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हिसार में करोड़ों रुपये की ग्रीन बेल्ट से हट सकते हैं कब्जे, निगम खंगाल रहा रिकार्ड

हिसार एनिमल हसबेंडरी सहकारी गृह निर्माण समिति लिमिटेड सुंदर नगर बरवाला रोड पर स्थापित करने के लिए 1961 में मंजूरी मिली और 32 एकड़ 5 कनाल 3 मरले भूमि को सुंदर नगर के रूप में स्थापित किया गया। बाकायदा कालोनी का नक्शा तैयार हुआ।

By Naveen DalalEdited By: Published: Thu, 14 Apr 2022 09:37 PM (IST)Updated: Thu, 14 Apr 2022 09:37 PM (IST)
हिसार में करोड़ों रुपये की ग्रीन बेल्ट से हट सकते हैं कब्जे, निगम खंगाल रहा रिकार्ड
250 करोड़ की ग्रीन बेल्ट घोटाला मामले की हिसार में यूएलबी ने करवाई जांच।

हिसार, जागरण संवाददाता। हिसार में सुंदर नगर में करोड़ों रुपये की ग्रीन बेल्ट पर कब्जे का मामला एक बार फिर गरमा गया है। ग्रीन बेल्ट पर प्लाट काटकर बेचने के मामले में शहरी स्थानीय निकाय विभाग हरियाणा (यूएलबी) के आदेश पर कारवाई करने के लिए नगर निगम प्रशासन दस्तावेज खंगाल रहा है। सूत्रों की माने तो अप्रैल माह में ग्रीन बेल्ट से कब्जे हटाने को लेकर बड़ी कार्रवाई कर सकता है। उधर शिकायतकर्ता अभी तक मामले में कार्रवाई की उम्मीदें लगाए हुए है।

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शिकायतकर्ता का आरोप : अफसरों ने ग्रीन बेल्ट पर कब्जे करवाने में करोड़ों का किया भ्रष्टाचार

ग्रीन बेल्ट मामले में शिकायतकर्ताओं की ओर से इसे करीब 250 करोड़ का घोटाला बताया गया है। साथ ही निगम अफसरों पर इस ग्रीन बेल्ट के माध्यम से हर महीने भ्रष्टाचार कर रुपये कमाने के आरोप तक लगे हैं। शिकायत पर यूएलबी ने निगम अफसरों से जांच की रिपोर्ट तलब की हुई है।

इतनी कर चुके शिकायत की दस्तावेजों का भरा जा सकता है एक बोरा

शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि सुंदर नगर की ग्रीन बेल्ट (बरवाला चुंगी से पुलिस की जीयो मैस के दूसरी तरफ सामने तक) पर करीब 66 प्लाट काट दिए। प्रति प्लाट 233 गज का है। करीब 100 फीट चौड़ी यह ग्रीन बेल्ट करीब 15378 गज है। जिस पर प्लाट काटकर कब्जे करवा दिए।

ये है मामला

हिसार एनिमल हसबेंडरी सहकारी गृह निर्माण समिति लिमिटेड सुंदर नगर बरवाला रोड पर स्थापित करने के लिए 1961 में मंजूरी मिली और 32 एकड़, 5 कनाल 3 मरले भूमि को सुंदर नगर के रूप में स्थापित किया गया। बाकायदा कालोनी का नक्शा तैयार हुआ और ग्रीन बेल्ट के लिए भी जगह निर्धारित की गई। कालोनीवासियों का आरोप है कि बाद में सहकारी विभाग की ओर से समिति को भंग करके ग्रीन बेल्ट को भी प्लाट के रूप में बेच डाले। धीरे-धीरे ग्रीन बेल्ट पर अवैध कब्जे भी कर लिए गए लेकिन प्रशासन की जानकारी में होने के बावजूद ध्यान नहीं दिया गया।

क्यों है निगम अफसरों की कार्य प्रणाली संदिग्ध (यूएलबी को भेजी शिकायत में आरोप

  • वरिष्ठ नगर योजनाकार, हिसार परिमंडल हिसार 17 दिसंबर 2020 को ग्रीन बेल्ट मान निगम कमिश्नर को म्यूनिसिपल एक्ट के तहत कार्रवाई के लिए भी लिखा, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
  • हाईकोर्ट के साल 2013 में आए फैसले कि सरकार जमीन से कब्जे हटाकर दो माह में रिपोर्ट सौंपने की कार्रवाई करनी थी। निगम और डीटीपी प्रशासन ने इस ग्रीन बेल्ट के कब्जे हरियाणा सरकार से छुपाए। शिकायतकर्ता का आरोप है कि इन कब्जों से अवैध कमाई हो रही थी। साथ ही शिकायतकर्ता ने निगम के आला अधिकारी पर हाइकोर्ट में झूठा अल्फिया बयान देने का आराेप भी जड़ा है।

नगर निगम कमिश्नर के अनुसार

सुंदर नगर की ग्रीन बेल्ट मामले में दस्तावेज देखे है। मामले में जांच कर रहे है। इस बारे में जांच पूरी होने पर ही पूरी जानकारी दे सकते है।

----- अशोक कुमार गर्ग, कमिश्नर, नगर निगम हिसार।


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