Move to Jagran APP

मैदान में उतरे धनखड़, अब पूर्व चेयरमैन-वाइस चेयरमैन को समझाएंगे तीन अध्यादेश की बातें

कृषि के तीन अध्यादेशों की जन-जन तक जानकारी देने के लिए भाजपा पूरी रणनीति के साथ मैदान में उतर आई है। ओम प्रकाश धनखड़ कृषि मंडियों के पूर्व चेयरमैन और वाइस चेयरमैन के सामने जाएंगे

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 13 Sep 2020 11:48 AM (IST)Updated: Sun, 13 Sep 2020 11:48 AM (IST)
मैदान में उतरे धनखड़, अब पूर्व चेयरमैन-वाइस चेयरमैन को समझाएंगे तीन अध्यादेश की बातें
मैदान में उतरे धनखड़, अब पूर्व चेयरमैन-वाइस चेयरमैन को समझाएंगे तीन अध्यादेश की बातें

रोहतक, जेएनएन। कृषि के तीन अध्यादेशों की जन-जन तक जानकारी देने के लिए भाजपा पूरी रणनीति के साथ मैदान में उतर आई है। शनिवार को भाजपा के तीन सांसदों चौधरी धर्मबीर सिंह, बृजेंद्र सिंह और नायब सिंह सैनी ने रोहतक के सर्किट हाउस में किसानों, आढ़तियों और विभिन्न संगठनों से वार्ता की थी। अब रविवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ कृषि मंडियों के पूर्व चेयरमैन और वाइस चेयरमैन के बीच पहुंचेंगे। तीन अध्यादेशों को लेकर इनसे वार्ता करेंगे।

loksabha election banner

रोहतक में प्रदेशभर की मंडियों के पूर्व चेयरमैन और वाइस चेयरमैन जुटेंगे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष धनखड़ सबसे पहले शीलाबाईपास स्थित एक निजी होटल में चिकित्सा प्रकोष्ठ की तरफ से आयोजित होने वाले एक स्वागत समारोह में शिरकत करेंगे। इसके बाद हिसार रोड स्थित एक निजी गार्डेन में आयोजित होने वाले कृषि के तीन अध्यादेशों को लेकर वार्ता करेंगे।

भाजपा के तीन सांसदों ने माना था कि कोविड के कारण तीन अध्यादेशों को लेकर समझाने में देरी हुई। अब जो भी भ्रम की स्थिति है उसे दूर किया जाएगा। तीनों सांसदों ने यह भी संकेत दिए हैं कि जरूरत पड़ी तो फिर से जनता से सीधे ऐसे ही संवाद करेंगे। दूसरी ओर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष धनखड़ भी अब इसी मुद्दे के को लेकर जनता तक साफ संदेश पहुंचाने के लिए मैदान में उतर आए हैं।

बता दें कि बीजेपी के प्रदेश अध्‍यक्ष बनते ही ओपी धनखड़ सबको साथ लेकर चलने की नीति बना चुके हैं। इसे लेकर वो चर्चा में भी है तो रूठों को मनाने की भी शुरुआत कर चुके हैं। इसी कड़ी में वो अब नई नई नीति बना रहे हैं।

किन अध्यादेशों का विरोध

पहले अध्यादेश के अनुसार, अब व्यापारी मंडी से बाहर भी किसानों की फसल खरीद सकेंगे। पहले किसानों की फसल को सिर्फ मंडी से ही खरीदा जा सकता था। वहीं केंद्र ने अब दाल, आलू, प्याज, अनाज, इडेबल ऑयल आदि को आवश्यक वस्तु के नियम से बाहर कर इसकी स्टॉक सीमा खत्म कर दी है। इन दोनों के अलावा केंद्र सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग को बढ़ावा देने की भी नीति पर काम शुरू किया है, जिससे किसान नाराज हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.