काल बनकर सड़क पर दौड़ी कार, 10 बाइक और दो स्कूटी को रौंदा, मची भगदड़
सोनीपत रोड में एक कार सवार ने 10 बाइक और दो स्कूटी को रौंद दिया। इससे रोड पर भगदड़ मच गई। हर कोई जान बचाने को भागता नजर आया।
हिसार/रोहतक, जेएनएन। शहर के सोनीपत रोड पर उस समय भगदड़ मच गई जब तेज रफ्तार कार ने शोरूम के बाहर खड़ी एक के बाद एक 10 बाइक और दो एक्टिवा को टक्कर मार दी। तेज रफ्तार कार यही पर नहीं रूकी, आगे जाकर खंभे में टकरा गई। गनीमत रही कि कार की चपेट में कोई व्यक्ति नहीं आया। पता चलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और कार चालक को हिरासत में ले लिया।
मामला रविवार शाम करीब साढ़े तीन बजे का है। सोनीपत रोड स्थित मारूति शोरूम के सामने कई बाइक और एक्टिवा खड़ी थी। तभी शहर की तरफ से सफेद रंग की स्विफ्ट डिजायर कार आई। कार चालक ने शोरूम के बाहर खड़ी बाइक और एक्टिवा में टक्कर मार दी। कार की स्पीड इतनी थी कि कई बाइक उछलकर दूर जा गिरी। लोगों ने भी वहां से भागकर अपनी जान बचाई।
इसके बाद चालक ने सीधे खंभे में टक्कर मार दी। तभी लोगों ने उसे पकड़ लिया। पूछताछ करने पर कार चालक ने अपना नाम टिटौली निवासी संदीप बताया। सिविल लाइन थाना पुलिस मौके पर पहुंची और चालक को हिरासत में लेकर थाने में आ गई। इस मामले को लेकर किलोई गांव के रहने वाले सोमनाथ की तरफ से केस दर्ज कराया गया है। सोमनाथ ने बताया कि वह मारूति शोरूम में वाङ्क्षशग मैन के पद पर कार्यरत है। इस हादसे में उनके शोरूम में काम करने वाले कई लोगों की बाइक और एक्टिवा को नुकसान हुआ है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
इन कर्मचारियों की बाइक में मारी टक्कर
कार की टक्कर लगने से वॉशिंग मैन सोमनाथ, राजेश कौशिक, मैकेनिक अमित, मैकेनिक जगमेंद्र, सिक्योरिटी गार्ड सचिन, सेल्समैन विवेक, सेल्समैन दीपक, सर्विस एडवाइजर राहुल, कंप्यूटर ऑपरेटर अंकुश, अमित दहिया और सरिता आदि कई अन्य की बाइक और एक्टिवा टूट गई।
आरोपित बोला, मुझे नहीं पता क्या हुआ
जिस समय भीड़ ने आरोपित को पकड़कर उससे पूछताछ की तो वह बोला कि उसे कुछ समझ ही नहीं आया कि आखिर क्या हुआ है। अचानक उसका पैर रेस पर चला गया और फिर यह हादसा हो गया। कुछ लोगों का आरोप था कि कार चालक ने नशे में यह घटना की है, जबकि कार चालक इससे इंकार कर रहा था। देर रात तक आरोपित से पूछताछ की जा रही थी।
प्रत्यक्षदर्शी बोला, जा सकती थी कई जान
शोरूम पर गार्ड की नौकरी करने वाले सुनील का कहना है कि यह हादसा पूरी तरह फिल्मी स्टाइल जैसा था। गनीमत थी कि रविवार का दिन था। अन्य वर्किंग डे में शोरूम के बाहर काफी संख्या में बाइक और गाडिय़ां खड़ी रहती थी। वहां पर कई लोग ठेली भी लगाते है। अगर किसी अन्य दिनों में यह हादसा होता तो भारी नुकसान उठाना पड़ सकता था।