Move to Jagran APP

हमारे यौद्धा : पारिवारिक रिश्ता तो नहीं लेकिन अंतिम संस्कार कर मानवता का धर्म निभा रही हिसार की टीम

ऐसे कोरोना योद्धा भी है जिनका कोरोना के कारण मरने वालों से कोई रिश्ता तो नहीं लेकिन वे अपनी ड्यूटी के साथ-साथ मानवीय धर्म को बखूबी निभा रहे है। ऐसे है नगर पालिका कर्मचारी संघ के ईकाई प्रधान एवं निगम कर्मचारी प्रवीन कुमार और उनकी टीम के सदस्य

By Manoj KumarEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 10:29 AM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 10:29 AM (IST)
हमारे यौद्धा : पारिवारिक रिश्ता तो नहीं लेकिन अंतिम संस्कार कर मानवता का धर्म निभा रही हिसार की टीम
हिसार में प्रवीन प्रधान की टीम करीब 300 कोरोना संक्रमितों का अंतिम संस्‍कार करवा चुकी है।

हिसार [पवन सिरोवा] कोरोना संक्रमण के कारण मौतों के बढ़ते आंकड़े से लोग भयभीत है। हालात ये है कोरोना के कारण कई लोगों को अपनों का कंधा तक नसीब नहीं हो रहा तो कोई बेटा होकर अपने पिता का अंतिम संस्कार नहीं कर पाया। वहीं कई लोगों कोरोना संक्रमण या उसके डर के कारण अपने परिवार के सदस्य की अंतिम यात्रा में शामिल नहीं हो पाया। इस परिस्थिति में ऐसे कोरोना योद्धा भी है जिनका कोरोना के कारण मरने वालों से कोई रिश्ता तो नहीं लेकिन वे अपनी ड्यूटी के साथ-साथ मानवीय धर्म को बखूबी निभा रहे है। ऐसे है नगर पालिका कर्मचारी संघ के ईकाई प्रधान एवं निगम कर्मचारी प्रवीन कुमार और उनकी टीम के सदस्य। जो पिछले एक साल से अधिक समय से कोरोना के कारण जान गंवाने वालों का अंतिम संस्कार या फिर मिट्टी दे रहे है।

loksabha election banner

प्रवीन प्रधान की टीम में ये योद्धा है शामिल

प्रवीन प्रधान के नेतृत्व में सफाई शाखा के कर्मचारी पवन कुमार, राजेश बागड़ी, देव कुमार और प्रमोद कुमार पिछले साल 12 अप्रैल 2020 से अब तक कोरोना के कारण जान गंवाने वाले 300 से अधिक का अंतिम संस्कार कर चुके है।

-- -- मौत के मुंह में है फिर भी लगातार निभा रहे मानवता का धर्म

प्रवीन प्रधान की जुबानी पूरी कहानी : हमें प्रशासन ने कोरोना के कारण मरने वालों के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी सौंपी। मैं यूनियन प्रधान हूं ऐसे में मेरा फर्ज बनता था कि साथियों के लिए प्रेरणा बनूं। इसी लिए मैंने और यूनियन के दूसरे साथी व कर्मचारियों ने इस काम की जिम्मेदारी संभाली। हम पांच साथियों ने अंतिम संस्कार करना शुरु किया। आज तक कर रहे है। हालात ये है कि परिवार से पिछले एक साल से दूरी बनाए हुए है। सभी साथियों ने घर में अलग कमरे में परिवार से दूरी बनाकर रह रहे है। दूरी बनाकर ही परिवार से बातचीत करते है।

-- कोई पकड़ रहा गिरेबान तो कोई कह रहा भला बूरा, तो कोई कर रहा धन्यवाद

कोरोना याेद्धाओं को हर जगह सम्मान मिले यह जरुरी तो नहीं। हमारे सामने भी कई दिक्कत आती है कई बार शव को देखने के लिए परिजन हमारे साथ दुर्व्यवहार तक कर देते है। सरकार की गाइडलाइन की पालना करते हुए कई बार कर्मचारी की परिजन गिरेबान तक पकड़ लेते है। लेकिन उस दुख की घड़ी में हमें भी लोगों के दर्द का एहसास है इसलिए वह अपमान भी सहकर हम अंतिम संस्कार कर रहे है। वहीं कई लोग हमारे कार्य की सराहना करते हुए धन्यवाद भी कर रहे है।

-- अंतिम संस्कार से मिली राशि से कर रहे दान

डर के साये में अपनी सुबह 7 बजे से रात 12 बजे तक अपनी ड्यूटी करने वाले ये योद्धा दान देने में भी पिछले नहीं है। मरने वालों का अंतिम संस्कार करने पर सरकार इन्हें आर्थिक सहयोग करती है उस राशि में भी ये योद्धा दान कर रहे है। प्रवीन प्रधान ने जहां पहली 50 अंतिम संस्कार की राशि ही नहीं ली। वहीं 11 हजार रुपये देवी भवन अग्रवाल ट्रस्ट, 11 हजार रुपये कोरोना काल में मजदूरों के भोजन के लिए अनाजमंडी में दान, 51 हजार रुपये नगर पालिका कर्मचारी संघ में सहयोग, 15 हजार रुपये तेलीयानपुल के पास मंदिर और 11 हजार रुपये वाल्मीकि मंदिर पटेल नगर में दान दिए। इसके अलावा उनकी टीम जरुरतमंद लोगों के लिए भोजन मुहैया करवाने में अपना सहयोग दे रही है।

-- मेरी व्यक्तिगत रुप से हर व्यक्ति से गुजारिश है कि कोरोना के इस मुश्किल वक्त में सभी अपने घर पर रहें और सरकार की गाइडलाइन की पालना करे। इस समय यही हमारा धर्म है जिसकी हमें पालना करनी चाहिए।

- प्रवीन कुमार, अंतिम संस्कार करने वाली टीम इंचार्ज एवं इकाई प्रधान नगर पालिका कर्मचारी संघ हिसार।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.