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हरियाणा में उत्तर-पश्चिमी सर्द हवाएं बन रही रात का तापमान गिरने की वजह, जानें आगे कैसा रहेगा मौसम

शीतलहर के कारण हरियाणा में जनजीवन ठिठुराने लगा है। न्यूनतम तापमान शून्य की ओर जा रह है। इन दिनों चल रही पश्चिमी व उत्तर-पश्चिमी सर्द हवाएं रात का तापमान गिरने की वजह बन रही हैं। अगले कुछ दिनों तक इस कंपकंपाने वाली सर्दी से राहत के कोई आसार नहीं है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 20 Dec 2021 12:49 PM (IST)Updated: Mon, 20 Dec 2021 12:49 PM (IST)
हरियाणा में उत्तर-पश्चिमी सर्द हवाएं बन रही रात का तापमान गिरने की वजह, जानें आगे कैसा रहेगा मौसम
हरियाणा में सर्दी बढ़ने के कारण बुजुर्गों और बच्‍चों का विशेष ख्‍याल रखने की जरूरत है

जागरण संवाददाता, रोहतक : तीन दिन से चल रही शीतलहर के कारण हरियाणा में जनजीवन ठिठुराने लगा है। न्यूनतम तापमान शून्य की ओर जा रह है। इन दिनों चल रही पश्चिमी व उत्तर-पश्चिमी सर्द हवाएं रात का तापमान गिरने की वजह बन रही हैं। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो अभी अगले कुछ दिनों तक इस कंपकंपाने वाली सर्दी से राहत के कोई आसार नहीं है। सर्द हवाओं के चलने से अधिकतम और न्यूनतम तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की जा रही है।

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सोमवार को रोहतक का न्यूनतम तापमान तीन डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि अधिकतम तापमान भी 19 डिग्री सेल्सियस रहा है। हिसार में तापमान शून्‍य तक जा पहुंचा है। सुबह के समय हल्का कोहरा छाया रहने से लोगों की दिनचर्या भी प्रभावित हुई लेकिन करीब आठ बजे सूर्य देव ने दर्शन दिए तो लाेगों को कुछ राहत मिली है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि एवं मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. एमएल खिचड़ ने बताया कि पश्चिमी व उत्तर पश्चिमी शीतलहर के कारण ठंडक बनी हुई है। ठंडी हवाएं दिन का नहीं रात का तापमान गिराने की वजह बनी हुई है। फिलहाल बारिश होने तक यही स्थिति बनी रहेगी। वहीं, तापमान कम होने के कारण सुबह हलका कोहरा छाया रहेगा।

संवेदनशील फसलों की करें अधिक देखभाल

डा. खिचड़ के मुताबिक इन दिनों तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की जा रही है। जिसके चलते पाला गिरने की सूचनाएं भी मिल रही हैं। ऐसे में संवेदनशील फसलों की अधिक देखभाल किए जाने की जरूरत है। इन दिनों सरसों, चना, आलू, मिर्च व बैंगन आदि फसलों को पाले से बचाने के लिए उनमें हलकी सिंचाई की जानी चाहिए। इसके अलावा पश्चिमी हवाओं से होने वाले नुकसान से बचाव के लिए पश्चिमी दिशा से ही फसल में धुआं किया जाना चाहिए।

अगले सप्ताह मौसम में फिर बदलाव के आसार

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक अगले सप्ताह मौसम में फिर से बदलाव होने के आसार बने हुए हैं। अगले सप्ताह पश्चिमी विक्षोभ के चलते बारिश हो सकती हैं। 22 और 25 दिसंबर को पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम में बदलाव हो सकता है। हालांकि उससे पहले मौसम में ऐसा ही बना रहेगा और रात में अधिक सर्दी बनी रहेगी। उधर, सर्दी से बचाव के लिए लोगों ने गर्म खाद्य व पेय पदार्थों का अधिक सेवन करना शुरू कर दिया है। बाइक सवार या रात के समय ड्यूटी देने वालों ने दस्ताने, चद्दर व गर्म जैकेट आदि का इंतजाम कर लिया है।


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