ताने सुन नहीं मानी हार, ऑटोचालक सुनीता ने छेड़ी बयार, अब और महिला चालक हुई तैयार
तानें सुनने के बावजूद हिसार की पहली महिला ऑटोरिक्शा चालक सुनीता डटीं हुई हैं। उनके हौंसले को देख अब और भी महिलाएं ऑटोचालक बनने को तैयार हो गई हैं।
हिसार [जागरण स्पेशल] और सुणा दे भाभी के हाल सै, आदमियों वाले काम औरतें नहीं करती, तुम ड्राइविंग करोगी तो चूल्हा चौका कोण करेगा। ये वो शब्द हैं जिन्हें सुन कोई भी महिला अंदर से टूट जाएगी। मगर हरियाणा के हिसार की पहली महिला ऑटोचालक सुनीता इसी तरह के शब्दों को बीते डेढ़ साल से सुन रही हैं। महज सुन ही नहीं रही बल्कि इस तरह की मानसिकता के पुरूषों का दंश भी झेल रही हैं। बावजूद इसके वो न तो अंदर से टूटी हैं और ना ही हार मानने के लिए तैयार हैं। सड़कों पर सरपट दौड़ता उनका ऑटोरिक्शा महिलाओं को प्रेरित करता है कि वो किसी से कम नहीं हैं। महिला ऑटोचालक सुनीता द्वारा छेड़ी गई इस बदलाव की बयार को देख अब और महिलाएं भी उनके साथ जुड़ने को तैयार हो गई हैं। ऐसे में अब और महिला चालक भी ऑटोरिक्शा चलाती हुई दिखाई देंगी। वहीं सुनीता को कई बड़े प्लेटफार्म पर बड़े लोग सम्मानित कर चुके हैं।
महिला सेफ्टी के लिए ऑटोरिक्शा में लगवाया सीसीटीवी कैमरा
सुनीता ने बताया कि उन्हें आए दिन तानें और फब्तियां सुनने को मिलती है। मगर सवारियों को उनके ऑटोरिक्शा में दिक्कत न हो इसके लिए उन्होंने ऑटोरिक्शा में ही सीसीटीवी कैमरा लगवाया है। महिला यात्रियों की सेफ्टी के लिए यह जरूरी था। आर्थिक रूप से कमजोर होने के चलते शुरू में मेरे पास इसके लिए संसाधन नहीं जुटे मगर उनकी इस पहल को देख फूड एंड सप्लाई विभाग में सब इंस्पेक्टर बिरमा देवी ने फंड देने का फैसला किया था।
कैमरे के साथ में लगाई एलईडी, फुटेज रहती सेव
आजाद नगर निवासी सुनीता ने बताया कि उन्होंने ऑटोरिक्शा में केवल सीसीटीवी कैमरा ही नहीं बल्कि एक एलईडी भी लगवाई है। पीछे बैठने वाली सवारियां इसमें दिखती रहती हैं। दिन के वक्त हालांकि सवारियां ज्यादा रहती हैं मगर सुबह और शाम के वक्त महिलाओं की सुरक्षा के लिए ये पुख्ता इंतजाम है। ऑटोरिक्शा में अलग से लाइट भी लगवाई है ताकि अंधेरा न रहे। वहीं सीसीटीवी कैमरे के साथ लगे डीवीआर में करीब 15 दिनों की फुटेज सेव रह सकती है।
महिला सशक्तीकरण की पहचान सुनीता बोली- हो रहा है भेदभाव
सुनीता बताती हैं कि उनके करीब 13 साल पहले उनके पति ने उनका साथ छोड़ दिया। मगर उनकी दो बेटियाें और एक बेटे का भविष्य बनाने के लिए ऑटोरिक्शा चलाने का फैसला किया। हिसार तत्कालीन एसपी की ओर से ऑटोरिक्शा चलवाया गया और डीएसपी जितेंद्र ने सुरक्षा का वचन भी दिया। सुनीता ने रेलवे स्टेशन से हिसार बस स्टैंड तक रूट चुना, मगर ये बात पुरुष ऑटोचालकों को हजम न हुई और उन्होंने सुनीता को ऑटो उनके ऑटोरिक्शा से अलग खड़ा करने के लिए कहा। सुनीता अब स्टेशन के बाहर ही ऑटोरिक्शा में संवारियां भरती हैं और ऑटोरिक्शा चालक उन्हें यहां भी परेशान करते हैं।
शहर में करीब 10 हजार ऑटोरिक्शा, दुष्कर्म की हुई थी घटना
गौरतलब है कि हिसार में करीब 10 हजार ऑटोरिक्शा हैं, मगर किसी में भ्ाी सीसीटीवी कैमरा नहीं है। सीसीटीवी कैमरे की पहल करने वाली सुनीता पहली शख्स हैं। जबकि ऑटोरिक्शा में आए दिन छेड़छाड़ व अन्य तरह की घटनाएं होती रहती हैं। हाल में ही एक ऑटाेरिक्शा में महिला के साथ दुष्कर्म भी कर दिया गया था। इसके बाद शहर में खूब बवाल हुआ था और देर शाम को भी महिलाएं ऑटोरिक्शा में बैठने से कतराने लगी थी।
रोहतक में ऑटोरिक्शा चालकों की गुलाबी गैंग
हिसार में भले ही सुनीता पहली महिला ऑटोरिक्शा चालक हो, मगर रोहतक में कई महिला चालक हैं जो ऑटोरिक्शा चलाती हैं। गुलाबी रंग की ड्र्रेस और गुलाबी रंग के ऑटोरिक्शा चलाने वाली ये महिलाएं अपनी अलग पहचान बना चुकी हैं और इन्हें गुलाबी गैंग कहकर भी संबोधित किए जाने लगा है। ऐसे में महिलाएं बदलाव के दौर में तेजी से आगे आ रही हैं।