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बार-बार नहीं होगा गर्भपात, रोहतक PGI में PCOS बीमारी का मिलेगा उपचार

महिलाओं को अनियमित मासिक धर्म वजन बढऩाअंगों पर अनचाहे बालों का उगना त्वचा संबंधी समस्या स्वभाव में बदलाव होना बार बार गर्भपात या डिप्रेशन या एंग्जायटी होना पीसीओएस के लक्षण है

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 29 Jan 2020 12:55 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jan 2020 12:55 PM (IST)
बार-बार नहीं होगा गर्भपात, रोहतक PGI में PCOS बीमारी का मिलेगा उपचार
बार-बार नहीं होगा गर्भपात, रोहतक PGI में PCOS बीमारी का मिलेगा उपचार

रोहतक [पुनीत शर्मा] देश में मुंबई के बाद पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) क्लीनिक शुरू करने के लिए पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के अधिकारियों ने कदम बढ़ाए हैं। क्लीनिक शुरू करने का उद्देश्य विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को एक ही क्लीनिक में उपचार की सुविधा उपलब्ध कराना है। उक्त क्लीनिक में विभिन्न विभागों के आठ विशेषज्ञ चिकित्सक उपस्थित रहकर मरीजों का उपचार करेंगे। अभी तक पीसीओएस क्लीनिक केवल मुंबई में संचालित किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि फरवरी माह में हेल्थ यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. ओपी कालरा क्लीनिक का औपचारिक शुभारंभ करेंगे।

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क्या होती है पीसीओएस बीमारी

पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम आमतौर पर महिलाओं के अंदर हार्मोनल असंतुलन के कारण उत्पन्न होने वाली बीमारी है। इसमें महिला के शरीर के मेल हार्मोन एंड्रोजन का स्तर बढ़ जाता है और अंडाशय पर एक से अधिक सिस्ट बनने लगते हैं यानि ओवरी में द्रव से भरी हुई थैली उत्पन्न हो जाती है। जिसके चलते कई बार महिलाओं को गर्भधारण में भी परेशानी आती है। ऐसे महिलाओं के उपचार के लिए क्लीनिक का ओपीडी कार्ड पीजीआइ के ओपीडी कार्ड से अलग होगा। इससे कैंसर भी हो सकता है।

पीसीओएस के लक्षण

पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम से ग्रस्त महिलाओं को अनियमित मासिक धर्म, वजन का लगातार बढऩा, अनचाहे अंगों पर बालों का उगना, त्वचा संबंधी समस्या, व्यवहार या स्वभाव में बदलाव होना, बार-बार गर्भपात होना या डिप्रेशन या एंग्जायटी प्रमुख है। ऐसी महिलाओं को एक स्थान पर उचित उपचार के साथ पोषित आहार खाने और खाने की दिनचर्या के बारे में अवगत कराने के लिए न्यूट्रीशियन की भी तैनाती की जाएगी।

पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के बायो केमिस्ट्री विभाग द्वारा गायनी विभाग की ओपीडी में पीसीओएस क्लीनिक का शुभारंभ करने की तैयारी है। क्लीनिक का संचालन प्रत्येक माह के प्रथम बृहस्पतिवार को किया जाएगा। क्लीनिक में गायनोकोलॉजी, एंडोक्रिनोलॉजी, डर्मेटोलॉजी, न्यूट्रीशियन, साइकोलॉजी और जेनेटिक्स एवं मॉलिक्यूलर बायोलॉजी, फिजियोलॉजी, रेडियो डायग्नोसिस विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ एमआयू के लैब टेक्नीशियन विपुल शर्मा और नीतू मौजूद रहकर मरीजों का उपचार करेंगे। क्लीनिक शुरू करने का उद्देश्य मरीजों की परेशानी कम करने के साथ इंडिविजुअलाइज्ड ट्रीटमेंट प्लान बनाना है।

इसके अलावा क्लीनिक के माध्यम से जीवन में व्यायाम को एकीकृत करने की चाह रखने वाली महिलाओं के लिए एक्सरसाइज प्रोग्राम सीरीज तैयार की जाएगी। अभी तक देश में केवल मुंबई में पीसीओएस क्लीनिक संचालित किया जा रहा है। हेल्थ यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. ओपी कालरा के निर्देश पर बायो केमिस्ट्री विभाग की अध्यक्ष और एमआरयू यूनिट की नोडल अधिकारी डा. शिम्मी खरब, गायनी विभागाध्यक्ष डा. स्मिति नंदा और डा. वंदना के निर्देशन में क्लीनिक शुरू किया गया है। क्लीनिक में आने वाले मरीजों की पूरी जानकारी भी गोपनीय रखी जाएगी।

===पीसीओएस क्लीनिक शुरू करना संस्थान के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। गायनी विभाग की अध्यक्ष डा. स्मिति नंदा और बायो केमिस्ट्री विभाग की अध्यक्ष डा. शिम्मी खरब के निर्देशन में क्लीनिक का संचालन शुरू करने की तैयारी है। देश में अभी तक केवल मुंबई में उक्त क्लीनिक का संचालन किया जाता है। इसके लिए दोनों विभागों की विभागाध्यक्ष और उनकी टीम बधाई की पात्र हैं।

--डॉ. ओपी कालरा, कुलपति, पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय।


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