आम आदमी की बिसात ही क्या, सीएम के आदेशों पर भी गंभीर नहीं अधिकारी
जागरण संवाददाता, हिसार : मुख्यमंत्री के आवास और उनके जनता दरबार में जनता बड़ी उम्मीदों के
जेएनएन, हिसार : मुख्यमंत्री के आवास और उनके जनता दरबार में जनता बड़ी उम्मीदों के साथ मुख्यमंत्री को शिकायतें सौंपती है। उन्हें उम्मीद होती है कि कोई अधिकारी या मंत्री कार्रवाई न करें, लेकिन मुख्यमंत्री की ओर से जरूर कार्रवाई की जाएगी। लेकिन मुख्यमंत्री आवास से लेकर जनता दरबार तक में आई शिकायतों पर अधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। इतना ही नहीं अधिकारी व कर्मचारी मामलों संबंधी कोई संतोषजनक रिपोर्ट नहीं भेज रहे है।
कर्मचारियों की इस प्रकार के रवैये की पोल हाल ही में मुख्यमंत्री कार्यालय से आए पत्र से हुई है।
पत्र में मुख्यमंत्री ने आदेश दिए है कि अधिकारी और कर्मचारी अपनी जवाबदेही तय करने मामले की विस्तृत रिपोर्ट 15 दिनों के अंदर - अंदर कार्यालय को भेजे। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री की ओर से साल 2015 से लेकर अब तक जितने मामले विभिन्न विभागों और कार्यालयों को भेजे गए थे। उनका विवरण व रिपोर्ट मांगी है। मुख्यमंत्री को विस्तृत रिपोर्ट भेजने को लेकर विभिन्न काया्रलयों के अधिकारी व कर्मचारी दो साल के रिकॉर्ड खंगाल रहे हैं।
सरकार के इस कदम ने अधिकारियों और कर्मचारियों को चौंका दिया है। क्योंकि पत्र में साफतौर पर जवाबदेही तय करने के संबंध में कहां गया है। दो साल से मामलों को लटकाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई हो सकती है। मुख्यमंत्री आवास से भ्रष्टचार से लेकर महत्वपूर्ण मामले भेजे गए
सीएम ¨वडो के अलावा सीधे मुख्यमंत्री आवास और जनता दरबार में लोगों ने अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से भ्रष्टाचार के मामलों में अधिकारियों को जांच के लिए भेजे गए। जांच होने के बाद भी स्टेटस रिपोर्ट अधिकारियों की ओर से मुख्यमंत्री को नहीं भेजी गई। इतना ही नहीं, महत्वपूर्ण शिकायतों को लेकर भी अधिकारी लचर रवैया अपनाए हुए हैं।
यह लिखा है पत्र में
मुख्यमंत्री के जनता दरबार में जो शिकायतें प्राप्त होती हैं। उनमें से महत्वपूर्ण, भ्रष्टाचार से संबंधित और तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता वाली शिकायतें संबंधी विभाग या कार्यालय को भेजी जाती है। यह देखने में आया है कि उनके संबंध में जो जानकारी मांगी जाती है। संबंधित कार्यालयों को गंभीरता से नहीं ली जा रही है। न ही उनके निवारण के संबंध में कोई भी संतोषजनक रिपोर्ट या उपयुक्त कार्रवाई की जानकारी अधो हस्ताक्षरकर्ता कार्यालय में प्राप्त होती है।
इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ने गंभीरता से संज्ञान लिया है तथा आदेश दिए है कि संबंधित कर्मचारी व अधिकारी की जवाबदेही तय करके मामले की विस्तृत रिपोर्ट 15 दिनों के अंदर अंदर कार्यालय में भेजे जाए। साल 2015 से आजतक जितने भी मामले आपके विभाग या कार्यालय में भेजे गए है। उनके विवरण तथा रिपोर्ट संलग्न प्रोफोर्मा में भर कर भेजना सुनिश्चित करे, ताकि सभी मामलों में आगामी कार्रवाई जा सके।