अभिभावक बोले- फीस भरने के रुपये नहीं, कहां से देंगे टेबलेट के 17 हजार
आर्यनगर गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बच्चों को टेबलेट देने के नाम पर दायित्व पत्र भरवाने के फैसले को लेकर शिक्षकों का विरोध बढ़ता जा रहा है। इधर स्कूल प्रशासन भी नियमों को ताक पर रखकर अपनी बात पर अड़ा हुआ है।
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स्कूल मुखिया ने कहा- दूसरे स्कूल भी भरवा रहे, टेबलेट टूटेंगे तो अपनी जेब से भरेंगे क्या
- अभिभावकों ने आर्यनगर गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में वापस मांगा दायित्व पत्र तो नहीं दिया जागरण संवाददाता, हिसार: आर्यनगर गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बच्चों को टेबलेट देने के नाम पर दायित्व पत्र भरवाने के फैसले को लेकर शिक्षकों का विरोध बढ़ता जा रहा है। इधर, स्कूल प्रशासन भी नियमों को ताक पर रखकर अपनी बात पर अड़ा हुआ है। अभिभावकों से जब इस मामले को लेकर बात की गई तो उन्होंने बताया कि हमारे पास स्कूल की फीस भरने के लिए रुपये नहीं है अगर टेबलेट जैसी कीमती चीज का नुकसान हो गया तो कहां से हम 17 हजार रुपये भरेंगे। कोविड काल में जब पढ़ाई का नुकसान हुआ तब सरकार को टेबलेट देने की याद नहीं आई। अभिभावकों ने बताया कि स्कूल में टैबलेट देने के नाम पर जब दायित्व पत्र भरवाए जा रहे थे तब ही हमने मना किया था। यहां तक कि अभिभावकों ने एक बार तो स्कूल प्रशासन को टेबलेट वापस कर दिया और दायित्व पत्र वापस देने की मांग करने लगे। मगर स्कूल प्रशासन ने मना कर दिया। अब इस मामले को लेकर अभिभावकों में खासा रोष नजर आ रहा है। कई अभिभावकों ने भी टेबलेट को अभी तक खोलकर भी नहीं देखा है।
स्कूल प्रधानाचार्य के अनोखे जवाब
इस मामले को लेकर जब आर्यनगर गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रधानाचार्य महिपाल सोनी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि दूसरे स्कूलों ने भी इस प्रकार के दायित्व पत्र भरवाए हैं। जब उनसे दूसरे स्कूलों के नाम मांगे गए तो वह कोई जवाब नहीं दे पाए। इसके साथ ही उन्होंने प्रश्न पूछने पर बताया कि सरकार के आदेश में टेबलेट जमा करने की बात तो कही है। यह दायित्व पत्र तो इसलिए भरवाया है कि अगर टैबलेट टूट जाए तो हम अपनी जेब से रुपये नहीं भरेंगे।
शिक्षा निदेशालय व विभाग की भी उतनी ही कमी
टेबलेटवितरण में शिक्षा निदेशालय ने स्कूल मुखियाओं को यह तो निर्देश दे दिए कि पढ़ाई के लिए टेबलेट वापस किए जाने हैं। मगर यह नहीं स्पष्ट किया कि अगर टैबलेट खोता है, चोरी होता है या टूट जाता है तो इसकी भरपाई कहां से होगी। शिक्षकों को यही डर है कि अगर विद्यार्थियों के प्रयोग करने से टेबलेटको नुकसान हुआ तो इसकी भरपाई स्कूल मुखिया से न की जाए। इसी डर के कारण स्कूल मुखिया अपने सिर पर कोई भी जिम्मेदारी लेने से बच रहे हैं और विद्यार्थियों व अभिभावकों के सिर जिम्मेदारी सजा रहे हैं। स्कूल मुखिया विद्यार्थियों को टेबलेटदेंगे और विद्यार्थियों को जिम्मेदारी से पढ़ाई समाप्त होने के बाद टैबलेट जमा कराने होंगे। मगर अभिभावकों से दायित्व पत्र लेने जैसा कोई आदेश नहीं है। अगर कोई स्कूल मुखिया ऐसा कर रहा तो मैं चैक करा लेता हूं।
-कुलदीप सिहाग, जिला शिक्षाधिकारी, हिसार