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रिसर्च सर्च हुई आसान : जीजेयू के प्रोफेसर ने बनाए 24 सर्च इंजन, जो खोजेंगे उसी का सामने आएगा परिणाम

डीन प्रो. आर्य ने 24 प्रकार के अलग-अलग ऐसे यूनिक सर्च इंजन तैयार किए हैं। जिनके माध्यम से ना केवल भाषा अनुसार समाचार पत्र तक पहुंचा जा सकता है। फेक न्यूज क्लिप वीडियो या सूचना के फैक्ट चेक के लिए भी अलग सर्च इंजन तैयार किया है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 16 Apr 2021 03:39 PM (IST)Updated: Fri, 16 Apr 2021 03:39 PM (IST)
रिसर्च सर्च हुई आसान : जीजेयू के प्रोफेसर ने बनाए 24 सर्च इंजन, जो खोजेंगे उसी का सामने आएगा परिणाम
फैक्ट चेकिंग से लेकर टॉप रिसर्च पब्लिकेशन सर्च करने में सर्च इंजन काम आएगा, बनाने वाले प्रो. उमेश आर्य

हिसार [भूपेंद्र पंवार] सोचिये, आपको कोई सूचना चाहिए। आपने गूगल सर्च किया लेकिन रिजल्ट में लाखों वेबसाइट्स और लिंक आ गए सामने। ऐसे में सूचनाओं का भंडार होने के बावजूद आप सही सूचना तक कैसे पहुंचे, ये बड़ी समस्या है। अब इस समस्या का समाधान ढूंढ निकाला है हिसार की गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी स्थित कम्यूनिकेशन मैनेजमेंट एंड टेक्नोलोजी के चेयरमैन प्रो. उमेश आर्य ने। डीन प्रो. आर्य ने 24 प्रकार के अलग-अलग ऐसे यूनिक सर्च इंजन तैयार किए हैं।

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जिनके माध्यम से ना केवल भाषा अनुसार समाचार पत्र तक पहुंचा जा सकता है। फेक न्यूज, क्लिप, वीडियो या सूचना के फैक्ट चेक के लिए भी अलग सर्च इंजन तैयार किया है। खास बात ये है कि फेक सूचना, वीडियो या समाचार क्लिप को सुबूत और तथ्यों के साथ उन्हीं वेबसाइट्स पर लेकर जाएगा जिन्होंने पहले ही पूरी रिसर्च करके रिजल्ट निकाला हो। इतना ही नही ये सर्च इंजन केवल विश्वासपात्र वेबसाइट्स तक ही पहुंचाएंगे। देशभर में 45 हजार 845 लोग इससे जुड़ चुके हैं। ये सभी सर्च इंजन केवल एक वेबसाइट पर उपलब्ध होंगे।

जीजेयू के प्रोफेसर उमेश आर्य ने लॉकडाउन के दौरान घर बैठे रिसर्च काम शुरू किया। सब कुछ बंद था, इसलिए घर बैठकर उन्होंने कुछ नया करने की सोची। जो आम लोगों के साथ-साथ शोधार्थियों और विद्यार्थियों के भी काम आए। इसलिए उन्होंने सर्च इंजन तैयार किए कम समय में सटीक, स्पष्ट, तथ्यापरक और अथेंटिक सूचना खोजकर प्रस्तुत करे। सोशल मीडिया पर आने वाली फेक सूचनाओं के बारे में जानने के लिए सर्च इंजन के माध्यम से काफी मदद मिली। ऐसी वेबसाइट को इससे ङ्क्षलक किया गया जो फेक न्यूज, वीडियो या सूचना पर काम कर चुके हों और स्पष्ट कर चुके हों कि वाकई सूचना फेक है या सच। प्रो. आर्य ने 22 कैटेगिरी के समाचार पत्रों के सर्च इंजन तैयार किए। इनमें हिंदी, पंजाबी, अंग्रेजी, तमिल, ओडिया सहित अन्य भाषाओं, राज्य अनुसार समाचार पत्र शामिल किए हैं।

शोधार्थियों के लिए भी संजीवनी की तरह काम करेगा सर्च इंजन, समय बचाएगा

देशभर के विश्वविद्यालयों में शोधार्थी शोध कार्य करते हैं। प्रोफेसर और अन्य टीचर्स भी शोध प्रोजेक्ट पर काम करते हैं। ये शोधार्थी यदि गूगल पर किसी टॉपिक को सर्च करते हैं तो हजारों परिणाम सामने आता है। ऐसे में उनके लिए चयन करना मुश्किल हो जाता है कि इन सूचनाओं में से किसका चयन करें। इस समस्या को देखते हुए प्रो. उमेश आर्य ने टॉप रिसर्च पब्लिकेशन नाम से एक सर्च इंजन तैयार किया। प्रो. उमेश आर्य ने बताया कि इस सर्च इंजन के माध्यम से जो परिणाम सामने आएंगे वह ना केवल विश्वसीनय होंगे बल्कि कम संख्या में होंगे।

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देखिये, लॉकडाउन में सब कुछ बंद था और लोग घरों में बैठकर टाइम पास कर रहे थे। ऐसे में मैंने सोचा कि क्यों ना यूनिक सर्च इंजन तैयार किए जाएं जो विद्यार्थियों, शोधार्थियों के साथ-साथ आम लोगों के लिए भी सहायक हो। इसलिए पांच माह की मेहनत के बाद मैंने 24 यूनिक सर्च इंंजन तैयार किए हैं। मेरा मानना है कि देश भर में ऐसे यूनिक सर्च इंजन पहले उपलब्ध नहीं हैं। इसका रिस्पांस भी मिलना शुरू हो गया है और अब तक 45 हजार 845 लोग इन सर्च इंजन का प्रयोग कर चुके हैं।

- प्रो. उमेश आर्य, डीन, चेयरमैन, गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी, हिसार।


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