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सुपवा में लग रही ऑनलाइन कक्षाएं, स्‍टूडेंट्स बोले- बिना प्रेक्टिकल कक्षाओं के डिग्री किस काम की

सुपवा के विद्यार्थी प्रोजेक्ट्स यानि प्रेक्टिकल रूप से कक्षा न हो पाने से परेशान हैं। विद्यार्थियों का कहना है कि प्रोजेक्ट्स न होने से डिग्री का महत्व नहीं रह जाता। प्रोजेक्ट्स के आधार पर इंडस्ट्री में काम मिलता है। फिल्म फेस्टीवल में अपनी एंट्री भेज पाते हैं।

By Manoj KumarEdited By: Published: Thu, 10 Dec 2020 11:59 AM (IST)Updated: Thu, 10 Dec 2020 11:59 AM (IST)
सुपवा में लग रही ऑनलाइन कक्षाएं, स्‍टूडेंट्स बोले- बिना प्रेक्टिकल कक्षाओं के डिग्री किस काम की
सुपवा स्‍टूडेंट्स कहा कहना है कि ऑनलाइन कक्षाओं से सिलेबस पूरा नहीं हो सकता।

रोहतक, जेएनएन। पंडित लख्मीचंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन (पीएलसी सुपवा) के फिल्म एंड टेलीविजन (एफटीवी) विभाग के विद्यार्थी प्रोजेक्ट्स यानि प्रेक्टिकल रूप से कक्षा न हो पाने से परेशान हैं। विद्यार्थियों का कहना है कि प्रोजेक्ट्स न होने से डिग्री का महत्व नहीं रह जाता। प्रोजेक्ट्स के आधार पर इंडस्ट्री में काम मिलता है। फिल्म फेस्टीवल में अपनी एंट्री भेज पाते हैं। पहले लॉकडाउन और अब ऑनलाइन कक्षाओं की वजह से विद्यार्थियों के प्रोजेक्ट्स अटक गए हैं।

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विश्वविद्यालय की फिल्म स्टूडेंट यूनियन के प्रधान दीपक जैन ने बताया कि फिल्म विभाग के सभी पाठ्यक्रम प्रेक्टिकल बेस्ड है। ऐसे में ऑनलाइन कक्षाओं से सिलेबस पूरा नहीं हो सकता। पहले भी कई बार विद्यार्थी प्रोजेक्ट्स को लेकर विवि प्रशासन को ई-मेल के जरिए अपनी मांग भेज चुके हैं। विवि प्रशासन बार-बार हमारी मांगों को अनसुना कर रहा है। विद्यार्थियों का कहना है कि सिर्फ फिजिकल कक्षाओं से ही प्रोजेक्ट्स पूरे हो सकते हैं। ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन को चाहिए की विद्यार्थियों की मांगों को सुने।

प्रोजेक्ट्स से निखरता है हुनर

छात्र कैलोल ने बताया कि सिलेबस में शामिल प्रोजेक्ट्स से फिल्म मेकिंग स्किल में सुधार आता है। विद्यार्थी प्रोजेक्ट्स के दौरान नए-नए तकनीकी को सिखते हैं। संस्थान की ओर से प्रोजेक्ट्स को बनाने के लिए मदद मिलती है। मार्कशीट में भी प्रोजेक्ट्स के नंबर लगते हैं।


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