमार, बाल रोग विशेषज्ञ, सिविल अस्पताल।