झज्जर में अब किसान सैकड़ों एकड़ जमीन पर बिना परेशानी कर पाएंगे खेती, जलभराव की नहीं होगी समस्या
हर साल जलभराव से फसल व जमीन खराब होने की समस्या से भी छुटकारा मिलने जा रहा है। झज्जर व आसपास के किसानों किसानों के लिए राहत भरी खबर है। सैकड़ों एकड़ जमीन पर जलभराव का कारण बनने वाली झज्जर लिंक ड्रेन को अब आरसीसी बाक्स से करव किया जाएगा।
जागरण संवाददाता,झज्जर : अब किसान बिना किसी परेशानी के सैकड़ों जमीन पर खेती कर पाएंगे। वहीं हर साल जलभराव से फसल व जमीन खराब होने की समस्या से भी छुटकारा मिलने जा रहा है। झज्जर व आसपास के किसानों किसानों के लिए राहत भरी खबर आई है। सैकड़ों एकड़ जमीन पर जलभराव का कारण बनने वाली झज्जर लिंक ड्रेन को अब आरसीसी बाक्स से करव किया जाएगा। जिसके लिए टेंडर लगाया गया है। ताकि इस काम को जल्दी से जल्दी पूरा किया जा सके। ड्रेन आरसीसी बाक्स से कवर होने के बाद ओवर फ्लो होने की समस्या से भी छुटकारा मिल जाएगा।
साथ ही बाईपास के साथ-साथ ड्रेन होने के कारण हादसों का भी डर बना रहता है। क्योंकि ड्रेन बाईपास से काफी नीची है और बिल्कुल साथ में है। जिस कारण यहां से गुजरने वाले वाहन अनियंत्रित होकर ड्रेन में गिरने का भय रहता है। पहले भी कई वाहन ड्रेन में गिर चुके हैं।
झज्जर लिंक ड्रेन को करीब 44.76 करोड़ रुपये की लागत से आरसीसी बाक्स से करवा किया जाएगा। इसके लिए सिंचाई विभाग ने टेंडर लगाया गया है। जिसकी अंतिम तिथि 15 दिसंबर है। वहीं 17 दिसंबर को टेंडर खुलेगा। इसके बाद उम्मीद लगाई जा रही है कि जनवरी 2022 में ड्रेन को आरसीसी बाक्स से कवर करने का कार्य शुरू हो सकता है। जो शहरवासियों ही नहीं आसपास के गांव में रहने वालों के लिए भी सौगात होगी।
ड्रेन लोगों के लिए काफी समय से समस्या बनी हुई थी। अधिकारियों ही नहीं सीएम के समक्ष भी इस समस्या को उठाया गया। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने लोगों की समस्याओं को देखते हुए घोषणा की थी। जिसको अब मूर्त रूप मिलने जा रहा है। हालांकि जब तक पूरी ड्रेन आरसीसी बाक्स से कवर नहीं हो जाती, तब तक समस्या का समाधान भी नहीं हो पाएगा।
झज्जर लिंक ड्रेन को करीब 40 साल पहले आई बाढ़ का पानी निकालने के लिए बनाया गया था। ड्रेन को बनाने का उद्देश्य था कि शहर के बरसाती पानी को निकाला जा सके, लेकिन अब इसका अधिक इस्तेमाल सीवर का पानी निकालने के लिए ही हो रहा है। वहीं बरसात के दिनों में तो पानी अधिक होने के कारण ड्रेन ओवर फ्लो होने की स्थिति बनी रहती है। जिस कारण ड्रेन के आसपास लगते सभी खेत जलमग्न रहते हैं। इसका असर यह हुआ कि काफी खेतों में तो किसानों ने खेती करना तक छोड़ दिया है। इसका कारण भी यही है कि ड्रेन ओवर फ्लो होने के कारण खेतों में पानी भरा रहता है और खेती नहीं कर सकते।
-सिंचाई विभाग के एसई सतीश ने बताया कि झज्जर लिंक ड्रेन को आरसीसी बाक्स से कवर करने के लिए टेंडर लगाया गया है। इसमें करीब 44.76 करोड़ लागत आएगी। टेंडर खुलने के बाद जल्द ही इसका काम भी शुरू हो जाएगा।