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एक ऐसा सरकारी स्कूल, जहां कक्षा में बैठे बच्चों को घर बैठे देख सकेंगे अभिभावक

मानावाली के ग्रामीणों ने प्राइवेट स्कूलों में पढऩे वाले 350 विद्यार्थियों को गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ाने का लक्ष्‍य रखा है। बच्‍चे सही से पढ़े इसलिए एक विशेष योजना तैयार की है

By manoj kumarEdited By: Published: Mon, 01 Apr 2019 12:14 PM (IST)Updated: Tue, 02 Apr 2019 11:21 AM (IST)
एक ऐसा सरकारी स्कूल, जहां कक्षा में बैठे बच्चों को घर बैठे देख सकेंगे अभिभावक
एक ऐसा सरकारी स्कूल, जहां कक्षा में बैठे बच्चों को घर बैठे देख सकेंगे अभिभावक

फतेहाबाद, जेएनएन। निजी स्‍कूलों की कक्षाओं में सीसीटीवी कैमरे लगे होना आम बात है। किसी तरह की लापरवाही न हो इसके लिए फुटेज पर हर वक्‍त शिक्षक ध्‍यान देते हैं। मगर सोचिए अगर यह सुविधा किसी सरकारी स्‍कूल में लागू हो तो कैसा होगा। मगर एक गांव ऐसा है जिसने ये पहल शुरू की है। जहां प्राइवेट स्कूलों की मनमानी से तंग आकर अभिभावकों ने विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए सरकारी स्कूलों की तरफ रुख करना शुरू कर दिया है। स्कूल के प्रत्येक कमरे में ग्राम पंचायत सीसीटीवी कैमरें लगवाएगी ये कैमरे आनलाइन एप से जुडेंगे। अभिभावक घर बैठे स्कूल में पढ़ रहे बच्चों को देख सकेंगे।

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ढाणी ईसर के बाद अब गांव मानावाली के ग्रामीण इसके लिए आगे आए हैं। ग्रामीणों ने बैठक करके गांव के सभी बच्चों को प्राइवेट की जगह सरकारी स्कूल में पढ़ाने का निर्णय लिया है। सरकारी स्कूल में शिक्षकों की कमी को सोसायटी पूरा करेगी। इसके लिए गांव में श्रीबाबा धर्मगिरी जी एजुकेशन सोसायटी को गठन किया गया है। ये सोसायटी स्कूल में अपने स्तर पर 10 शिक्षक रखेगी।

500 बच्चे पढ़ रहे प्राइवेट स्कूलों में

विद्यार्थियों को सरकारी स्कूल में दाखिल करवाने को लेकर गांव मानावाली में पंचायत बुलाई गई। पंचायत में ढाणी ईसर की तर्ज पर निर्णय लिया गया कि सभी ग्रामीण अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाएंगे। इसके बाद रविवार को गांव में सर्वे किया गया। इसमें सामने आया कि गांव के करीब 500 विद्यार्थी प्राइवेट स्कूल में पढऩे जा रहे हैं। इसके अलावा करीब 300 विद्यार्थी सरकारी स्कूल में पढ़ रहे हैं। 9 हजार आबादी वाले गांव मानावाली में 300 विद्यार्थी ही सरकारी स्कूल में फिलहाल पढ़ रहे हैं। गांव का सरकरी स्कूल दसवीं कक्षा तक है।

सरकारी स्कूल को चलाने के लिए ग्रामीण करेंगे मदद

गांव मानावाली के ग्रामीणों का कहना है कि प्राइवेट स्कूलों में छोटी कक्षा का साल में 25 से 30 हजार रुपये खर्चा है। ग्रामीणों ने फैसला लिया है कि इसका करीब 30 से 40 फीसद सरकारी स्कूल को चलाने के लिए देंगे।

--ग्रामीणों ने मिलकर फैसला लिया है कि अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाएंगे। पंचायत भी इसके लिए पूरी तरह से मदद करेगी। गांव की सोसाइटी अपने स्तर पर शिक्षक रखेगी। सरकारी स्कूल में सभी सुविधाओं को उपलब्ध करवाया जा रहा है जो कमियां हैं उन्हें जल्द पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा प्रत्येक कमरे में सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएंगे। इसके माध्यम से मां-बाप घर बैठे नजर रख सकेंगे।

दीवान सिंह रावत, सरपंच, मानावाली।


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