एनआरसीई ने 100 दिन में 20 हजार से ज्यादा किए कोविड - 19 के टेस्ट
जागरण संवाददाता हिसार राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र यानि एनआरसीई को कोविड-19 टेस्ट कर
जागरण संवाददाता, हिसार: राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र यानि एनआरसीई को कोविड-19 टेस्ट करते हुए 100 दिन पूरी हो चुके हैं। 100 दिनों में एनआरसीई ने 20 हजार से अधिक टेस्ट किए हैं। दरअसल 12 अप्रैल को नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने एनआरसीई को कोरोना के टेस्ट के लिए अनुमति दी थी। आम तौर पर एनआरसीई का मुख्य कार्य अश्व संबंधी बीमारियों पर अनुसंधान एवं प्रबंधन का है। कोविड टेस्ट के लिए एनआरसीई प्रबंधन ने अपने माइक्रोबियल कंटेनमेंट काम्पलेक्स में एक विशेष कोविड परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना कर सैंपलों की जांच से काम शुरू किया था। यह परीक्षण सुविधा बायोसेफ्टी स्तर -3 प्रयोगशाला है, जहां वायरस रिलीज की रोकथाम के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। शुरू में यह कार्य धीमी गति से चला और फिर जांच कार्य ने गति पकड़ी और एनआरसीई ने हिसार के साथ साथ सिरसा तथा फतेहाबाद के सम्प्लेस भी जांचने शुरू कर दिए।
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अब रोजना 350 सैंपलों का हो रहा परीक्षण
कोरोना के परीक्षण सुव्यवस्थित हो जाने के बाद, एनआरसीई अपनी परीक्षण क्षमता बढ़ाई है। अब रोजाना 250 से 350 सैंपल का टेस्ट किया जा रहा है, जिसमें सभी वैज्ञानिकों व तकनीकी और सपोर्टिंग स्टाफ का योगदान रहा। राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र के इस परीक्षण केंद्र ने हरियाणा में कोविड-19 परीक्षण के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है। यह प्रयोगशाला पश्चिमी हरियाणा के 3 जिलों हिसार, सिरसा, और फतेहाबाद के सैंपलों की जांच करती है। एनआरसीई आईसीएआर प्रणाली में पहली लैब थी जिसने कोविड परीक्षण शुरू किया था ।
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विज्ञानियों की यह टीम कर रहीं परीक्षण
एनआरसीई के निदेशक डा. यशपाल ने बताया की नोडल ऑफिसर डा. बलदेव गुलाटी, डा. संजय बरुआ सहित डा. राजेंद्र गोयल , डा. संजय कुमार, डा. नितिन विरमानी, डा. राजेश वैद , डा. बलविदर कुमार, डा. नवीन कुमार, डा. अंजू मनुजा, डा. अनुराधा भरद्वाज, डा. तरूणा आनंद, डा. हरिशंकर सिघा, डा. बी बेरा, डा. शंमुगाम्सुन्दरम, डा. रियेश सहित विज्ञानियों की टीम द्वारा कोविड-19 का परीक्षण किया जा रहा है। डीडीजी (एएस) डा. बीएन त्रिपाठी के साथ सचिव डेयर और डीजी आइसीएआर डा. त्रिलोचन महापात्रा ने इसमें प्रमुख भूमिका निभाई है।