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Parali Problem Haryana: जलाने की बजाय पराली प्रबंधन को महत्व दे रहे हैं सिरसा के गांव बुढ़ाभाना के किसान

सिरसा के गांव बुढाभाना जोकि घग्घर नदी के किनारे बसा हुआ है के जागरूक प्रगतिशील किसानों द्वारा धान कटाई के बाद बचे अवशेष पराली को जलाने की बजाय अन्य तरीकों को अपनाकर पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने में सराहनीय योगदान दे रहे हैं।

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 01:37 PM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 01:37 PM (IST)
Parali Problem Haryana: जलाने की बजाय पराली प्रबंधन को महत्व दे रहे हैं सिरसा के गांव बुढ़ाभाना के किसान
सिरसा के गांव में पराली को किसान समस्‍या नहीं मानते हैं बल्कि इसका प्रबंधन करते हैं

जागरण संवाददाता, सिरसा : धान उत्पादक क्षेत्र में गांव बुढाभाना जोकि घग्घर नदी के किनारे बसा हुआ है , के जागरूक प्रगतिशील किसानों द्वारा धान कटाई के बाद बचे अवशेष, पराली को जलाने की बजाय अन्य तरीकों को अपनाकर पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने में सराहनीय योगदान दे रहे हैं। गांव के कुल 2200 एकड़ रकबे में करीब 1900 एकड़ में किसान धान की खेती करते हैं। यहां घग्गर नदी के पानी की सुविधा होने पर जमींदारों के अलावा लोग ठेके पर जमीन लेकर धान की फसल पर अधिक जोर देते हैं। प्रगतिशील किसान खरैत लाल, हिमांशु मैहता, अमरिक सिंह, बादल सिंह, हैप्पी मैहता ने बताया कि उन्होंने अपने खेतों में धान कटाई के बाद बचे अवशेष पराली को जलाने की बजाय बेलर मशीन द्वारा गांठें बनाई जाती है।

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इसके अलावा हैप्पी सीडर मशीन तथा सुपर सीडर मशीनें आ गई है जिससे किसानों को और भी सुविधा मिल सकेगी। उन्होंने बताया कि हैप्पी सीडर मशीन या सुपर सीडर मशीन द्वारा धान कटाई के बाद बचे हुए अवशेष को जलाने की जरुरत नहीं होती इसलिए मशीनों द्वारा सीधे ही गेहूं की बिजाई कर दी जाती है। इससे यहां पराली जमीन में मिक्स होकर खाद का काम करती है वहीं बार बार कार्य करने की बजाय एक बार में ही पूरा काम निपटा दिया जाता है।

सुपर सीडर मशीन से धान की कटाई के बाद करूंगा सीधी बिजाई

प्रगतिशील किसान जगदीप सिंह ने अपना अनुभव सांझा करते हुए बताया कि उनके पास करीब 38 एकड़ में 1401 और पीबी- 1 धान की फसल है। इस बार वह समय आने पर धान कटाई के बाद पराली को जलाने की बजाय आगामी गेहूं की फसल बोने के लिए सुपर सीडर मशीन द्वारा ट्रैक्टर की सहायता से सीधे बिजाई करेंगे। उन्होंने बताया कि इससे एक तो कम समय में एक बार में ही काम निपटाया जाता है। उन्होंने बताया कि पराली को जलाने से आसमान में उठने वाले धुंए से वायु प्रदूषण फैलता है जिससे अनेक बीमारियां फैल सकतीं हैं।

सड़क किनारे लगी आग के धुएं से आवागमन में बाधा उत्पन्न हो जाती है। कई बार धुआं इतना ज्यादा हो जाता है कि वाहनों के दुर्घटना होने का भी अंदेशा बना रहता है। जगदीप सिंह ने बताया कि सुपर सीडर मशीन द्वारा गेहूं की बिजाई करने से उगने या फसल में अन्य किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं पड़ता। बल्कि कम समय में ही खेतों में बिजाई का कार्य निपटाया जा सकता है।


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