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शिक्षा विभाग की इस नीति से निकलेगा निजी स्कूलों में 134ए के तहत दाखिले के लिए फंसा पेच

प्राइवेट स्कूलों में दाखिले से संबंधित समस्याओं के लिए अब अभिभावकों को दर-दर भटके की जरूरत नही है। क्योंकि शिक्षा विभाग की ओर से एफएफआरसी नामक एक कमेटी का गठन किया ह

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 May 2018 12:24 PM (IST)Updated: Wed, 09 May 2018 12:27 PM (IST)
शिक्षा विभाग की इस नीति से निकलेगा निजी स्कूलों में 134ए के तहत दाखिले के लिए फंसा पेच
शिक्षा विभाग की इस नीति से निकलेगा निजी स्कूलों में 134ए के तहत दाखिले के लिए फंसा पेच

जेएनएन, हिसार :

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प्राइवेट स्कूलों में दाखिले से संबंधित समस्याओं के लिए अब अभिभावकों को दर-दर भटके की जरूरत नही है। क्योंकि शिक्षा विभाग की ओर से एफएफआरसी नामक एक कमेटी का गठन किया है, जोकि प्राइवेट स्कूलों से संबंधित समस्या को लेकर सुनवाई करेगी, जिसमें डीईओ, बीईओ, संबंधित स्कूल प्राचार्य और प्राइवेट स्कूल के सदस्य शामिल किए है। ताकि 134ए के तहत दाखिले और सामान्य दाखिले को लेकर आने वाली समस्या का निपटारा कम से कम समय में किया जा सकें। इस कमेटी का नाम फीस एंड फंड रेगुले¨टग कमेटी रखा गया है। जोकि अभिभावकों की समस्याओं से निजात दिलाएंगे। इस कमेटी का मुख्य उद्देश्य यह है कि पिछले दिनों 134ए के तहत प्राइवेट स्कूलों में दाखिले को लेकर अभिभावकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। अभिभावक अपनी समस्या को लेकर बीईओ कार्यालय के चक्कर काट रहे थे। लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा था। इसी से निजात दिलाने के लिए सरकार ने एफएफआरसी कमेटी का गठन किया है।

कमेटी में होंगे आठ सदस्य

एफएफआरसी कमेटी में कुल आठ सदस्य शामिल किए गए है, जिसमें जिला प्रशासन से संबंधित कई अधिकारी जोड़े गए है, एडीसी, डीईओ, बीईओ, स्कूल ¨प्रसीपल सहित प्राइवेट स्कूल संघ के सदस्य शामिल होंगे। सुनवाई के दौरान अभिभावक अपनी समस्या को कमेटी के आगे पेश करेंगे, जिस पर संबंधित प्राइवेट स्कूल के मुखिया को जवाब देना होगा। अगर संबंधित प्राइवेट स्कूल संचालक दोषी पाया जाता है तो सरकार की ओर से मुखिया पर कार्रवाई की जाएगी।

ये होंगे नियम

- तीन माह से ज्यादा अभिभावकों से बच्चों की फीस प्राइवेट स्कूल नहीं ले सकता है।

- 31 दिसंबर से पूर्व प्राइवेट स्कूल संचालकों को स्कूल से संबंधित तमाम जानकारी शिक्षा विभाग को ऑनलाइन रिपोर्ट करवानी होगी।

- कोई भी स्कूल फीस बढ़ाना चाहता है तो इससे पूर्व डीईओ को प्रमाण देना अनिवार्य होगा।

- प्राइवेट स्कूल कामर्शियल जमीन का यूज नहीं कर पाएंगे।

- किसी भी अभिभावक को ड्रेस या फिर किताबें खरीदने के लिए कोई भी प्राइवेट स्कूल बाध्य नहीं कर करेगा। अभिभावकों के सामने ये आ रही थी समस्या

- 134ए के तहत मेरिट लिस्ट में आने के बावजूद भी बच्चों के नाम अलॉट किए स्कूल की लिस्ट से नाम गायब थे।

- बच्चों के स्कूल लि¨वग सर्टीफिकेट के लिए कई प्राइवेट स्कूल राशि मांग रहे थे।

- शहर के बड़े स्कूल ने मंथली फीस में 50 फीसद तक इजाफा कर दिया। वो भी शिक्षा विभाग को बिना जानकारी दिए बिना।

- अधिकांश स्कूलों ने तो एडमिशन के नाम पर अभिभावकों से फीस भी वसूली थी।

एफएफआरसी कमेटी से अभिभावक स्कूलों में दाखिले से संबंधित समस्या का निपटारा करवा सकेंगे, जिसमें जिला प्रशासन के कई अधिकारी भी मौजूद होंगे। ताकि अभिभावकों का किसी भी प्रकार का कोई शोषण न हो पाए।

- बलजीत ¨सह सहरावत, जिला शिक्षा अधिकारी।


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