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अधिकारियों ने खोली भ्रष्टाचार की फाइल, बिजली निगम के आरोपित अधिकारी-कर्मचारियों को जारी होंगे कारण बताओ नोटिस

सात अधिकारियों-कर्मचारियों को बचाने में कुछ उच्चाधिकारी जुट गए हैं। जिन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं उनके खिलाफ बिजली निगम ने आज तक कोई एक्शन नहीं लिया। जबकि सिटी मजिस्ट्रेट के अलावा नगर निगम संयुक्त आयुक्त की जांच में अधिकारियों और कर्मचारियों के दोष साबित हो रहे हैं।

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 12:26 PM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 12:26 PM (IST)
अधिकारियों ने खोली भ्रष्टाचार की फाइल, बिजली निगम के आरोपित अधिकारी-कर्मचारियों को जारी होंगे कारण बताओ नोटिस
बिजली निगम के सात अधिकारी-कर्मचारी जांच में दोषी साबित हुए, अधिकारी बचाने की कोशिश में जुटे

जागरण संवाददाता, रोहतक। बिजली निगम के सात अधिकारियों-कर्मचारियों को बचाने में कुछ उच्चाधिकारी जुट गए हैं। जिन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं उनके खिलाफ बिजली निगम ने आज तक कोई एक्शन नहीं लिया। जबकि सिटी मजिस्ट्रेट के अलावा नगर निगम के संयुक्त आयुक्त तक की जांच में अधिकारियों और कर्मचारियों के दोष साबित हो रहे हैं। सिंहपुरा पंचायत और ग्रामीणों ने दावा किया है कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही। सोमवार को उपायुक्त से मिलेंगे। फिर भी न्याय नहीं मिला तो डीसी कार्यालय पर अनिश्चितकाल के लिए कई पंचायतें धरना देंगी। वहीं, विभागीय अधिकारियों ने भ्रष्टाचार के मामले में फिर से फाइल खोल दी है। आरोपित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जल्द जारी किए जाएंगे।

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जांच से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सिटी मजिस्ट्रेट की जांच में अधिकारियों के दोष सिद्ध हो चुके हैं। ग्रामीणों ने हरियाणा बिजली वितरण निगम के जेई पवन सैनी, जेई अर्जुन, जेई सत्यवान, लाइनमैन राजेंद्र हुड्डा, तत्कालीन निजी कंपनी के कर्मचारी संदीप आदि पर रिश्वत के आरोप सिद्ध हो चुके हैं। इन सभी अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए लिखा जा चुका है। यह जांच रिपोर्ट नगर निगम रोहतक के संयुक्त आयुक्त सुरेश कुमार की है। बता रहे हैं कि इसी जांच रिपोर्ट में बिजली निगम के इन सभी अधिकारियों पर रिश्वत के आरोपों की पुष्टि के साथ ही जिला उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार को भी जांच रिपोर्ट भेजी गई है। उपायुक्त तक भेजी गई जांच रिपोर्ट को आधार बनाकर ही ग्रामीण कार्रवाई की मांग के साथ ही आरोपित अधिकारियों पर केस दर्ज कराने की मांग पर अड़ गए हैं।

21 सितंबर से जांच रिपोर्ट दबाए बैठे रहे बिजली निगम के अधिकारी

सिटी मजिस्ट्रेट की जांच में बिजली निगम के अधिकारियों पर लगे रिश्वतखोरी के आरोप साबित होने का दावा किया गया है। जांच से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि 21 सितंबर को ही सिटी मजिस्ट्रेट ने जांच रिपोर्ट का हवाला देकर आरोपित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए लिखा है। एक पत्र का हवाला देते हुए यह भी दावा किया गया है कि उपायुक्त को भेजे पत्र में यह भी आदेश दिए गए थे कि बिजली निगम के अधिकारी कार्रवाई करके संबंधित रिपोर्ट भी सिटी मजिस्ट्रेट ने मांगी थी। सिंहपुरा के पूर्व सरपंच ऋषिपाल, राजपाल, सुरेंद्र, रिंकू, पवन, जगमेंद्र आदि ने आरोप लगाए हैं कि उच्चाधिकारियों ने मामला दबा दिया और कोई रिपोर्ट नहीं भेजी।

आरोपित अधिकारियों की चल-अचल संपत्ति की जांच हो

सिंहपुरा के पूर्व सरपंच ऋषिपाल ने दावा किया है कि मेरे खिलाफ इन्होंने बिजली चोरी का झूठा केस दर्ज करा दिया। छापेमारी का जिक्र करते हुए बिजली निगम की टीम ने मोबाइल तोड़ने और टीम के साथ झगड़ा करने के आरोप भी झूठे पाए हैं। इस प्रकरण में आरोपित सभी अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस केस दर्ज कराने के साथ ही इनकी चल-अचल सपत्ति की जांच की मांग की है। वहीं, तत्कालीन एसडीओ के व्यवहार पर भी सवाल उठाए हैं। हालांकि निगम के संयुक्त आयुक्त की जांच में पूर्व सरपंच का गांव में कार्रवाई के दौरान व्यवहार ठीक न होने का हवाला दिया गया है। यह भी कहा है कि इस दौरान पूर्व सरपंच को व्यवहार ठीक रखना चाहिए था।

संबंधित प्रकरण में आरोपित अधिकारियों के खिलाफ एक्सईएन एक्शन लेंगे।

अशोक यादव, एसई, बिजली निगम

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यह मामला मेरे यहां आने से पूर्व का है। संबंधित फाइल का अवलोकन कर लिया है। पूर्व में भी संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किए थे। फिर से नोटिस जारी होंगे। अब उच्चाधिकारी जो भी आदेश करेंगे उसी हिसाब से जांच और कार्रवाई होगी।

धर्मबीर, एक्सईएन, बिजली निगम


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