प्रदेश में एक जिला पूरी तरह से होगा प्रदूषण मुक्त
इस बार सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) ने प्रदेश में कम से कम एक जिला को पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त बनाने के निर्देश दिए हैं। प्रदूषण मुक्त कराने से अभिप्राय है कि उस जिला में बॉयोमेडिकल वेस्ट ई-वेस्ट लिक्विड सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट हजार्डस वेस्ट आदि प्रकार के कचरा का पूरी तरह से निष्पादन होना चाहिए।
जागरण संवाददाता, हिसार : प्रदेश में फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं, फसल अवशेष जलाना और बॉयोमेडिकल वेस्ट जैसे प्रदूषण प्रदेश के लिए लगतार चुनौती बने हुए हैं। हर साल इसको रोकने के लिए शासन से लेकर प्रशासन प्रयास तो करते हैं, मगर पूरी तरह से लगाम नहीं लगा पा रहे। यही कारण है कि हरियाणा में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) बार-बार जवाबदेही तय करने के निर्देश देता रहा है।
इस बार सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) ने प्रदेश में कम से कम एक जिला को पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त बनाने के निर्देश दिए हैं। प्रदूषण मुक्त कराने से अभिप्राय है कि उस जिला में बॉयोमेडिकल वेस्ट, ई-वेस्ट, लिक्विड सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट, हजार्डस वेस्ट आदि प्रकार के कचरा का पूरी तरह से निष्पादन होना चाहिए।
वेस्ट मॉनीटरिग हो रोजाना
जिस जिले को मॉडल के रूप में तैयार किया जाए, वहां वेस्ट की हर दिन मॉनीटरिग भी होगी, ताकि यह पता चल सके कि हर दिन कितना वेस्ट बन रहा है और कितने का निस्तारण किया जा रहा है। इसमें औद्योगिक क्षेत्रों में भी पानी की सही से ट्रीटमेंट, सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में हवा व पानी का ट्रीटमेंट, म्युनिसिपल वेस्ट का सही से उठान और कचरे का निस्तारण जैसे काम को गंभीरता से किया जाएगा। इसके साथ ही एसटीपी के जरिए पानी का सही से ट्रीटमेंट जैसे काम मॉनीटरिग में शामिल रहेंगे। अभी तक प्रदेश में दो से तीन जिलों को छोड़ दें तो सभी जिलों में प्रदूषण अधिक चल रहा है।
एसपीसीबी को कराना होगा लागू
मॉडल जिला खोजने का काम शुरू कर दिया गया है। यह जिम्मेदारी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी)ने अलग-अलग जिला में प्रदूषण बोर्ड के अपने अधिकारियों को दी है। हालांकि पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए सभी प्रकार के कचरे का निस्तारण कराना एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि कई स्थानों पर संसाधन ही पर्याप्त नहीं है। संसाधन हैं तो दूसरे विभाग गंभीरता से नहीं लेते। दूसरे विभाग तो तब गंभीरता से लेंगे जब खुद पीसीबी (प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) इन नियमों को लागू करा पाए। ऐसे में मॉडल जिला खोजना पीसीबी के लिए चुनौती बनना तय है।