अब लुवास में चमकाए जाएंगे पालतू कुत्तों के दांत, वजह भी बेहद खास
आमतौर पर आपने इंसानों को ही दांत साफ करवाते देखा होगा, मगर अब कुत्तों के दांतों की सफाई भी की जाएगी। ऐसा कुत्तों को खूबसूरत बनाने के लिए नहीं बल्कि दांतों की सफाई न होने की स्थिति में पनपने वाली बीमारियों से बचाने के लिए किया जा रहा है।
जेएनएन, हिसार :
आमतौर पर आपने इंसानों को ही दांत साफ करवाते देखा होगा, मगर अब कुत्तों के दांतों की सफाई भी की जाएगी। ऐसा कुत्तों को खूबसूरत बनाने के लिए नहीं बल्कि दांतों की सफाई न होने की स्थिति में पनपने वाली बीमारियों से बचाने के लिए किया जा रहा है। हरियाणा में पहली बार लुवास में इंसानों की तरह कुत्ते के दातों की भी स्के¨लग और पॉलि¨सग होगी। इससे उन पालतू कुत्तों को फायदा होगा, जिन्हें घरेलू खाना दिए जाने के कारण दांतों से उनके दांतों पर एक परत जम जाती है। यह सख्त परत मसूड़ों पर दबाव बनाती है, जिसके कारण उनके मुंह से खून आने, बदबू आने, दांत सड़ने और दर्द के कारण कुत्तों के खाना छोड़ देने की समस्या आती है। दातों से शुरु हुई इस समस्या के कारण कई बार कुत्तों की मौत तक भी हो जाती है। लेकिन अब कुत्तों में ऐसे लक्षण दिखें तो उनका इलाज आसान हो जाएगा। लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (लुवास) में इसके लिए डेंटल स्केलर एंड पॉलि¨सग नामक उपकरण की सुविधा शुरू हो गई है। इसके अलावा कुत्तों का डेंटल एक्सरे की सुविधा भी यहां मिल सकेगी। हालांकि इससे पहले विश्वविद्यालय में कुत्तों की विभिन्न बीमारियों का इलाज होता है। मांस न खाने के कारण नहीं हो पाती दांतों की घिसाई -
आमतौर पर कुत्ते मांस खाने वाले प्राणी होते हैं। मांस सख्त होने के कारण उनके दांतों की घिसाई अपने-आप ही हो जाती है। लेकिन घरेलू कुत्तों को मांस से दूर रखा जाता है और केवल दलिया या अन्य घरेलू चीजें खिलाई जाती हैं। इससे इंसानों की तरह ही उनके दांतों पर भी परत जमनी शुरू हो जाती है, जो बाद में बहुत सख्त होने से कई तरह के नुकसान पहुंचाती है। लुवास में हर साल आते हैं 60 से अधिक केस -
लुवास के डेयरी साइंस कालेज में वेटरनरी सर्जरी एंड रेडियोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. दीपक कुमार तिवारी ने बताया कि दांतों की बीमारियों के कारण कुत्तों को दूसरी कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं। लुवास में हर वर्ष दांतों की समस्याओं को लेकर करीब 60 कुत्ते लाए जाते हैं। यहां इन कुत्तों के दांतों का प्रारंभिक इलाज तो कर दिया जाता था लेकिन दातों की स्के¨लग ओर पॉलि¨सग नहीं हो पाती थी। कई बार दांतों का पूरा इलाज नहीं हो पाने के कारण कुत्तों को दिल्ली-एनसीआर में लेकर जाना पड़ता था। जहां केवल दांतों की सफाई के ही एक हजार से 1500 रुपये लिए जाते हैं। ऐसे में हरियाणा के किसी भी पशु संस्थान में पहली बार कुत्तों के दांतों के पूरे इलाज की सुविधा शुरू हुई है।
-- कुत्तों में दातों से संबंधित केसों की संख्या लगातार बढ़ रही थी। इसलिए यहां पर डेंटल स्के¨लग एंड पॉलि¨सग के अलावा डेंटल एक्सरे की सुविधा शुरू की गई है। हालांकि इससे पहले हमारे विभाग में कुत्तों की दूसरी बीमारियों का इलाज पहले से ही हो रहा है। हरियाणा में भी लोग बड़ी संख्या में कुत्तों को पालते हैं, जिन्हें अब दूर नहीं जाना पड़ेगा।
- डा. अशोक कुमार, विभागाध्यक्ष, वेटरिनरी सर्जरी एंड रेडियोलॉजी, लुवास हिसार