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Research: कुत्ते ही नहीं, सेंसर भी सूंघ लेंगे विस्फोटक, बताएंगे कहां छिपा बम

गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय और भाभा परमाणु शोध केंद्र के चल रहे 63वें डीएई सोलिड स्टेट फिजिक्स सिम्पोजियम में बताया गया कि गुजवि नैनो मैटिरयल बेस्ड कैमिकल सेंसर बना रही है।

By manoj kumarEdited By: Published: Thu, 20 Dec 2018 12:11 PM (IST)Updated: Thu, 20 Dec 2018 08:44 PM (IST)
Research: कुत्ते ही नहीं, सेंसर भी सूंघ लेंगे विस्फोटक, बताएंगे कहां छिपा बम
Research: कुत्ते ही नहीं, सेंसर भी सूंघ लेंगे विस्फोटक, बताएंगे कहां छिपा बम

हिसार[संदीप बिश्नोई] आमतौर पर कहीं पर भी विस्फोटक होने की सूचना मिलने पर विशेष कुत्तों को साथ ले जाया जाता है और कुत्ते सूंघकर इशारा करते हैं कि विस्फोटक कहां पर है। लेकिन अब इलेक्ट्रोनिक नोज यानि कि सेंसर द्वारा भी इस काम को अंजाम दिया जा सकेगा। किसी भी एयरपोर्ट या भवन में या उसके आसपास भी कोई विस्फोटक लेकर जाएगा तो उस भवन पर लगी छोटी सी इलेक्ट्रोनिक नोज कुत्तों की तरह उसे सूंघ लेगी और बीप के माध्यम से इंडिकेट देकर सचेत कर देगी। यह सेंसर आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले मुख्य टीएनटी यानी ट्राइनाइट्रोटॉल्विन और हाइड्रोजिम जैसे खतरनाक विस्फोटक को भी डिटेक्ट कर लेंगे।

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गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डा. नीरज दिलबागी डीआरडीओ (डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन) से मिले डेवलपमेंट ऑफ नॉवेल नैनो मैटिरियल बेस्ड कैमिकल सेंसर फॉर डिटेक्शन ऑफ एक्सप्लोसिव विषय पर चल रहे शोध में यह बात सामने आई है। डा. दिलबागी बुधवार को गुजवि में भाभा परमाणु शोध केन्द्र के सौजन्य से चल रहे 63वें डीएई सोलिड स्टेट फिजिक्स सिम्पोजियम में अपने प्रोजेक्ट को लेकर व्याख्यान दे रहे थे।

पार्ट पर मिलियन की मात्रा भी सुंघ लेगी यह इलेक्ट्रोनिक नोज

डा. नीरज दिलबागी ने बताया कि जितने भी बड़े आतंकी संगठन है, वे टीएनटी विस्फोटक का इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि यह उनको आसानी से मिल जाता है। इस सामग्री से वे बम बनाते हैं। लेकिन जो विस्फोटक चीज बनाई गई है, उसके आस-पास यह विस्फोटक सामग्री बहुत मामूली मात्रा में उड़ती रहती है। इसे कुत्तों द्वारा सूंघ लिया जाता है। लेकिन खोजी कुत्तों को वहां तब ले जाया जाता है, जब वहां पर विस्फोटक होने की सूचना मिलती है। अब यह नाक पार्ट पर मिलियन की मात्रा में भी विस्फोटक को सूंघ सकती है।

विस्फोटक सामग्री सूंघते ही बदल जाएगा नाक का रंग

डा. दिलबागी के अनुसार हम चाहते हैं कि एयरपोर्ट या किसी भवन में विस्फोटक सामग्री जाने ही न पाए। इसके लिए उसके गेट व आस-पास के स्थानों पर इलेक्ट्रोनिक नाक लगा दी जाए। जब विस्फोटक पदार्थ इन इलेक्ट्रोनिक नाक के आस-पास से निकाला जाएगा तो ये नाक उसे सूंघ लेगी और संकेत कर देगी। यही नहीं विस्फोटक सूंघने के बाद सायरन के साथ ही इस नाक का रंग भी बदल जाएगा। इससे न केवल विस्फोटक सामग्री बल्कि उसका इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति भी पकड़ा जाएगा।


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