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पराली प्रबंधन में बेहतरीन कार्य करने वाली पंचायत होगी सम्मानित

उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने कहा है कि हिसार में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर व्यापक प्रबंध किए गए हैं। पराली या अन्य फसली अवशेष जलाने की घटनाओं पर निगरानी के लिए जिला उपमंडल खंड तथा गांव स्तर की चार कमेटियां गठित की गई हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 08 Oct 2020 08:29 AM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2020 08:29 AM (IST)
पराली प्रबंधन में बेहतरीन कार्य करने वाली पंचायत होगी सम्मानित
पराली प्रबंधन में बेहतरीन कार्य करने वाली पंचायत होगी सम्मानित

जागरण संवाददाता, हिसार : उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने कहा है कि हिसार में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर व्यापक प्रबंध किए गए हैं। पराली या अन्य फसली अवशेष जलाने की घटनाओं पर निगरानी के लिए जिला, उपमंडल, खंड तथा गांव स्तर की चार कमेटियां गठित की गई हैं। लोगों में जागरूकता के लिए अभी तक एक जिला स्तरीय सेमिनार आयोजित करने के साथ-साथ खंड स्तर पर छह जागरूकता शिविर और गांव स्तर पर 141 जागरूकता शिविर लगाए गए हैं। इसी प्रकार से जिला के 298 स्थानों पर वॉल पेंटिग इत्यादि के माध्यमों से लोगों को फसल अवशेष जलाने के खतरों से अवगत करवाया जा रहा है। पूर्व में पराली जलाए जाने की घटनाओं के मद्देनजर कुछ गांवों को रेड जोन यानि अति संवेदनशील क्षेत्रों के रूप में चिन्हित किया गया है। पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए इन गावों के 280 किसानों को प्रशिक्षण भी दिया गया है।

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हरियाणा के मुख्य सचिव विजय वर्धन द्वारा सभी जिला उपायुक्तों, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, प्रदूषण नियंत्रण विभाग व अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिग में उपायुक्त डा. प्रियंका सोनी ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि हिसार जिला में अभी तक कुल 143 कस्टम हायरिग सेंटर स्थापित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त 2236 किसानों को व्यक्तिगत तौर पर फसल अवशेष प्रबंधन की मशीनें अनुदान पर दी गई हैं। उपायुक्त ने अवगत करवाया कि हिसार में लगभग 141 गांवों में धान की फसल होती है। इनमें से 7 गावों को रेड जोन तथा 16 गावों को ओरेंज जोन में रखा गया है। इन गांवों की विशेष रूप से निगरानी करवाई जा रही है। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि कस्टम हायरिग सेंटर स्थापित करने और व्यक्तिगत तौर पर दी जाने वाली मशीनों के लक्ष्यों को प्राप्त करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में किसान इन मशीनों का लाभ उठाएं। इसके अतिरिक्त किसानों को पराली से बनी गांठें इत्यादि रखने के लिए पंचायतों की जगह चिन्हित करने की दिशा में जरूरी कदम उठाए जाएं। इसी प्रकार से गोशालाओं तथा फैक्टरी इत्यादि में भी पराली को भेजा जा सकता है। पराली प्रबंधन की दिशा में बेहतरीन कार्य करने वाली पंचायतों को सरकार की और से सम्मानित किया जाएगा। मुख्य सचिव ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं पर हरसैक द्वारा दी गई सूचना पर त्वरित कार्रवाई की जाए और जिला के डीडीए कार्यालय द्वारा चालान किए जाएं।


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