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देश पर उर्वरक के भार को कम करेगी गाय के गोबर और मूत्र से तैयार जैविक खाद

गायों के संरक्षण में मदद मिलेगी और विदेशों से आयात होने वाले उर्वरक पर निर्भरता कम होगी। इसके साथ ही लोगों को डेयरी फार्मिग और अन्य संबंधित गतिविधियां करने में भी काफी सुविधा होगी। इस कदम से जैविक खेती को बल मिलेगा जिससे कि एक स्वस्थ भारत का निर्माण होगा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 08:41 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 08:41 AM (IST)
देश पर उर्वरक के भार को कम करेगी गाय के गोबर और मूत्र से तैयार जैविक खाद
देश पर उर्वरक के भार को कम करेगी गाय के गोबर और मूत्र से तैयार जैविक खाद

जागरण संवाददाता, हिसार : राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने देश की बड़ी कंपनियों के साथ मिलकर गोबर और गोमूत्र से बड़े स्तर पर जैविक खाद के निर्माण के संबंध में कार्ययोजना तैयार की है। वीरवार को मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत गठित राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के चेयरमैन डा. वल्लभभाई कथीरिया हिसार पहुंचे।

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उन्होंने कहा कि इससे गायों के संरक्षण में मदद मिलेगी और विदेशों से आयात होने वाले उर्वरक पर निर्भरता कम होगी। इसके साथ ही लोगों को डेयरी फार्मिग और अन्य संबंधित गतिविधियां करने में भी काफी सुविधा होगी। इस कदम से जैविक खेती को बल मिलेगा जिससे कि एक स्वस्थ भारत का निर्माण होगा। इसका अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक और लंबे समय तक प्रभाव रहेगा।

चीन को गोबर के बने दीयों से देंगे टक्कर

जैविक खाद के साथ त्योहारों के दौरान गाय के गोबर आधारित उत्पादों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए एक देशव्यापी अभियान चल रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह इस दिवाली पर चीन निर्मित दीयों का उपयोग करने से बचें। इससे आत्मनिर्भर भारत तथा स्वदेशी अभियान को भी बढ़ावा मिलेगा।

डा. वल्लभभाई गायों के संरक्षण और संवर्धन के उद्देश्य से मुख्यत: लाला लाजपतराय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में गायों पर हुए कार्य को देखने के लिए आए हैं। इस दौरान वह एक-एक विभाग में जाएंगे और पता करेंगे कि किस प्रकार से विज्ञान में तकनीकि रूप से गायों के उत्थान की संभावनाएं हैं।

लाड़वा गोशाला में देखे दवा निर्माण, सौंदर्य प्रसाधन के कार्य

हिसार में आने के बाद चेयरमैन लाड़वा गोशाला पहुंचे। वहां उन्होंने विकास कार्यो का उद्घाटन किया। इसके साथ ही गो-विज्ञान गोष्ठी में भी हिस्सा लिया। गोशाला में नस्ल सुधर कार्यक्रम, गोबर गैस प्लांट, केचुआ खाद प्लांट, मिट्टी-पानी जांच प्रयोगशाला, विभिन्न बीमारियों के दवा निर्माण कार्य, सौंदर्य प्रसाधन तथा गोबर से बनाई जा रही मूर्तियों तथा दीये इत्यादि के कार्य किए जा रहे हैं। इस अवसर पर हरियाणा गो सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण गर्ग, वाइस चेयरमैन विद्यासागर बगला तथा सचिव डा. कल्याण सिंह भी उपस्थित रहे।


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