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न डेबिट कार्ड का नंबर पूछा न ही कार्ड बदला, फिर भी निकाल लिए 24 हजार

पहले डेबिट कार्ड का कोड पूछकर या फिर चालाकी से डेबिट कार्ड बदलकर पैसे निकालकर ठगी करने के मामले देखने व सुनने को मिलते थे। परंतु अब ठगों द्वारा यह नया पैंतरा अपनाया है।

By manoj kumarEdited By: Published: Tue, 23 Jul 2019 05:33 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jul 2019 05:33 PM (IST)
न डेबिट कार्ड का नंबर पूछा न ही कार्ड बदला, फिर भी निकाल लिए 24 हजार
न डेबिट कार्ड का नंबर पूछा न ही कार्ड बदला, फिर भी निकाल लिए 24 हजार

कुलां, जेएनएन। एटीएम मशीन से नकदी निकाल रहे हैं, तो जरा सावधान रहे। कहीं ऐसा न हो कि जालसाज आपके डेबिट कार्ड का क्लोन बनाकर यानि डुप्लीकेट कार्ड तैयार कर बैंक बैलेंस खाली कर दें। इससे पहले डेबिट कार्ड का कोड पूछकर या फिर चालाकी से डेबिट कार्ड बदलकर पैसे निकालकर ठगी करने के मामले देखने व सुनने को मिलते थे। परंतु अब ठगों द्वारा यह नया पैंतरा अपनाया जाने लगा है।  ऐसा ही मामला सामने आया जब गांव धारसूल कलां स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कार्यरत शिक्षक प्रेम सिंह के खाते से 24 हजार रुपये निकाल लिए गए।

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उन्होंने बताया कि उसके पास एटीएम कार्ड होने के बाद भी सोमवार को उनके मोबाइल पर बैंक खाते से एटीएम के जरिए 24 हजार रुपए निकलने का संदेश आया। तो वह हैरान रह गया। उसने आनन-फानन में बैंक स्टेटमेंट की जांच की तो खाते से उतनी रकम का ट्रांजेक्शन हुआ मिला। उन्होंने बैंक के माध्यम से इसकी जानकारी प्राप्त की। जांच में पता चला कि एटीएम के माध्यम से यह राशि निकाली गई है। प्रेम ङ्क्षसह ने बताया कि अब उसने इसकी शिकायत पुलिस को दी है।

गुप्त कैमरे से लेते हैं पिन कोड

एटीएम केबिन में ही एक अस्थाई कैमरा इस तरह से लगाया जाता है, कि यह सामने वाले को दिखाई नहीं देता है अथवा इसका फोकस एटीएम में लगे की पैड पर ही होता है। जब उपभोक्ता डेबिट कार्ड का पिन नंबर दबाते हैं, तो कैमरे के माध्यम से यह रिकार्ड हो जाता है, कि कौन-कौन से नंबर वाले बटन दबाए गए हैं।।    

जालसाज ऐसे देते है घटना को अंजाम

कार्ड क्लोनिंग करने के लिए जालसाज किसी डेबिट कार्ड का क्लोन बना लेते हैं, यानि वैसा ही एक डुप्लीकेट कार्ड तैयार कर उसका इस्तेमाल करते हैं। बताया गया है कि मैग्नेटिक स्ट्रिप वाले एटीएम डेबिट कार्ड के पीछे की ओर एक काली पट्टी होती है। इसमें एटीएम एवं बैंक खाते की पूरी डाटा रहती है। जालसाज स्कीमर मशीन की बैटरी से ऑपरेट होने वाले छोटे से कार्ड रीडर में एटीएम कार्ड को स्वैप कर, उसकी डाटा कॉपी कर लेते हैं, फिर लैपटॉप में डाटा सेव कर लेते हैं। इसके बाद नया कार्ड लगाकर सॉफ्टवेयर के जरिए लैपटॉप से उक्त डाटा को स्टोर कर देते हैं इससे डुप्लीकेट एटीएम तैयार हो जाता है।


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