सिरसा बॉर्डर पर राजस्थान में बैंक कर्मियों को बंधक बना डेढ़ करोड़ लूटे, डबवाली में मिली कार
सिरसा के साथ लगते राजस्थान के बार्डर स्थित संगरिया की में एक्सिस बैंक में तीन नकाबपोश लुटेरे दो बैंक कर्मियों को बंधक बना डेढ़ करोड़ रुपए लूटकर फरार हो गए। देर रात गाड़ी बरामद हुई
डबवाली/सिरसा, जेएनएन। राजस्थान के संगरिया के एक्सिस बैंक लूट मामले में लूटी गई कार को पुलिस ने वीरवार देर रात करीब 11.15 बजे डबवाली के सिरसा हाईवे पर स्थित डेरा सच्चा सौदा कैंटीन के नजदीक लावारिश हालात में बरामद किया है। सूचना पाकर डीएसपी कुलदीप सिंह, शहर डबवाली थाना प्रभारी अवतार सिंह मौका पर पहुंचे। संगरिया थाना प्रभारी इंद्र कुमार ने देते हुए बताया कि पुलिस जल्द ही मोबाइल ट्रेकिंग के आधार पर आरोपियों तक पहुंच जाएगी।
यह है घटनाक्रम
संगरिया की नई धान मंडी स्थित एक्सिस बैंक में गुरुवार देर शाम तीन नकाबपोश लुटेरे पिस्तौल व चाकू की नोक पर दो बैंक कर्मियों को बंधक बनाकर करीब डेढ़ करोड़ रुपए नकदी लूटकर फरार हो गए। इतना ही नहीं वे जाते वक्त बैंक अधिकारी की बाहर खड़ी कार भी अपने साथ ले गए। लूट के करीब आधे घंटे बाद किसी तरह बाहर निकले दोनों कर्मचारियों में से एक ने अपने रिश्तेदारों को गांव नाथवाना में फोन किया तो पुलिस को सूचना मिली। इसके बाद संगरिया के डीएसपी दिनेश राजौरा के नेतृत्व में पुलिस दल बैेंक पहुंचा। हरियाणा, पंजाब की ओर जाने वाले हर रास्ते पर नाकाबंदी करवाकर पुलिस जांच-पड़ताल शुरू कर दी।
बैंककर्मी कैशियर परमपाल निवासी अमरगढ़ ने पुलिस को बताया है कि वह और ऑप्रेशन मैनेजर सुशीलकुमार गुरुवार शाम करीब सवा सात बजे बैंक बंद करके जाने की तैयारी कर रहे थे। सिक्योरिटी गार्ड जा चुका था। बैंक प्रबंधक पंकज मित्तल छुट्टी पर थे। इतने में ही तीन नकाबपोश लोग भीतर आए। एक ने टोपी पहनी थी जबकि दो सरदार सरीखे थे। एक के हाथ में रिवॉल्वर तो अन्य के पास चाकू थे। उन्होंने आते ही टेलीफोन वायर काट दी। चाबियां व मोबाइल छीन लिए। बैंक में रखी पूरी नकदी देने को कहा। लुटेरे उन्हें भीतर की ओर धकेलते हुए लॉकर रुम में ले गए। जहां चेस्टरुम सहित तीन दरवाजे हैं। वॉलेट चेस्टरुम को चाबी से खोल कर वहां रखी नकदी उन्होंनें अपने साथ लाए एक काले व दूसरे लाल रंग के स्पोर्ट्स पिटठू टाइप बैग में उनसे डलवाई। बाहर आकर उन्हें बंद करने लगे तो प्रार्थना करते हुए छोडऩे को कहा। बोले लॉकर रुम में बंद रहने से दम घुट जाएगा। इस पर लोहे की सलाखों वाले दरवाजे के पीछे उन्हें बंद कर चाबी मेज पर छोड़कर चले गए।
यूं निकले बाहर
कुछ देर बाद होने उन्होंने पर्दे पर लगे डंडे को उतारा और उसके सहारे चाबी अपने पास लाकर दरवाजा बाहर की ओर से हाथ डालकर खोला। काफी जद्दोजद के बाद करीब सवा आठ बजे बाहर निकले । परमपाल ने अपनी बहन को गांव नाथवाना में फोन करके घटना बताई। जिस पर उन्होंने पुलिस को सूचना दी। करीब नौ बजे सुधीर, जगवंतसिंह व अमनदीप गांव से पहुंच गए। बाहर आकर देखा तो वे ऑप्रेशन मैनेजर सुशील की कार भी अपने साथ ले जा चुके थे। यह कार अवतारसिंह के नाम से थी जो सुशील का जानकार है। दो आरोपी साफा बांधे थे जबकि एक ने मास्क लगाया हुआ था। बताया कि आरोपी बैंक सिक्योरिटी गार्ड के बाहर निकलने के कुछ देर बाद ही आधे बंद हुए शटर को खोलकर भीतर घुस गए और वारदात को अंजाम दिया।
----बताया जा रहा है कि आरोपी लुटेरे शाम से ही बैंक परिसर के आगे बैठे हुए थे. संभवत वे लूट के लिए रेकी कर रहे थे। लूट की घटना होने से पहले बैंक के शटर का आधा हिस्सा खुला हुआ था कि आज लगाया जा रहा है कि लुटेरों को रकम होने की पूरी भनक थी किस कारण पुलिस हर पहलू पर ध्यान केंद्रित करते हुए कार्रवाई कर रही है पड़ोसियों से पूछताछ की जा रही है।