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उत्तर पश्चिम रेलवे ने छह महीने में कबाड़ को बेचकर 80 करोड़ रुपये कमाए

स्क्रैप के हटने से सुरक्षा और रेलवे परिसरों की स्वच्छता में हुई वृद्धि

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 07:15 AM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 07:15 AM (IST)
उत्तर पश्चिम रेलवे ने छह महीने में कबाड़ को बेचकर 80 करोड़ रुपये कमाए
उत्तर पश्चिम रेलवे ने छह महीने में कबाड़ को बेचकर 80 करोड़ रुपये कमाए

स्क्रैप के हटने से सुरक्षा और रेलवे परिसरों की स्वच्छता में हुई वृद्धि

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जागरण संवाददाता, हिसार : रेलवे की ओर से रेल परिसरों में अनुपयोगी और व्यर्थ पड़े कबाड़ (स्क्रैप) के निस्तारण करने के लिए अनेक कार्य किए जा रहे हैं, जिससे इनके हटने से सुरक्षा में वृद्धि होने के साथ-साथ परिसरों में स्वच्छता को भी सुनिश्चित किया जा सके। विजय शर्मा, महाप्रबंधक उत्तर पश्चिम रेलवे के दिशा-निर्देशों और प्रयासों से उत्तर पश्चिम रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के प्रथम 6 माह में अनुपयोगी और व्यर्थ पड़े कबाड़ (स्क्रैप) को बेचकर 80.33 करोड़ रुपये की आय का अर्जन किया है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि यह उपलब्धि इस वर्ष कोरोना की दूसरी लहरी के कारण मई माह में स्क्रैप की कोई भी नीलामी नहीं होने के उपरांत प्राप्त की गई है।

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार भंडार विभाग द्वारा फील्ड यूनिट्स से पुराने कबाड़ को हटाने और बेचने के लिए अभियान के तहत कार्य किया जा रहा है। भंडार विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष के सितंबर माह तक उत्तर पश्चिम रेलवे पर 80.33 करोड़ रुपये के कबाड़ (स्क्रैप स्कूल) का निस्तारण कर राजस्व प्राप्त किया जोकि वर्ष 2020-21 के सितंबर माह के 48.39 करोड़ की तुलना में 66 फीसद अधिक है।

रेलवे के इन प्रयासों से जहां रेलवे परिसर की स्वच्छता में वृद्धि हुई है, वहीं दूसरी ओर रेलवे की सुरक्षा में भी वृद्धि हुई है। स्क्रैप के निस्तारण के लिए भंडार विभाग द्वारा नई तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है जिनमें ट्रेक मैनेजमेंट सिस्टम व ड्रोन सर्वे सम्मिलित है। उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा वर्ष 2021-22 के अंत तक जीरो स्क्रैप का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।


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