ओमिक्रोन अलर्ट : कोरोना की तीसरी लहर में विद्यार्थी चिंतित, परीक्षाओं को लेकर असमंजस
हिसार प्रशासन की ओर से विश्वविद्यालय एवं कालेज प्रशासन से विद्यार्थियों के वैक्सीनेशन की जानकारी मांगी जा रही है कि किन छात्र या छात्राओं ने टीकाकरण करवा लिया है किसने नहीं। इनके सर्टिफिकेट की फोटो कापी भी साथ रिपोर्ट में दर्ज करने को कहा है।
हिसार, जागरण संवाददाता। हिसार में कोरोना की तीसरी लहर के चलते जीजेयू के अंतर्गत आने वाले कालेज या शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों की आफलाइन परीक्षा पर खतरा मंडराया हुआ है। अभी ताे क्लासें ही आनलाइन शुरू हुई है, परीक्षा को लेकर कोई पता नहीं। आनलाइन से ही विद्यार्थियों को पढ़ाकर उनकी परेशानियां दूरी की जा रही है। मगर विद्यार्थी आनलाइन माध्यम से पढ़ने के इतने इच्छुक नहीं है, जितने आफलाइन क्लास लगाकर पढ़ने के इच्छुक है। अब विद्यार्थियों को परीक्षा को लेकर भी चिंता हो गई है। पिछले दो लहरों की तरह भी इस बार परीक्षा आफलाइन हो सकती है। अभी विश्वविद्यालय ने स्पष्ट नहीं किया है। मगर इस विषय पर विश्वविद्यालय प्रशासन भी चिंतित है।
संक्रमण का खतरा बढ़ा
जिले में इन दिनों कोरोना केस लगातार बढ़ रहे है और तीन दिन से केसों का आंकड़ा 100 के पार रहा है। विशेषज्ञों की ओर से डेढ़ से दो माह तक केस बढ़ने की आशंका है। गुजवि से भी स्टाफ संक्रमित मिल रहा है। हालांकि, गुजवि प्रशासन ने विभागों में 50 प्रतिशत स्टाफ के साथ काम करने के आदेश दिए हुए है। इसके बावजूद भी स्टाफ संक्रमित मिलना बड़ी बात है। ऐसे में संक्रमण फैलने का अधिक खतरा होगा।
आनलाइन परीक्षा में यूएमसी बनने का अधिक खतरा
आनलाइन परीक्षा में विद्यार्थियों को यूएमसी बनने का अधिक खतरा होता है। जब परीक्षा शुरू होती है तो आनलाइन से अध्यापक भी जुड़ होते है। जरा सी हरकत पर नोटिस करते है। जैसे कि कोई विद्यार्थी अपनी नजरों को इधर-उधर घूमाता है या देखता है तो इससे अध्यापक को शक होता है कि वह नकल कर रहा है या उसे कोई पेपर हल करवा रहा है। पिछले सत्र में 300 से अधिक यूएमसी बनी थी। इन केसों की सुनवाई में बच्चों ने ऐसे बहाने रखे।
विश्वविद्यालय एवं कालेज से विद्यार्थियों के वैक्सीनेशन की मांगी जानकारी
प्रशासन की ओर से विश्वविद्यालय एवं कालेज प्रशासन से विद्यार्थियों के वैक्सीनेशन की जानकारी मांगी जा रही है कि किन छात्र या छात्राओं ने टीकाकरण करवा लिया है, किसने नहीं। इनके सर्टिफिकेट की फोटो कापी भी साथ रिपोर्ट में दर्ज करने को कहा है। ऐसे में कालेज या विश्वविद्यालय विद्यार्थियों से संपर्क कर पूछ रहे है। हजारों विद्यार्थियों का डाटा जुटाकर उनकी फोटो कापी करना संभव नहीं है।