दो पहिया वाहनों के मालिक व 1.80 लाख सालाना कमाने वाले भी बीपीएल सूची में होंगे शामिल
नए आदेशों के बाद शहरी क्षेत्र में 7251 परिवारों का नए सिरे से घर-घर पहुंचकर सर्वे होगा।
अरुण शर्मा, रोहतक : सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) जीवन-यापन करने वालों की पात्रता सूची को लेकर नियमों में बदलाव किया है। सरकार ने दो कड़ी शर्तों को बदल दिया है। अब दो पहिया वाहनों के मालिक और सालाना 1.80 लाख रुपये तक कमाने वालों को बीपीएल पात्रता की सूची में शामिल करने का रास्ता साफ कर दिया है। नए आदेशों के बाद शहरी क्षेत्र में 7251 परिवारों का नए सिरे से घर-घर पहुंचकर सर्वे होगा।
नगर निगम प्रशासन ने सोमवार से सभी 22 वार्डों में सर्वे कराने के लिए 70-80 कर्मचारियों की तैनाती करेगा। निगम के अधिकारियों ने बताया है कि 31 दिसंबर 2019 तक सरल पोर्टल पर आवेदन करने का ही सर्वे होगा। बीते साल दिसंबर से पहले 6626 परिवारों ने सरल पोर्टल पर आवेदन किए थे। बीते साल दिसंबर तक आवेदन करने वालों की संख्या 625 तक बढ़ गई है। वहीं, 4159 आवेदक मानकों पर खरे नहीं उतर सके हैं। वहीं, इस साल एक जनवरी से आवेदन करने वालों का ब्योरा 10-15 दिन बाद अपडेट किया जाएगा।
15 बिंदुओं पर खरा उतरना होगा
घर-घर पहुंचकर सर्वे करने पहुंचने वाली टीमें 15 बिंदुओं पर जांच करेंगी। पहले सालाना 1.20 लाख रुपये से अधिक कमाई वाले पात्रता सूची में अपात्र माने जाते थे। दो पहिया वाहन होने पर भी आवेदन में अड़चन सामने आती थी। अब टीमें जांच के दौरान देखेंगी कि आवेदन करने वालों के पास चार पहिया वाहन, ट्रैक्टर या फिर परिवार के किसी सदस्य के पास किसान क्रेडिट कार्ड तो नहीं है। पात्रता सूची में शामिल होने के लिए परिवार का कोई भी सदस्य केंद्र, राज्य, केंद्र शासित, विभाग, बोर्ड, किसी निगम आदि सरकार स्वामित्व से संबंधित नौकरी में न हो। रोजगार की प्रवृति बतानी होगी। परिवार का कोई भी सदस्य सरकार द्वारा पंजीकृत उद्यम का स्वामी संचालक नहीं होना चाहिए। वस्तु एवं सेवाकर(जीएसटी), आयकर, फ्रिज, परिवार के पास फोन-लैंडलाइन का भी ब्योरा देना है। परिवार में दिव्यांग सदस्य, श्रम से कुल वार्षिक घरेलू आय, परिवार के पास एयर कंडीशनर, परिवार के सभी सदस्यों की वार्षिक आय, आमदनी का मुख्य स्रोत का भी ब्योरा देखा जाएगा। बेघर या फिर रिहायशी घर, कच्ची-पक्की छत, रिहायशी घर में कमरों की जांच भी होगी।
घर-घर पहुंचकर टीमें 15 बिंदुओं पर जांच करेंगी। किसी भी परिवार ने यदि आनलाइन आवेदन के दौरान गलत ब्योरा दिया होगा तो वह आसानी से पकड़ में आ जाएंगे। बाद में पात्रों की सूची सार्वजनिक करके दावे-आपत्तियां मांगेंगे। इस दौरान किसी ने गलत तथ्य पेश किए होंगे तो उनके आवेदन तत्काल रद किए जाएंगे।
जगदीश चंद्र, सिटी प्रोजेक्ट आफिसर, नगर निगम