बालसमंद बस अड्डे पर निगरानी के लिए न चौकीदार, न सीसीटीवी कैमरे
बालसमंद बस अड्डा पर रात्रि में निगरानी के लिए न तो कोई चौकीदार तैनात रहता है और न ही वहां सीसीटीवी कैमरे लगे है। यहां तक कि बस अड्डा या रोड पर सूचना के तौर पर कोई नोटिस बोर्ड भी नहीं लगाया है।
जागरण संवाददाता, हिसार : बालसमंद बस अड्डा पर रात्रि में निगरानी के लिए न तो कोई चौकीदार तैनात रहता है और न ही वहां सीसीटीवी कैमरे लगे है। यहां तक कि बस अड्डा या रोड पर सूचना के तौर पर कोई नोटिस बोर्ड भी नहीं लगाया है। बालसमंद भादरा रूट सबसे व्यस्त रूटों में से एक है। ऐसे में रात्रि में बस अड्डा पर चार से पांच बसें खड़ी होती है। इस वजह से शरारती तत्व रोडवेज बसों को क्षतिग्रस्त कर सकते है या अन्य घटना को अंजाम दे सकते है। इस बारे में जीएम का कहना है कि कर्मियों ने अभी तक इस समस्या से पहले अवगत क्यों नहीं करवाया।
पिछले साल ही बस अड्डा का अनावरण हुआ था, लेकिन अब तक रोडवेज विभाग की ओर से बस अड्डा की व्यवस्थाओं में सुधार करने को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। यह बस अड्डा एक करोड़ 15 लाख रुपये की लागत से बनाया गया था। हालांकि, बस अड्डा पर एक बार पहले वारदात हो चुकी है। इसके बावजूद रोडवेज विभाग लापरवाही बरत रहा है। जब बस अड्डा शुरू हुआ था तो उस समय पंखे व लाइटें भी लगी थी। कुछ दिन बाद ही शरारती तत्वों ने पंखे व लाइटें तोड़कर काफी क्षति पहुंचाई थी। इसके बाद रात को एक कर्मी सोता है। वह दिनभर ड्यूटी करता है। अनहोनी होने पर थकान के कारण उठ पाना भी मुश्किल होगा। ---------------
पानी निकासी का भी उचित प्रबंध नहीं
बस अड्डा पर पानी निकासी का भी उचित प्रबंध नहीं है। बारिश में जलभराव हो जाता है। शनिवार को बारिश में पानी जमा हो गया था, जिससे यात्रियों को परेशानी हुई। यात्रियों के लिए पीने के पानी की कैंपर की व्यवस्था है।
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न बूथों पर नाम
ग्रामीण व यात्रियों का कहना है कि बस अड्डा पर तीन से चार बूथ बनाए हुए है, पर किसी बूथ पर नाम नहीं है कि किस बूथ से बस किस रूट पर जाएगी। कोई बस आती है तो सीधी परिसर में खड़ी होती है। बसों के रूट की समय सारिणी भी नहीं बनाई है, जिससे यात्रियों को आसानी हो सके।
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मेरे पास ऐसी कोई शिकायत नहीं है। हम तो चाहते है कि सभी काम सही तरीके से हो। चौकीदार जरूरी है, नहीं है तो इसकी बस अड्डा प्रभारी को सूचना देनी चाहिए। तभी व्यवस्था बनेगी। मैं स्टाफ से बात करुंगा।
राहुल मित्तल, जीएम, हिसार डिपो।